sarso tel : सरसों तेल के 5 बड़े नुकसान, हर किसी को होने चाहिए पता
sarso tel : भारत में सरसों के तेल का जमकर इस्तेमाल किया जाता है। बाजार के जानकारों के मुताबिक देश में खपत के लिए रोजाना करीब 11000 टन सरसों तेल (mustard oil) की आवश्यकता होती है। लेकिन, सरसों की आवक (Mustard production) फिलहाल इतनी नहीं है कि मांग के हिसाब से तेल का उत्पादन किया जा सके।
My job alarm (sarso tel) : सरसों का तेल तो आप भी इस्तेमाल करते ही होंगे। भारत के हर हिस्से में खाना बनाने के लिए अधिकतर सरसों तेल (sarso tel use) का ही उपयोग होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरसों का तेल भारतीय मौसम के हिसाब से सेहत व सुंदरता के लिए फायदेमंद माना जाता है।
यहां तक कि आयुर्वेद में भी सरसों के तेल (Mustard Oil) का इस्तेमाल कई दवाइयों और उपचार में होता है। सरसों के तेल में पाए जाने वाले तत्व फायदेमंद माने जाते हैं, लेकिन फायदों के साथ इसके कई नुकसान भी हैं। सरसों तेल (sarso tel) के इन नुकसान के बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए।
सरसों के तेल के नुकसान
- पहला नुकसान तो सरसों के तेल (sarso ka tel) में एरिटिक एसिड का उच्च स्तर होता है, जो दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है। ये दिल की मांसपेशियों को बुरा नुकसान पहुंचा सकता है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं को गर्भवास्था में सरसों के तेल (Mustard Oil) का खाने में ज़्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सरसों के तेल में कुछ ऐसे रासायनिक यौगिक होते हैं, जो पूरी तरह से शिशु के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।
- लगातार सरसों के तेल का सेवन करने से कई लोगों को राइनाइटिस हो सकता है। राइनाइटिस में बलगम की झिल्ली में सूजन हो जाती है, जिससे खांसी, छींकना, भरी हुई नाक, नाक से पानी बहाना जैसी समस्याएं होती हैं।
- सरसों के तेल (sarso tel) से कुछ लोगों को एलर्जी भी हो सकती है। इसमें खुजली या सूजन की समस्या होती है। इसलिए जानकारों का कहना है कि सरसों के तेल के सेवन के बाद अगर आपको इस तरह की परेशानी आ रही हैं तो सरसों का तेल न खाएं।
- सरसों तेल की मालिश करने से कई लोगों की त्वचा पर चकत्ते हो जाते हैं। साथ ही लंबे समय तक सरसों तेल की मालिश करने से त्वचा काली भी पड़ सकती है। इससे कई लोगों के शरीर में दाने भी निकल सकते हैं।
- जानकारों का कहना है कि कई रिसर्च में साबित हुआ है कि सरसों के तेल (Mustard Oil) में यूरिक एसिड की उच्च मात्रा 42 फिसदी से फिसदी पाई जाती है। जिसकी वजह से अगर भारी मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो, दिल और सांस से जुड़ी बीमारियां, एनीमिया, कैंसर, कोमा और यहां तक कि सबसे गंभीर मामलों में मौत भी हो सकती है। इसके अलावा मार्केट में मिलावट वाले सरसों तेल की भी खूब बिक्री हो रही है ये तेल आपके लिए और भी नुकसानदायक हो सकता है। अब सवाल है की सरसों तेल में मिलावट की पहचान कैसे करें। आईये आपको बताते हैं कि आप घर पर ही असली और मिलावट वाले सरसों तेल की पहचान कैसे कर सकते हैं।
असली सरसों तेल की पहचान (pure mustard oil identification)
सरसों तेल (sarso tel) में मिलावट की पहचान के लिए आप इसका फ्रीजिंग टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक कटोरी में थोड़ा सा सरसों का तेल लेना है और इसके कुछ समय के लिए फ्रिज में रख दें। फिर बाहर निकाल कर देखें अगर तेल जमा जाता है या फिर सरसों के तेल में सफेद धब्बे आने लगें तो समझ लीजिए कि इस तेल में मिलावट की गई है।
दूसरा सरसों का तेल असली है या नहीं, इसकी इसकी जांच करने के लिए अपने हाथों में थोड़ा तेल लेकर अच्छे से रगड़ लें। अगर तेल से कोई रंग निकले या केमिकल की बदबू आए तो समझ जाईये इस सरसों तेल में मिलावट है।
सरसों के तेल की शुद्धता (pure mustard oil) बैरोमीटर से पता लगती है। तेल की बैरोमीटर रीडिंग 58 से 60.5 है। लेकिन सरसों के तेल की रीडिंग अगर तय मानक से ज्यादा हो तो ये मिलावट वाला तेल होता है। इसलिए जब भी तेल खरीदकर लाएं उसकी बैरोमीटर रीडिंग से पहचान कर लें कि सरसों तेल में कोई मिलावट तो नहीं की गई है।