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chandan ki kheti : छोड़िये नौकरी की चिंता, इन 50 पेड़ों की खेती बना देगी करोड़पति

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chandan ki kheti : छोड़िये नौकरी की चिंता, इन 50 पेड़ों की खेती बना देगी करोड़पति
My job alarm (chandan ki kheti) : आज के समय में सरकारी नौकरी मिलना बहुत मुश्किल हो गया है और प्राईवेट जॉब में सैलरी बहुत कम मिलती है। महंगाई के इस दौर में घर खर्च चलाना बेहद मुश्किल है। हाल ही में लोगों का खासकर पढ़े लिखे युवाओं का खेती ओर रूझान बढ़ा है। यहां तक कि बहुत से लोग अपनी नौकरी छोड़ खेती में किस्मत आजमा रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे पेड़ की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं। जो कम लागत में तैयार होकर बंपर मुनाफा देती है। ये हैं चंदन के पेड़ की खेती। अगर आप किसानी से लाखों-करोड़ों रुपये कमाना चाहते हैं तो चंदन के पेड़ (chandan ki kheti) लगाने के बाद आपको बस कुछ ही सालों का इंतजार करना होगा। लेकिन चंदन की खेती (tips for sandalwood farming) करने के लिए सही तकनीक और जानकारी का होना भी बेहद जरूरी है।

किन चीजों में यूज होता है चंदन

सबसे पहले आपको जाते हैं चंदन का इस्तेमाल कहां होता है। चंदन (use of chandan) एक सदियों से भारतीय संस्कृति से जुड़कर पूजा और तिलक लगाने के काम तो आता ही है, साथ ही सफेद व लाल चंदन के रूप में इसकी लकड़ी का उपयोग मूर्ति, साज-सज्जा की चीजों, हवन करने और अगरबत्ती बनाने के साथ-साथ परफ्यूम और अरोमा थेरेपी और ब्यूटी प्रोडेक्ट आदि के लिए होता है। इसके साथ-साथ इसके तेल से कई त्वचा व अन्य कई रोगों की दवाओं में भी चंदन का इस्तेमाल किया जाता है।

कितने साल में तैयार हो जाता है चंदन का पेड़ (chandan ki kheti ke bare mein jankari)

दक्षिण भारत में ये अधिक पाया जाता है, क्योंकि उत्तर भारत में वर्ष 2001 से पहले चंदन की खेती (chandan ki kheti ) पर प्रतिबंध था। 2001 के बाद केंद्र सरकार ने प्रतिबंध हटा लिया। इसके बाद से किसानों का रुझान चंदन की खेती की ओर बढ़ा है लेकिन तकनीक की भारी कमी के कारण इसकी खेती को ज्यादा गति नहीं मिल सकी। केंद्रीय मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्थान (CSSRI) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ राज कुमार ने बताया कि संस्थान के निदेशक डॉक्टर आरके यादव के मार्गदर्शन में संस्थान में चंदन की खेती पर प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसमें अच्छे और गुणवत्तापरक चंदन के पौधे तैयार करने पर शोध किया जा रहा है। चंदन के पेड़ करीब 12 से 15 साल में तैयार होते हैं। शोध में ये प्रयास भी किया जाएगा, इसके तैयार होने की अवधि को कम किया जा सके। अभी संस्थान में एक एकड़ भूमि (chandan ki kheti) में इसके पौधों पर शोध शुरू किया गया है। चंदन परजीवी पौधा है, इसलिए इस पर शोध चल रहा है कि उसके पास कौन सा मेजबान पौधा (खुराक देने वाला पौधा) हो और उसे कितना खाद पानी दिया जाना चाहिए, जिससे चंदन के पौधे को बेहतर खुराक प्राप्त हो सके।  

जानिये चंदन की खेती से कितना होगा मुनाफा (chandan ki kheti income)

  वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर राज कुमार ने बताया कि चंदन का पेड़ (sandalwood cultivation) जितना पुराना होगा, उतनी ही उसकी कीमत बढ़ती जाएगी। 15 साल के बाद एक पेड़ की कीमत करीब 1 हजार से 3 लाख रुपये तक हो जाती है। ये बेहद लाभकारी खेती है, अगर कोई व्यक्ति 50 पेड़ ही लगाता है तो 15 साल बाद वह दो से तीन करोड़ रुपये के हो जाएंगे। घर में बेटी या बेटा होने पर 20 पौधे भी लगा दिए जाएं तो उनकी शादी के खर्च की चिंता खत्म हो जाएगी।

परजीवी पौधा है चंदन

वरिष्ठ वैज्ञानिक (कृषि वानिकी) डॉ राज कुमार ने बताया कि चंदन परजीवी पौधा है, यानी वह खुद अपनी खुराक नहीं लेता है बल्कि दूसरे पेड़ की जड़ से अपनी खुराक लेता है, जहां चंदन का पौधा (chandan ka podha) होता है, वहां पड़ोस में कोई दूसरा पौधा लगाना होता है, क्योंकि चंदन अपनी जड़ों को पड़ोसी पौधे के जड़ों की ओर बढ़ाकर उसकी जड़ों को अपने से जोड़ लेता है और उसकी खुराक में से ही अपनी खुराक लेने लगता है।

किसानों को सिखाई जाएगी चंदन की खेती करने की तकनीक

चंदन की खेती (tips for chandan ki kheti) की ओर लोगों का रुझान तो हुआ है लेकिन तकनीक की भारी कमी और पेड़ को तैयार होने में लगने वाले लंबे समय के कारण अपेक्षित रूप से इसकी खेती नहीं हो पा रही है, जबकि चंदन की खेती (chandan ki kheti) बेहद फायदेमंद है। अब चंदन के अच्छे और गुणवत्ता वाले पौधे तैयार करने के लिए केंद्रीय मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्थान में एक परियोजना शुरू हुई है, जिसमें खास तकनीक पर शोध किया जा रहा है, ताकि किसानों को चंदन की खेती का प्रशिक्षण देकर उनकी आमदनी को कई गुना बढ़ाया जा सके।
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