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sarso tel : सरसों तेल पर बैन, रिसर्च में ये वजह आई सामने

sarso tel : सरसों का तेल जिसका उत्पादन सरसों के बीजों से होता  है इसका भारतीय पकवानों में भारी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। सरसों का तेल (mustard oil) अपने तेल स्वाद, तीखी सुगंध और हाई स्मक पॉइंट के लिए फेमस है। सरसों तेल का इस्तेमाल खाना बनाने से लेकर बालों में लगाने और मालिश के लिए किया जाता है। बाजार के जानकारों के मुताबिक देश में खपत (mustard oil consumption) के लिए हर दिन करीब 11,000 टन सरसों तेल की आवश्यकता होती है।  

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sarso tel : सरसों तेल पर क्यों लगा बैन, जानिये क्या है कारण

My job alarm (sarso tel) : हमारे देश के अधिकत्तर लोग खासकर मीडिल क्लास जनता सरसों तेल का सबसे ज्यादा उपयोग करती है।  खासकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल में खाना बनाने के लिए सरसों तेल (mustard oil use) का ही इस्तेमाल होता है।  कुकिंग ऑयल (cooking oil) का सीधा संबंध हमारी सेहत, खासकर दिल की सेहत से होता है। खाना बनाने वाले तेल में मौजूद फैट के कारण बॉडी में गुड या बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। 


भारत में बड़े स्तर पर कुकिंग ऑयल के तौर पर उपयोग किए जाने वाले सरसों तेल (sarso ka tel) कई जगहों पर बैन कर दिया गया है। शायद ये जानकर आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन हम आपको बतादें कि अमेरिका, कनाडा और यूरोप के कई देशों में सरसों तेल पर बैन (mustard oil ban) लगा है। इन देशों का मानना है कि सरसों के तेल का कुकिंग ऑयल के रूप में अच्छा नहीं होता है जिसके चलते इस पर बैन लगाया गया है। अब सवाल है कि आखिर सरसों तेल (disadvantages of mustard oil) के इस्तेमाल से कौन सा खतरा है। आइए नीचे जानते हैं दुनिया भर में हुए रिसर्च इस बारे में क्या कहती है। 

 

इस कारण बैन है सरसों का तेल


खाना बनाने में सरसों तेल उपयोग करने में फायदा और नुकसान दोनों हो सकता है। ये इसकी मात्रा पर निर्भर करता है। कुकिंग ऑयल का सीधा संबंध कोलेस्ट्रॉल से है, जिसके ब्लड वेसेल्स में जमा होने से दिल से संबंधित कई परेशानियां होती है।  रिसर्च बताती है कि सीमित मात्रा में सरसों का तेल (Mustard Oil) इस्तेमाल करना अच्छा होता है, लेकिन ज्यादा मात्रा सरसों तेल का सेवन करने से यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ा देता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार सरसों का तेल बिल्कुल भी दिल के लिए सही नहीं माना गया है। दरअसल, इससे आपके दिल को बीमार कर सकती है।  
फूड सेफ्टी एक्सपर्ट अरविंद कुमार का कहना है कि अमेरिका और अन्यू यूरोपीय देशों में सरसों तेल (mustard oil use) में खाना पकाने की मंजूरी न होने का कारण है इसमें हाई इरुसिक एसिड का होना। जानकारी के लिए बता दें कि हाई इरुसिक एसिड युक्त चीजों का इस्तेमाल खाने में करने से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।  सरसों के तेल में मौजूद हाई इरुसिक एसिड एक मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड है। इसका ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने की वजह से हार्ट फेफड़े और स्किन से संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। 

 

जानिये, सरसों तेल को लेकर क्या कहती है रिसर्च

 

एक रिसर्च के अनुसार सरसों तेल (Mustard Oil Research) में मौजूद मोनो सैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है, इसलिए सरसों तेल की थोड़ी मात्रा में खाया जाए तो ये सेहत के लिए अच्छा है।  अमेरिकी फूड विभाग के अलावा, एफडीए ने भी सरसों के तेल को लेकर चेतावनी जारी की थी। एफडीए ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि सरसों के तेल (sarso ka tel) में ज्यादा मात्रा में मिलावट की जा रही है। इसकी वजह से सरसों के तेल में हाई इरुसिक एसिड की मात्रा हो गई है।  

सरसों के तेल में लिल आइसोथियोसाइनेट ज्यादा मात्रा में होता है। ये काफी स्ट्रांग होता है। अगर इसका इस्तेमाल शरीर के अंगों पर किया जाए, तो इससे सूजन और जलन जैसी परेशानियां हो सकती है। जिन लोगों की स्किन सेंसेटिव होती है, अगर वो सरसों के तेल (mustard oil uses) का उपयोग करें तो इसकी वजह से त्वचा पर खुजली की समस्या हो सकती है। साथ ही इससे अन्य दिक्कते भी हो सकती हैं।

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