Sarso Tel : सरसों तेल का इस्तेमाल करने वाले हो जाएं सावधान, FSSAI ने दी अहम सूचना
My Job alaram - दूध, घी, पनीर, मसाले, तेल, चावल, चीनी और दाल लगभग सभी खाद्य पदार्थों में मिलवाट की जा रही है। हाल ही में देश के दो बड़े मसाला ब्रांड में कैंसर वाले तत्वों का पता चला जिसके चलते कई देशों ने उन पर बैन लगा दिया। इसके बाद खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता पर नजर रखने वाली संस्था भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) हरकत में आ गई है।
हाल ही में FSSAI की ओर से सूचना दी गई है कि राजस्थान में 20 हजार लीटर नकली खाने के तेल (sarso tel) को पकड़ा है। अजमेर के मेडिकल और हेल्थ विभाग ने फेमस ब्रांड्स के नकली लेबल वाले इस तेल (mustard oil) को जब्त किया है। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि नकली तेल को फेमस ब्रांड्स के डुप्लीकेट लेबल लगाकर और मिलावट करके तैयार किया जा रहा था।
नकली खाने के तेल मिलावटी या नकली उत्पाद होते हैं जिन्हें असली तेल की तरह दिखाने के लिए बनाया जाता है। इन नकली तेलों को अक्सर सस्ते तेलों को असली तेल में मिलाकर या खाने के लायक नहीं, हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। मिलावट में आमतौर पर महंगे तेलों में पाम या सोयाबीन जैसा सस्ता तेल मिलाया जाता है।
सेहत के लिए खतरनाक नकली तेल
FSSAI ने बताया कि नकली तेल बनाने के लिए कई और तरीके अपनाए जाते हैं। कभी-कभी कम गुणवत्ता वाले तेल या मिलावटी तेल को छिपाने के लिए आर्टिफिशियल कलर और फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ धोखाधड़ी वाले तरीकों में पुराने, खराब हो चुके तेलों को दोबारा प्रोसेस करके और उनकी बदबू दूर करने के लिए डीओडराइज्ड किया जाता है। ऐसा करके उनकी असलियत छिपाई जाती है। ये हेरफेर न सिर्फ ग्राहकों को धोखा देते हैं बल्कि असली उत्पाद के पोषण गुणों और सुरक्षा को भी खराब कर देते हैं।
सेहत को कैसे नुकसान पहुंचाता है नकली तेल
आपको बता दें कि बाजार में मौजूद तेलों में आर्टिफिशियल रंग, फ्लेवर और केमिकल डाले जाते हैं। इन तेलों की गुणवत्ता बहुत ही खराब होती है। कई मामलों में यह भी देखा गया है कि कंपनियां पुराने और पहले से खराब तेल को दोबारा प्रोसेस और इनकी बदबू दूर करके बाजार में बेच रही हैं। इनमें पोषण के नाम पर कुछ नहीं होता है। ये तेल हानिकारक फैट से भरे होते हैं। इनका अगर नियमित सेवन किया जाता है, तो यह शरीर में कई गंभीर बीमारियों के विकास में योगदान दे सकते हैं जैसे,
- नकली तेल हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
- केमिकल युक्त मिलावट वाले तेल को खाने से शरीर में कैंसर जैसे रोग हो सकते हैं
- यह हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाने में योगदान देता है जैसे मोटापा, हाई बीपी, शुगर की की बीमारी, हाई कोलेस्ट्रॉल आदि।
- इस तरह के खतरनाक तेल का सेवन करने से लिवर और किडनी भी डैमेज हो सकते हैं
- इस तरह के खतरनाक तेल को खाने से शरीर में सूजन भी बढ़ती है, जो शरीर में गंभीर रोगों को ट्रिगर कर सकती है।
नकली तेल की जांच कैसे करें
नकली तेलों की पहचान करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन कुछ तरीके अपनाकर आप खुद को बचा सकते हैं। सबसे पहले तो देखना है कि तेल का रंग, गंध और स्वाद कैसा है। असली तेल का एक खास रंग, गंध और स्वाद होता है, अगर आपको इनमें से कुछ भी अजीब लगता है तो सावधान हो जाएं। तेल की जांच के लिए फैटी एसिड की मात्रा और क्रोमेटोग्राफी टेस्ट जैसे कैमिकल टेस्ट किए जाते हैं। इन टेस्ट से पता चलता है कि तेल में मिलावट तो नहीं है या कोई खाने के लायक नहीं चीज तो नहीं है। असली तेलों में एक खास पहचान होती है, जिसे लैब टेस्ट (lab test) कराने पर पता लगाया जा सकता है।
तेल में TOCP की ऐसे करें जांच
तेल की क्वालिटी को खराब करने के लिए इसमें tri-ortho-cresyl-phosphate (TOCP) जैसे केमिकल कंपाउंड का इस्तेमाल करते हैं, जो जानलेवा है। FSSAI ने बताया इसकी जांच ऐसे करें-
- एक कंटेनर में 2एमएल तेल लें और उसमें एक टुकड़ा मक्खन का डालें
- अगर तेल में मिलवाट नहीं है, तो उसका रंग नहीं बदलेगा
- अगर मिलावट है तो उसका रंग बदलकर लाल हो जाएगा।
सरसों तेल की पहचान का आसान तरीका (genuine mustard oil identification)
असली सरसों तेल की पहचान (Mustard Oil Identification) करने का एक और आसान सा तरीका है। सरसों के तेल में मिलावट का पता लगाने के लिए आप फ्रिज की मदद ले सकते हैं। आप थोड़ा सा सरसों तेल लेकर इसे फ्रिज में रख दें। अब कुछ देर बाद देखने पर असली सरसों का तेल पहले जैसा ही नजर आएगा। वहीं अगर सरसों के तेल (mustard oil) की सतह पर सफेद रंग के पार्टिकल्स तैरने लगेंगे। जिससे आप समझ सकते हैं कि इस सरसों तेल में मिलावाट की गई है।