Success Story: टीना डाबी नहीं, ऑटो ड्राइवर का बेटा बना सबसे कम उम्र का IAS, बनाया नया रिकॉर्ड
IAS Ansar Shaikh Success Story: जब हौसलों और मेहनत में दम हो तो किस्मत भी झुकने को मजबूर हो जाती है। अंसार शेख की कहानी इसी जज़्बे की मिसाल है। मात्र 21 साल की उम्र में, वे भारत के सबसे युवा आईएएस अधिकारी (how to become IAS officer) बने, उन्होंने 2016 में यूपीएससी परीक्षा में 361वीं रैंक हासिल की। आर्थिक तंगी और परिवारिक चुनौतियों के बावजूद, उनकी मेहनत और दोस्तों का साथ उन्हें सफलता (success story hindi) की ऊंचाइयों तक ले गया। आइये खबर में अंसार की संघर्षशील यात्रा पर विस्तार से नजर डालते है।
My job alarm (ब्यूरो)। मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है। अंसार शेख की कहानी इसी के जैसी है। बता दें, अंसार शेख असाधारण मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। मात्र 21 साल की उम्र में, वे भारत के सबसे युवा आईएएस अधिकारी (Most Youngest IAS officer in India) बने। हाल ही में उनकी शादी भी हुई, जिससे वह फिर से सुर्खियों में आए। 2016 में अंसार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 361वीं रैंक हासिल की थी। उनकी सफलता इस बात का जीवंत उदाहरण है कि यदि आपके पास मेहनत, परिवार और दोस्तों का समर्थन हो, तो आप किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि अंसार ने अपने इस सफर में किन-किन कठिनाइयों का सामना किया और कैसे उन्होंने सफलता (motivational story) का झंडा फहराया।
बचपन की चुनौतियां
अंसार का जन्म महाराष्ट्र के मराठवाड़ा जिले के जालना नामक छोटे से गांव में हुआ। उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे और मां खेतों में काम करती थीं, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। इसके बावजूद, अंसार के परिवार ने उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया। अंसार ने हमेशा पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया और दसवीं में 91 फीसदी अंक हासिल किए। इसके बाद, उन्होंने पुणे में कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और यूपीएससी की परीक्षा (UPSC civil services Exam) पास करने का मन बना लिया।
IAS बनने का कठिन सफर
अंसार का आईएएस (IAS kaise bane) बनने का सफर सरल नहीं था। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए पॉलिटिकल साइंस को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना और मेन्स तथा इंटरव्यू (UPSC interview tips) मराठी में देने का निर्णय लिया। यह उनकी सोच-समझ कर बनाई गई योजना का संकेत था, जो उनकी सफलता का मुख्य कारण बनी। हालांकि, इस मार्ग पर कई बाधाएं भी थीं।
परिवार का रहा पूरा समर्थन
अंसार के बड़े भाई ने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी और एक गैरेज में काम करने लगे। अंसार की बहन की शादी भी मात्र 15 साल की उम्र में कर दी गई थी। इन सब कठिनाइयों के बावजूद, अंसार ने अपने सपनों को नहीं छोड़ा। उन्होंने अपनी सारी ऊर्जा पढ़ाई में लगाई और ग्रेजुएशन के बाद पूरी तरह से यूपीएससी (UPSC preparation strategy) की तैयारी में जुट गए।
दोस्तों और कोचिंग का साथ
अंसार को अपने दोस्तों और कोचिंग संस्थान का पूरा समर्थन मिला, जिसने उन्हें दबाव के बावजूद प्रेरित रहने में मदद की। उनकी कड़ी मेहनत का फल तब मिला जब उन्होंने 2016 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Exam Tips) पास की और 361वीं रैंक हासिल की। अंसार की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहा है। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि अगर आप ठान लें, तो किसी भी मुश्किल को पार करना संभव है।