Success Story : दो बार ठुकराया 1 करोड़ की नौकरी का ऑफर, ऐसे बनाई कंपनी, आज लोगों को दे रही रोजगार
Aarushi Agarwal Success Story : महिलाएं आज के समय में किसी भी फील्ड में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। गाजियाबाद की आरुषि अग्रवाल ने अपनी कंपनी खड़ी करके यह साबित भी कर दिखाया है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से एक सॉफ्टवेयर को तैयार किया और कंपनी बना डाली। आज वे अनेक युवक-युवतियों को इस कंपनी के जरिये रोजगार देने का काम करती हैं। उनकी यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है।
My job alarm (ब्यूरो)। मुश्किल हालात में भी जो हिम्मत और हौसले के साथ जोखिमों से लड़ जाते हैं, वे एक दिन बड़ी सफलता भी पाते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आरुषि अग्रवाल ने। अपनी एमटैक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार (Business Idea) किया जो उसके लिए वरदान बन गया। इसके दम पर आरुषि ने न केवल अपनी कंपनी खड़ी कर दी बल्कि लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बन गई।
आरुषि ने ठुकराया करोड़ों का ऑफर -
अपनी कंपनी के जरिये आरुषि युवाओं को रोजगार देने का काम करती हैं। गाजियाबाद के नेहरू नगर में रहने वाली 28 साल कर आरुषि ने छोटी सी उम्र में बड़ी सफलता हासिल की है। आरुषि ने सिर्फ एक लाख रुपये से अपने कारोबार की शुरुआत की थी। इसके लिए उन्होंने एक करोड़ रुपये की नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया था। बिजनेस में ही कुछ अलग करने की ठानकर आरुषि (Aarushi Agarwal) दिन प्रतिदिन आगे बढ़ती रही। आरुषि के स्टॉर्टअप का नाम TalentDecrypt है, जो पूरी दुनिया में अपनी पहचान रखता है। आज आरुषि का टर्नओवर कई करोड़ रुपये का है। हालांकि आरुषि की सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत है।
सॉफ्टवेयर को तैयार करने के बाद बढ़ी आगे
आरुषि मूल रूप से मुरादाबाद (Aarushi Agarwal) की रहने वाली हैं। वर्ष 2018 में आरुषि ने कोडिंग सीख कर सॉफ्टवेयर तैयार करना शुरू कर दिया था। आरुषि ने अपनी कड़ी मेहनत के बाद सिर्फ डेढ़ साल में ही सॉफ्टवेयर टैलेंटडिक्रिप्ट को बनाकर तैयार कर दिया था। इसके बाद वह अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ी। इस सॉफ्टवेयर ने आरुषि को एक नया मुकाम दिलाया। इस उपलब्धि पर देश की 75 महिला आंत्रप्रेन्योर (entrepreneur females of india) में भारत सरकार के नीति आयोग (Niti Aayog) की ओर से आरुषि को पुरस्कार भी मिल चुका है।
बिजनेस के लिए नौकरियों के ऑफर्स तक ठुकराए
आरुषि ने (Businessman Aarushi Agarwal) नोएडा के जेपी इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग में बी-टेक और एम-टेक की पढ़ाई करने के बाद आगे का रुख अपनाया। इसके बाद में उन्होंने आईआईटी-दिल्ली से इंटर्नशिप पूरी की। इसके बाद आरुषि को 1 करोड़ रुपये की बड़ी सैलरी का ऑफर भी मिला। हालांकि, उन्होंने इन बड़े ऑफरों को भी आरुषि ने ठुकरा दिया। नौकरी करने के बजाय आरुषि ने अपना खुद का बिजनेस करने का प्लान बनाया।
ऐसे शुरू किया था कारोबार
साल 2020 में कोरोना की महामारी (Corona Mahamari) के बीच आरुषि ने जोखिम भी उठाया और सिर्फ एक लाख रुपये की रकम से कारोबार की शुरुआत की थी। आरुषि ने इसी निवेश के साथ टैलेंटडिक्रिप्ट (software talentdecrypt) को लॉन्च किया था। यह कंपनी ऑनलाइन (Online Jobs) ही लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है। योग्यता व दूसरी कंपनी की जरूरत अनुसार टेस्ट भी देना होता है। इस प्लेटफॉर्म का मकसद अधिक से अधिक युवक-युवतियों को उनके टैलेंट के अनुसार जॉब व रोजगार उपलब्ध कराना है।
मनचाही नौकरी हासिल करने में मदद करती है कंपनी
अरुषि की कंपनी टैलेंटडिक्रिफ्ट (talentdecrypt Company) युवाओं को उनकी मनचाही नौकरी हासिल करने व रोजगार देने में मदद करती है। यानी इस कंपनी के जरिये युवाओं को रोजगार मिलता है। इस समय पर अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर, यूएई, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका नेपाल सहित अन्य देशों की 380 कंपनियां अरुषि की कंपनी के जरिये मैनपावर ले रही हैं। इस कंपनी में युवाओं को हैकाथॉन के जरिए वर्चुअल स्किल टेस्ट (Virtual Skill Test) से गुजरना पड़ता है। अब तक सैकड़ों युवा टैलेंटडिक्रिप्ट के जरिए नौकरी पा चुके हैं।