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Supreme Court Judge : कैसे होती है सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति, अधिकत्तर लोगों को नहीं है जानकारी

Supreme Court Judge : अक्सर कई लोगों के मन में ये सवाल होता है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति (Appointment of High Court judges) कैसे होती है? ऐसे में अगर आप भी इन्हीं सवालों से जुड़े जवाब जानना चाहते है तो चलिए आइए आज जान लेते है इस खबर में-

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Supreme Court Judge : कैसे होती है सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति, अधिकत्तर लोगों को नहीं है जानकारी

My job alarm - Judge Appointment Process: रसूख वाली सरकारी नौकरी पाने के लिए युवा वर्षों तक मेहनत करते हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और हाई कोर्ट के जज बनना एक प्रमुख लक्ष्य होता है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं, और जज बनने में कठिन अध्ययन और कानून की गहरी समझ आवश्यक होती है. 

जज बनने के लिए सामान्यत: कानून में स्नातक (LLB) की डिग्री अनिवार्य है, और कई मामलों में वकील के रूप में अनुभव भी जरूरी होता है. इसके बाद, उम्मीदवार को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट (Highcourt) में न्यायाधीश के पद के लिए चयनित किया जाता है. इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल करना महत्वपूर्ण है.

राष्ट्रपति करते हैं जजों की नियुक्ति-

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, जिसे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कहा जाता है, जजों की नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 124 (2) सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है. इसके अनुसार, भारत के राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की सिफारिश पर जजों की नियुक्ति (appointment of judges) करते हैं. इस प्रक्रिया में मुख्य न्यायाधीश का परामर्श महत्वपूर्ण होता है, जो न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में सहायक है.

भारत में कॉलेजियम प्रणाली में मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जज मिलकर पैनल बनाते हैं. यह कॉलेजियम उच्च न्यायालय के जजों की नियुक्ति का निर्णय (Decision on appointment of judges of the Collegium High Court) लेता है और तय करता है कि कौन से जजों को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति दी जाएगी. इसके अलावा, विभिन्न राज्यों की सरकारें भी अलग-अलग तरीकों से न्यायाधीशों की नियुक्तियां करती हैं.

ये चाहिए क्वालिफिकेशन-
- जज बनने के लिए आपको 12वीं के बाद एलएलबी करना होता है. 
- आप ग्रेजुएशन के बाद भी एलएलबी कर सकते हैं.
- जज की भर्तियां समय-समय पर निकलती रहती हैं.
- जज बनने के लिए ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम क्लियर करना जरूरी है.
- इस परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में होता है, जिसमें प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू (interview) शामिल हैं.
- इस परीक्षा के अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है.
- मेरिट के आधार पर जज की नियुक्ति होती है.

जज बनने के लिए जरूरी योग्यता-
- सबसे जरूरी है अभ्यर्थी का भारतीय नागरिक होना.
- लॉ में ग्रेजुएशन की डिग्री (degree) होनी चाहिए
- वकालत में 10 साल का अनुभव होना चाहिए.
- सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए जरूरी है कि कैंडिडेट हाईकोर्ट में कम से कम 5 साल तक जज रह चुके हों या फिर हाईकोर्ट में न्यूनतम 7-10 साल तक वकालत की हो.
- राष्ट्रपति के विचार में जाने-माने कानूनविद भी सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए जाते हैं.

जज की सैलरी-
- जूनियर सिविल जज की सैलरी 45,000 और सीनियर जज की सैलरी (senior judge salary) करीब 80 हजार रुपये महीने होती है. हालांकि, अलग-अलग राज्यों में सैलरी का अंतर हो सकता है.  
- मुख्य न्यायधीश (हाई कोर्ट) - 2.50 लाख रुपये महीना
- अन्य जज (हाई कोर्ट) - 2.25 लाख रुपये प्रतिमाह
- मुख्य न्यायाधीश (सुप्रीम कोर्ट)- 2.80 लाख रुपये महीना
- अन्य जज (सुप्रीम कोर्ट) - 2.50 लाख रुपये प्रति माह

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