Success Story : व्हीलचेयर से पहुंचे IAS की कुर्सी तक, दर्जी के बेटे ने बिना कोचिंग के पास की यूपीएससी परीक्षा
IAS Success story : ट्रेन हादसे का शिकार होने के बाद दोनों पैर गवां देने पर भी सूरज तिवारी (Suraj Tiwari ki Success story) ने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात एक कर दिया। आखिर उन्होंने इस मुकाम को पाकर मिसाल कायम कर ही दी। आज वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। आइये जानते हैं इनके संघर्ष व सफलता की कहानी इस खबर में।

My job alarm - (IAS Success Story): हौसले के दम पर इतिहास रचने वालों की भारत में कमी नहीं है। ऐसे ही एक शख्स हुए हैं सूरज तिवारी। रेल हादसे में अपने दोनों पैर व हाथों की अंगुलियां खो देने के बाद भी इन्होंने हिम्मत नहीं हारी। व्हील चेयर पर ही यूपीएससी की तैयारी की व सेल्फ स्टडी (UPSC success story) के दम पर बिना किसी कोचिंग के आईएएस की कुर्सी तक पहुंचे। यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करने से पहले तैयारी के दौरान भी इन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया।
रेल हादसे के बाद ऐसे उबरे
साल 2017 में सूरत के साथ बहुत खतरनाक ट्रेन हादसा हुआ। तब वह बीएससी कर रहे थे। सूरज तिवारी 24 जनवरी 2017 को रेल से यात्रा कर रहे थे। दादरी में ट्रेन से यात्रा के दौरान (IAS Suraj Tiwari ki Success Story) उन्होंने अपने दोनों पैरों के साथ-साथ अपने दाहिने हाथ और बाएं हाथ की दो अंगुलियों को खो दिया था। इस हादसे के बाद वह चार माह तक अस्पताल में रहे और करीब तीन माह तक बेड रेस्ट पर। इस हादसे के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वर्ष 2018 में उन्होंने जेएनयू दिल्ली में बीए में प्रवेश लिया और साथ ही वह हौसले के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। वहां से वर्ष 2021 में बीए पास किया और एमए के प्रवेश ले लिया और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे
12वीं में हो गए थे फेल
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2022 (यूपीएससी 2022) में मैनपुरी जिले के कुरावली तहसील के मोहल्ला घरनाजपुर के रहने वाले सूरज तिवारी (IAS Suraj Tiwari Success Story) ने 971वीं रैंक हासिल करके अपने मुकाम को पाया और परिवार का नाम रोशन किया। सूरज को गहरा झटका तब लगा जब वह सीबीएसई से 12वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे। बाद में उन्होंने 2014 में राज्य बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास की।
सेल्फ स्टडी से पाया मुकाम
सूरज तिवारी के पिता दर्जी का काम करते हैं। इनके पिता राजेश तिवारी ने अपने बेटे को कड़ी मेहनत करके पढ़ाया है तथा कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी। सूरज तिवारी अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देते हैं। इनके पिता ने सूरज को हमेशा मेहनत का पाठ (Suraj Tiwari Success Story) पढ़ाया और आज उसी सफलता के मंत्र (success mantra)से सूरज आईएएस हैं। सूरज ने प्रारंभिक शिक्षा महर्षि परशुराम स्कूल से पूरी की।
इसके बाद 2011 में एसबीआरएल इंटर कॉलेज मैनपुरी (SBRL Inter College Mainpuri) से 10वीं पास की। इंटर की पढ़ाई संपूर्णानंद इंटर कॉलेज अरम सराय बेवर से की। सूरज के पिता राजेश तिवारी दर्जी का काम करते हैं। पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने इस कठिन एग्जाम (UPSC Exam) को क्लियर कर लिया। यूपीएससी एग्जाम की तैयारी उन्होंने सेल्फ स्टडी से की। बिना कोचिंग के ही यह एग्जाम क्लियर किया।
इंटरव्यू में भी पूछा हादसे के बारे में
सूरज तिवारी से सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू (UPSC interview) में भी उनके साथ हुए हादसे के बारे में पूछा गया। उन्होंने हौसले के साथ जवाब दिया और बताया कि किस तरह मेहनत से यहां तक पहुंचे। सूरज तिवारी का कहना है कि जुनून के साथ अपने लक्ष्य के पीछे लगना चाहिए, उसे हासिल करने तक कभी नहीं रुकना चाहिए।