Success Story : कर्ज लेकर शुरू किया था कारोबार, कुछ ही सालों में ऐसे बना डाली 42000 करोड़ से ज्यादा की कंपनी
Business Tips : कभी गरीबी के कारण अपनी पढ़ाई तक का खर्च उठाने के लिए चुनौतियों से लड़ने वाले हितेश चिमनलाल दोशी की गिनती आज दुनिया के रईसों में होती है। इन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, संघर्ष और हौसले से इस मुकाम को पाया है। खास बात यह भी है कि इस शख्स ने कुछ ही साल में बिजनेस (success story Hitesh Chimanlal Doshi)के फील्ड में सफलता का शिखर छुआ है। अपने रिश्तेदार से कुछ रुपये उधार लेकर इन्होंने छोटा सा कारोबार शुरू किया था, जो आज हजारों करोड़ की कंपनी के रूप में स्थापित है। आइये जानते हैं इनके संघर्ष और सफलता की कहानी।
My job alarm - (business idea) अपने कमजोर आर्थिक हालात को मजबूत करने के लिए दिन-रात एक करना पड़ता है। मेहनत और लगन के साथ अगर कोई कार्य किया जाए तो कोई भी मुकाम मुश्किल नहीं होता। हितेश चिमनलाल दोशी (Hitesh Chimanlal Doshi) ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। कुछ ही सालों में अपने छोटे से कारोबार को बड़ी कंपनी में बदलने वाले हितेश चिमनलाल आज अमीरों की लिस्ट में शामिल हैं और लाखों लोगों के लिए प्रेरणा की मिसाल बने हुए हैं।
करीब 40 साल पहले शुरू किया था कारोबार
हितेश चिमनलाल दोशी ने 1985 में लोन लेकर सिर्फ 5,000 रुपये से बिजनेस (Success Tips) शुरू किया था। आज वह अरबपति बन गए हैं। उनकी कंपनी वारी एनर्जीज लिमिटेड (Vari Energies Limited) भारत की सबसे बड़ी सोलर पैनल बनाने वाली कंपनियों में से एक है। शेयर बाजार में भी इस कंपनी का अच्छा खासा दबदबा है। इस समय कंपनी के शेयर काफी उछाल पर हैं। हितेश चिमनलाल की कुल संपत्ति 42 हजार करोड़ रुपये (Hitesh Chimanlal Doshi ki networth) से भी ज्यादा बताई जा रही है।
कारोबार बढ़ाने के लिए बैंक से लोन भी लिया
छोटी सी उम्र में हितेश चिमनलाल दोशी ने बड़ा मुकाम (Success Story in Hindi) पाया है। इनका बचपन घोर गरीबी में बीता। परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। अपने जीवन के 57 साल देख चुके दोशी ने मुंबई के श्री चिनाई कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से अपनी पढ़ाई पूरी की है। पढ़ाई के दौरान भी इन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जैसे ही पढ़ाई पूरी हुई, इन्होंने अपना कारोबार शुरू करने के लिए एक रिश्तेदार से 5,000 रुपये उधार लिए। इन रुपयों से हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स का छोटा सा कारोबार (Hitesh Chimanlal Doshi ki success story) शुरू किया। बाद में बैंक से 1,50,000 रुपये का लोन लेकर एक छोटी सी फैक्ट्री शुरू की। इसमें कई तरह के उपकरण बनाए जाते थे। इनमें प्रेशर गेज और इंडस्ट्रियल वॉल्व मुख्य रूप से शामिल थे।
साल दर साल ऐसे बढ़ता गया कारोबार
कंपनी ने हर साल अपनी ग्रोथ को लगातार जारी रखा। यह हितेश चिमनलाल की मेहनत का ही परिणाम था कि कंपनी में साल 2000 आते-आते बिजली से चलने वाले उपकरणों का कारोबार भी होने लगा। इन उपकरणों में वाटर पंप, हीटर और लैंप आदि का व्यापार शामिल रहा। हितेश चिमनलाल (Hitesh Chimanlal ki safalta ki kahani) अब अमेरिका ही नहीं बल्कि यूरोप में भी कंपनी के प्रोडक्ट बेचने लगे। 2007 की साल भी कंपनी के लिए खास रहा, क्योंकि इस साल में जर्मनी में एक प्रदर्शनी के दौरान हितेश चिमनलाल को अपनी कंपनी की असली ताकत का पता चला।
गांव के मंदिर के नाम पर रखा कंपनी का नाम
2007 में कंपनी की सोलर एनर्जी की क्षमता काफी बढ़ चुकी थी। इस दौरान हितेश ने अपना पुराना बिजनेस (success mantra)बेचकर सोलर सेल बनाने पर ध्यान दिया। खास बात यह भी रही कि उन्होंने 'वारी एनर्जीज' कंपनी का नाम अपने गांव के मंदिर पर रखा। सरकार की ओर से भी हितेश दोशी और अन्य उद्यमियों को रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में सफलता दिलाने में मदद की गई। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अक्टूबर 2024 तक भारत में स्थापित की गई कुल ऊर्जा क्षमता में सोलर एनर्जी का योगदान 20 प्रतिशत है। खास बात यह भी है कि कुल एनर्जी क्षमता में से लगभग आधा हिस्सा रिन्यूएबल एनर्जी का है।
देशभर में है कंपनी का बड़ा नाम
आपको यह भी बता दें कि हितेश चिमनलाल ने बहुत ही कम समय में कंपनी को नई ऊंचाई (khud ka business kaise kren) दी है। इस समय वारी एनर्जीज भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल निर्माता कंपनी कही जाती है। 12,000 मेगावाट की क्षमता वाली इस कंपनी की आय का ज्यादातर हिस्सा अमेरिका से आता है यानी कंपनी की ओर से अपने प्रोडक्ट का अधिकतर निर्यात अमेरिका किया जाता है और वहां से पैसे कमाती है। अब वारी एनर्जीज ओडिशा में 6 गीगावाट क्षमता वाला एक नया मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट बनाने की योजना पर काम कर रही है। आज हितेश चमनलाल (Hitesh Chimanlal story) का संघर्ष और मेहनत हर किसी के लिए अनुकरणीय है।