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Success Story : कभी साइकिल पर बेचे थे घर-घर डिब्बे, आज है करोड़ों की मालकिन

Sangeeta Pandey Success Story : मेहनत और इच्छा शक्ति से किया गया कार्य इंसान को सफल बना ही देता है। कभी आर्थिक तंगी का जीवन देख बिजनेस के फील्ड में उतरीं संगीता आज अनके महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। इन्होंने कभी 1500 रुपये से अपना बिजनेस शुरू किया था, जिसे आज करोड़ों की कंपनी में बदल दिया है।

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Success Story : कभी साइकिल पर बेचे थे घर-घर डिब्बे, आज है करोड़ों की मालकिन

My job alarm (ब्यूरो)। आर्थिक हालात कई बार इंसान को तोड़ देते हैं तो काफी कुछ सिखा भी देते हैं। कुछ इसी तरह से आर्थिक रूप से कमजोर पारिवारिक हालातों से लड़ते हुए संगीता (Sangeeta Pandey Ki Success Story) ने सीख प्राप्त की और जीवन में आगे बढ़ने का संकल्प लिया। इसी संकल्प व सीख की बदौलत आज वे छोटे से बिजनेस (Business) को करोड़ों की कंपनी में बदल चुकी हैं। आइये जानते हैं इनकी सफलता की कहानी।

1500 रुपये से किया था बिजनेस शुरू


परिवार की आर्थिक हालत कमजोर होने के कारण संगीता ने जीवन में कुछ अलग करने की ठानी तो सफलता उनके कदम चूमती गई। हालांकि उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली संगीता पांडे ने  1500 रुपए से एक छोटे से बिजनेस (Business Idea in Hindi) की शुरुआत की थी। आज इन्होंने इस बिजनेस को नई ऊंचाई दी है। 


ऐसे की थी कारोबार की शुरुआत


संगीता ने शुरू में घरों में खासकर रसोईघर में सामान डालने के लिए उपयोग किए जाने वाले डिब्बे बनाने का काम (Business Idea) शुरू किया और आज उनका यह व्यवसाय करोड़ों की कंपनी में बदल चुका है। वे कई तरह के प्रोडक्ट बना रही हैं। संगीता कई महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं।


साइकिल पर जाती थी डिब्बे बेचने 


संगीता पांडे (Sangeeta Pandey) ने कुछ साल पहले इस कार्य की शुरुआत की तो हर दुकान पर साइकिल से डब्बे का सैंपल लेकर जाना पड़ता था। छोटी-छोटी दुकानों व घरों तक संपर्क करके संगीता ने बिजनेस की शुरुआत की थी। संगीता के प्रयासों ने इसे बड़े स्तर पर पहुंचा दिया। उनकी मेहनत और लगन ने उनके बिजनेस को बढ़ाया और आज उनका नाम गोरखपुर के सफल उद्यमियों में लिया जाता है। 

संगीता को गोरखपुर रत्न का मिला है अवार्ड

कारोबार के इस क्षेत्र में संगीता पांडे की राह आसान नहीं रही। उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आर्थिक संकट के दौर से भी गुजरी, लेकिन उन्होंने पेशंस से काम लिया। अपनी मेहनत पर उन्हें पूरा विश्वास था। आत्मविश्वास के साथ वे आगे बढ़ीं। संगीता पांडे ने इस बिजनेस को ऊंचा उठाने के लिए दिन-रात मेहनत की है। अपने घर से डब्बे बनाने का काम शुरू किया। यह काम शुरुआत में सिर्फ एक छोटे पैमाने पर था। संगीता को गोरखपुर रत्न से भी नवाजा गया है।


अगरबत्ती, डिब्बे सहित कई तरह के प्रोडक्ट तैयार कर रही हैं महिलाएं

संगीता ने कई महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। इन्होंने कई महिलाओं को अनेक प्रोडक्ट बनाने सिखाए। संगीता का बिजनेस सिर्फ उनकी सफलता तक ही सीमित नहीं रहा। संगीता (Sangeeta Pandey Ki safalta ki Kahani) ने इसे अन्य महिलाओं के साथ साझा किया और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए। 


संगीता के साथ जुड़ी हुई 100 से अधिक महिलाएं आज उनके प्रशिक्षण के साथ घर से ही काम कर रही हैं। ये महिलाएं अगरबत्ती, डब्बे समेत कई अन्य प्रोडक्ट तैयार करती हैं, जिन्हें बाजार में बेचने का तरीका संगीता सिखाती हैं। संगीता नया आइडिया सोचती रहती हैं। इसके साथ संगीता उन महिलाओं के बने प्रोडक्ट ऑनलाइन सेल के साथ विदेश भेजने की भी तैयारी में है।


रोजगार देकर महिलाओं को बना रही आत्मनिर्भर


संगीता दूसरी महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बना रही हैं। साथ ही वे अपने कारोबार को भी विस्तार दे रही हैं। के इस प्रयास ने न केवल उनकी खुद की जिंदगी को बदल दिया, बल्कि कई अन्य महिलाओं की जिंदगी भी बेहतर बनाई। इससे उनके आत्मसम्मान को भी बल मिला। जो महिलाएं कभी आर्थिक रूप से कमजोर थीं, आज वे अपने घर से ही हर महीने 10 हजार रुपए से अधिक की आमदनी कर रही हैं। ये महिलाएं आज न सिर्फ आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भी हैं।


दूसरी महिलाओं के लिए बनी हैं प्रेरणास्रोत


संगीता पांडे दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं। उनका यह सफर केवल एक व्यवसायी की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस संघर्ष और धैर्य की कहानी (Success Story in Hindi )है। हालांकि उनके व्यापार के इस सफर में कई उतार चढ़ाव आए, लेकिन संगीता ने यह साबित कर दिया कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए, तो सफलता निश्चित है। उनके इस प्रयास ने कई महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है और वे आज गोरखपुर के उन उद्यमियों में से एक हैं, जो समाज को एक नई दिशा दे रहे हैं।

यह है आगे की प्लानिंग 


संगीता अपने कार्य को अब विस्तार देना चाहती हैं। फिलहाल ऑडर्स को देखते हुए इनका कारोबार करोड़ों के टर्नओवर में है। उनका लक्ष्य यह है कि आने वाले समय में और भी अधिक महिलाएं उनके साथ जुड़ें और कारोबार का हिस्सा बनते हुए रोजगार के साथ आत्मनिर्भर (Success Story Sangeeta Pandey) बनें। उनका उद्देश्य है कि उनकी कंपनी और भी बड़े स्तर पर पहुंचे। संगीता पांडे की कहानी एक प्रेरणादायक उद्यमी की है, जिन्होंने न केवल खुद को सफल बनाया, बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाया।

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