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Success Story : विदेशों में की पढ़ाई... फिर खेती में आजमाया हाथ, ऐसे बन गए करोड़ों की कंपनी के मालिक

Success Story Of Rajeev Samant : आजीविका के लिए अधिकतर लोग खेती, नौकरी और बिजनेस करते हैं। कई शख्स ऐसे भी होते हैं जो नौकरी छोड़कर खेती या बिजनेस में हाथ आजमाते हैं और मोटी कमाई करके सफलता की बुलंदियों पर पहुंच जाते हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं राजीव सामंत। ये नौकरी छोड़कर खेती करने लगे और उसके बाद बिजनेस में किस्मत आजमाई तो करोड़ों की कंपनी के मालिक बनने के साथ-साथ वाइन किंग बन गए। आइये जानते हैं इनकी सफलता की कहानी।

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Success Story : विदेशों में की पढ़ाई... फिर खेती में आजमाया हाथ, ऐसे बन गए करोड़ों की कंपनी के मालिक 

My job alarm (ब्यूरो)। विदेश में पढ़ाई करके दुनिया में नाम कमाने वालों की लिस्ट बहुत लंबी है। उसी लिस्ट में नाम आता है वाइन किंग राजीव सामंत (Rajeev Samant Ki Success Story) का। दरअसल मूल रूप से भारत के रहने वाले राजीव सामंत (success story of rajeev samant) अमेरिका में पढ़े और वहीं पर नौकरी की। उसके बाद भारत लौटकर खेती शुरू कर दी। इसके बाद वाइन मेकिंग का कारोबार शुरू किया तो वाइन किंग (Wine King Rajeev Samant) बनते देर नहीं लगी। इस शख्स की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणादायक है।


इतने करोड़ की कंपनी के मालिक हैं राजीव सामंत


कहा जाता है कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। इसी बात को सफलता का मूल मंत्र मानकर राजीव सामंत नौकरी छोड़कर खेती करने लगे और फिर खेती भी छोड़ दी। इसके बाद बिजनेस में उतरे। बिजनेस में काफी कुछ पाने के लिए ही नौकरी और खेती को अलविदा कहा। अंत में वाइन किंग (Wine King Rajeev Samant) के रूप में पहचान मिली। उनका कहना है कि वे नौकरी नहीं छोड़ते तो शायद कभी कुछ नहीं बन पाते। आज उन्होंने 4309 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी करके पूरी दुनिया में  पहचान बनाई हुई है। 

 सपने पूरे करने के लिए छोड़ी नौकरी व खेती


कई लोग होते हैं जो सुरक्षित नौकरी छोड़कर अपना सपना पूरा करने का रास्ता चुनते हैं। कुछ तो विदेश में शिक्षा पाने के बाद भी वापस लौटते हैं और अपनी जमीन पर कुछ खास करने की ठान लेते हैं। राजीव सामंत उनमें से एक हैं। उन्‍होंने पहले नौकरी की और फिर खेती। इसके बाद भारत में 'सुला वाइनयार्ड्स' नाम की कंपनी (Sula Wineyards) की नींव रखी। इसे बुलंदियों तक पहुंचाकर बिजनेसमैन (Businessman Rajeev Samant) बनने का सपना पूरा किया।


वाइन किंग के नाम से ऐसे मिली प्रसिद्धि 


राजीव सामंत (Rajeev Samant)को 'भारत का वाइन किंग' भी कहा जाता है। उन्होंने 1999 में महाराष्ट्र के नासिक में 'सुला वाइनयार्ड्स' की स्थापना की थी। यह नासिक की पहली वाइनरी थी। आज राजीव इस कंपनी के MD, CEO और प्रमोटर हैं। उनकी कंपनी की मार्केट वैल्यू 4,309 करोड़ रुपये के करीब है। सुला वाइनयार्ड आज भारत की सबसे बड़ी वाइन उत्पादक कंपनियों में से एक है।


अमेरिका में की थी पढ़ाई और नौकरी


राजीव सामंत का जन्म मुंबई में हुआ। उन्होंने वहीं अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। फिर वह आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। उन्होंने अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की। पढ़ाई के बाद राजीव ने अमेरिका में ही एक बड़ी कंपनी (Business Idea) में नौकरी की। उनके दिल से भारत में कृषि के लिए गहरा लगाव नहीं छूटा। इसी के चलते नौकरी छोड़कर भारत लौटे और खेती करने लगे।


वाइन मेकिंग में ऐसे बढ़ी रुचि


खेती में अपनी रुचि और लगाव होने के कारण 1993 में नौकरी छोड़कर वह वापस भारत आ गए। उन्होंने नासिक में अपनी परिवारिक खेती वाली जमीन में आम, गुलाब और अंगूर की खेती शुरू कर दी। कुछ साल बाद उन्हें एहसास हुआ कि नासिक की जलवायु वाइन अंगूर (Wine Grapes Ki Kheti) उगाने के लिए बहुत अच्छी है। ऐसे में उन्हें वाइन अंगूर की खेती की ओर रुझान हुआ। बाद में वाइन मेकिंग में रुचि होने लगी।


वाइनमेकर से मिलकर की बिजनेस की शुरुआत


जब से राजीव सामंत को वाइन अंगूर की खेती (Wine Grapes Ki Kheti Kaise kren)का पता चला तब से उन्हें वाइन मेकिंग के बिजनेस में उतरने की सूझी। इसके बाद राजीव सामंत कैलिफोर्निया गए और एक मशहूर वाइनमेकर से मिले। वह राजीव को वाइनरी शुरू करने में मदद करने को तैयार हो गए। काफी मेहनत के बाद राजीव ने 'सुला वाइनयार्ड्स' की शुरुआत (Business Idea in Hindi)की। आज वे अपनी पत्नी और बेटी के साथ खुशहाल जीवन बिता रहे हैं। राजीव सामंत उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो जीवन में अपने सपनों को पंख लगाना चाहते हैं।

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