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Sarso tel : सरसों तेल का इस्तेमाल करने वाले हो जाएं सावधान, स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा

Mustard Oil Consumption : भारत के ज्यादातर घरों में आज भी खाना पकाने के लिए सरसों के तेल का (mustard oil use) ही इस्तेमाल होता है। सब्जी से लेकर पकौड़े और अन्य चीजों तक में स्वाद तब आता है, जब इसे सरसों के तेल की झांस में पकाया जाता है। भारतीय सरसों के तेल के बिना खाना पकाने की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। अक्सर आपने सरसों तेल के फायदों (mustard oil benefits) के बारे में सुना होगा। लोग इसे हेल्थ के लिए अच्छा बताते हैं। लेकिन 90 प्रतिशत लोगों को सरसों तेल के नुकसान के बारे में पता ही नहीं है। आईये आपको बातते हैं सरसों तेल से जुड़ी जरूरी बातें जिसके बारे में आपको जानकारी होना बेहद आवश्यक है। 
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Sarso tel : सरसों तेल का इस्तेमाल करने वाले हो जाएं सावधान

My job alarm (sarso tel) : हमारे देश में लगभग हर रसोंई में आपको सरसों के बीज (mustard seeds) या फिर तेल देखने को मिल ही जाएगा। ज्यादातर भारतीय की किचन में आपको तेल (sarso tel) में छोंक लगता नजर आएगा। इसके अलावा सरसों के बीज भारतीय किचन में मसाले के रूप में उपयोग होने वाली मुख्‍य सामग्री है।

इसका इस्‍तेमाल अक्‍सर किसी खास रेसिपी बनाने या तड़का लगाने के लिए किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, चाहे वह सरसों का तेल (mustard oil) हो, पेस्‍ट हो या फिर कच्‍ची पत्तियां सभी हेल्‍दी मिनरल्स से भरपूर हैं। लेकिन फिर भी इसके हमारी सेहत पर कुछ बुरे प्रभाव भी पड़ते है। 


इसके सिर्फ अच्छे गुणों की बात की जाए तो यह ओमेगा 3 फैटी एसिड (omega 3 fatty acids) का भी बेहतरीन स्‍त्रोत है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। लेकिन अगर आप जरूरत से ज्‍यादा सरसों का सेवन करते हैं, तो इससे आपके स्‍वास्‍थ्‍य को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। 


कई स्थितियों में यह जानलेवा तक साबित हो सकती है। अगर आप भी लंबे समय से सरसों के तेल या बीज का सेवन (consumption of mustard oil or seeds) कर रहे हैं, तो आपको इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में जरूर जानना चाहिए। आइए नीचे खब में जान लें कि सरसों के सेवन से आप किन-किन बीमारियों को निमंत्रण दे रहे है। 


सरसों तेल हृदय के लिए नुकसानदायक
वर्तमान समय में कई घरों में सरसों के तेल (mustard oil use) में खाना बनाया जाता है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हर दिन इसका इस्‍तेमाल दिल की सेहत के लिए अच्‍छा नहीं (harmful for heart) है। क्‍योंकि इसमें इरूसिक एसिड बहुत ज्‍यादा होता है, जो दिल के लिए खतरा पैदा करता है। सरसों के अधिक उपयोग से मायोकार्डियल पिलिडोसिस की समस्या हो सकती है।
जिसमें ट्राइग्लिसराइड के बनने के कारण हृदय की मांसपेशियों के मायोकार्डियल फाइबर में फाइब्रॉटिक घाव विकसित होते हैं। जो हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाने के साथ हार्ट फेलियर (heart failure) के लिए भी जिम्‍मेदार होते हैं।


सरसों तेल का एक और बड़ा नुकसान 
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरसों के तेल में पाया जाने वाला इरूसिक एसिड फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचाता है। क्योंकि सरसों अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करती है, जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपे एक अध्‍ययन के अनुसार, सरसों के तेल का लंबे समय तक सेवन करने से फेफड़ों के कैंसर (cause of lung cancer) का खतरा लगातार बना रहता है। तो अगर आप चाहते है कि आप इससे बच जाए तो आपको सरसों के सेवन को कम करना होगा। 


महिलाओं को सरसों तेल से नुकसान


जैसा कि आप जानते ही है कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है। खासतौर पर प्रेग्‍नेंसी में डॉक्‍टर्स भी सरसों (mustard oil) से परहेज करने की सलाह देते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सरसों के तेल या फिर काली सरसों के ज्‍यादा सेवन से बचना चाहिए। इनमें पाए जाने वाले रासायनिक यौगिक गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए हानिकारक हैं। यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सरसों में पाए जाने वाले कुछ रसायन गर्भपात यानी मिसकैरेज का कारण बन सकते हैं। इसलिए प्रेग्‍नेंसी में बेहतर यही है कि जितना हो सके सरसों का कम ही सेवन करें।

 
​ड्रॉप्सी रोग
इस रोग के बारे में शायद ही आपने सुना हो। और अगर सुना भी है तो आपको ये जानकर हैरानी होगी ही कि सरसों के सेवन (mustard oil use) भर से ही आपको इतना भयानक रोग भी हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि ड्रॉप्सी एक खतरनाक रोग  है। यह रोग तेल में पूड़ी, कचौड़ी और पकवान बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए सरसों के तेल में अर्जीमोन तेल के मिलावट, सायनाइड के मिलावट के कारण ड्रॉप्सी की संभावना ज्यादा रहती है।


इसका उपयोग करने से गुर्दे, ह्रदय, आदि अंग कमजोर हो जाते हैं। इससे होगा ये कि सादा पानी भी आपको पचता नहीं है और शरीर में दूषित पानी जमा (accumulation of contaminated water in the body) होने लगता है, जिससे पेट फूलने की शिकायत होती है। इस रोग से ग्रसित व्‍यक्ति के हाथ पैर फूल जाते हैं। बीएमजे जर्नल्स के अनुसार, 1998 में डॉप्‍सी के बढ़ते मामले को देखते हुए सरसों के तेल की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 


एलर्जी होने का खतरा
बहुत से लोग रोजना ही अपने खाने में सरसों के तेल (sarso tel) का इस्तेमाल ही करते है लेकिन वो कहते है ना अति किसी भी चीज की बुरी होती ही है। अगर आप अपने खाने में अधिक मात्रा में सरसों के दाने या तेल का सेवन करते हैं, तो आपको एलर्जी हो सकती  है। इस पर डॉक्टर्स का कहना है कि सरसों से होने वाली एलर्जी सबसे गंभीर एलर्जी में से एक है।

दरअसल, इसके सेवन से हिस्टामाइन (Histamine) में वृद्धि के साथ एनाफिलेक्टिक शॉक (Anaphylactic shock) भी हो सकता है। पित्‍ती और त्‍वचा पर दाने, सांस फूलना, चक्‍कर आना, उल्‍टी, गले, चेहरे और आंखों में सूजन इसके मुख्‍य लक्षण हैं।


डिस्क्लेमर: ऊपर खबर में लिखी सारी जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। ये किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता।

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