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sarso tel : सरसों तेल पर लगी रोक, इस्तेमाल करने वाले जान लें कारण

Mustard Oilसरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में खपत के लिए रोजाना करीब 11000 टन सरसों तेल (mustard oil consumption) की आवश्यकता होती है। भारत में सरसों तेल का इस्तेमाल खाने से लेकर बाल में लगाने तक के लिए किया जाता है। राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा सरसों तेल का इस्तेमाल किया जाता है।

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sarso tel : खाने में सरसों तेल के इस्तेमाल पर रोक, जान लें कारण

My job alarm (sarso tel uses) :  भारतीय रसोई की पेंट्री बहुत वर्सेटाइल होती है जितनी आप कल्पना कर सकते हैं शायद उससे भी ज्यादा। अलग-अलग स्वाद और सुगंध वाले कई तरह के मसालों से लेकर अलग-अलग तरह के खाना पकाने के लिए कई तरह के तेलों का इस्तेमाल भी खाना बनाने के लिए होता है। इस खबर में हम एक ऐसे वर्सेटाइल खाना पकाने के बारे में बात करेंगे जो हमारे द्वारा शामिल किए जाने वाले व्यंजनों में एक मजबूत तीखी और मिट्टी की सुगंध जोड़ता है। यहां हम सरसों तेल (mustard oil) की बात कर रहे हैं। 
हर भारतीय रसोई में खाना पकाने के लिए सरसों तेल का इस्तेमाल होता है। सरसों तेल का हेल्दी भी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पसंदीदा चीज को सबसे ज्यादा इस्तेमाल (Most common use of mustard oil) तो किया जाता है लेकिन इस पर बैन भी लगा दिया गया है। जी हां आपने सही पढ़ा. खाना बनाने के लिए इसे वहां पर पूरी तरह से बैन किया गया है। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि बैन करने के पीछे कारण क्या है, आइए आपके साथ कुछ जानकारी शेयर करते हैं...

 

 

अमेरिका में सरसों तेल इसलिए है बैन


सरसों तेल के इस्तेमाल पर अमेरिका में बैन लगाा गया है। अमेरिका में सरसों के तेल पर बैन (sarso tel ban) क्यों है, इस बारे में कई एक्सपर्ट्स व विशेषज्ञों की राय भी सामने आई हैं। अधिकतर का मानना है कि सरसों के तेल में इरुसिक एसिड होता है। इसका अधिक सेवन हार्ट व त्वचा संबंधी रोग बढ़ा सकता है। युक्त राज्य अमेरिका में सरसों के तेल (mustard oil use) में इरुसिक एसिड अधिक होने  के कारण ही इसे वहां मंजूरी नहीं दी गई है। इरुसिक एसिड का उच्च स्तर हार्ट व त्वचा संबंधी परेशानी बढ़ाने के अलावा फेफड़ों के लिए भी नुकसान दायक बताया गया है।  

 

सावधानी बरतनी होगी

 


दूसरी ओर फूड एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि इन अध्ययनों में मानव स्वास्थ्य पर इरुसिक एसिड के प्रभाव के परिणाम स्पष्ट नहीं हैं। इन अध्ययनों में सामान्य मानव उपभोग की तुलना में इरुसिक एसिड की ज्यादा खुराक शामिल थी। फिर भी मामला सेहत से जुड़ा है इसलिए जोखिम नहीं लिया जा सकता। मानव पर इरुसिक एसिड  के प्रभावों की संभावना को खारिज भी नहीं किया जा सकता। एहतियात व सावधानी जरूरी है। 

 


इरुसिक एसिड कितना हानिकारक?

 

फूड एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसा नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में सरसों तेल की बिक्री नहीं होती, आपको भारतीय किराना स्टोरों में सरसों के तेल की बोतलें बिक्री (mustard oil sales) के लिए मिल जाएंगी। इन पर "केवल बाहरी उपयोग के लिए" लेबल लगा होता है। हालांकि दावा यह भी किया जा रहा है कि कई भारतीय तेल की ये बोतलें खरीदते हैं और उन्हें अपने देसी या भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल करते हैं। 1970 के दशक में चूहों पर किए गए अध्ययन के बाद सरसों तेल के उपयोग (sarso tel ke nuksan) व सेवन को लेकर ये बातें सामने आई हैं।  यहां पर यह समझना भी जरूरी है कि चूहों का चयापचय मौलिक रूप से इंसान से अलग होता है। वास्तव में सच तो यह भी है कि भोजन का आनंद लेने के लिए उसके प्रति संदेहमुक्त होना भी जरूरी है।  

सरसों तेल के 2 और बड़े नुकसान


एक्सपर्ट का कहना है कि सरसों तेल के इस्तेमाल से कुछ और भी नुकसान है। जैसे, रोजाना खाना पकाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल (mustard oil use) करना कुछ लोगों के लिए पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। सरसों तेल का अधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कि अपच, गैस या पेट दर्द हो सकता है। इसलिए सरसों तेल खाने से बचना चाहिए। 
सरसों के तेल (use too much mustard oil) में अधिक मात्रा में फैट होता है, जिसका अधिक सेवन वजन बढ़न सकता है। यदि आप इसे अधिक मात्रा में उपयोग करते हैं, तो वजन नियंत्रित रखने में मुश्किल हो सकती है।

 

जरूरी सूचना : यहां पर दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों पर आधारित सूचना मात्र है। इसे चिकित्सा राय न समझा जाए। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें। My job alarm इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता  है।

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