गरीबों का पानी कैसे छीन रहे अमीर
क्या पानी की किलत सिर्फ गरीब लोगों के लिए हैं? क्या अमीर लोग गरीब के हक का पानी भी अपनी सुविधाओं के लिए छीन रहे हैं? जहां बेंगलोर में गरीब को नहाने धोने का पानी तो छोड़िये, पीने का एक मट का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है।
वहीं पर बेंगलुरु के फाइव स्टार होटल में स्विमिंग पूल में साफ पानी भरा जाता है। इन स्विमिंग पूल में 50000 से लेकर 2 लाख लीटर तक पानी आता है। और यह पानी बिल्कुल साफ होता है।
और गरीब लोग सुबह-सुबह पानी के टैंकर का इंतजार करते रहते हैं। और उन्हें इन टैंकरों से भरपूर पानी भी नहीं मिल पाता। गरीब लोगों के इन टैंकर में लगभग 7 हजार लीटर तक ही पानी आता है।
यानि अमीरों के एक छोटे से छोटे स्विमिंग पूल से गरीबों के साथ से आठ टेंकर भर सकते हैं लेकिन वो जादा पैसा नहीं दे सकते इसलिए उन्हें ये पानी नहीं मिलता। अब एक गरीब को दुख तब और ज्यादा होगा जब उसको ये पता चलेगा कि एक अमीर आदमी स्विमिंग पूल के साफ पानी में डुबकी मारने से पहले और बाद में बाहर साफ पानी से नहाता है यानि वो अपने मज़े के लिए गरीबों के हक के पानी से खेल रहा है।