My job alarm

Success Story : कभी घर-घर जाकर बेची थी लाइटें, आज करोड़ों का है कारोबार

Success Story : खुद का कारोबार करने के लिए मेहनत, पैसा और लगन के साथ-साथ चुनौतियों से लड़ने की क्षमता और हौसले का होना बहुत जरूरी है। दयाशंकर गुप्ता ने भी अपनी दिन-रात की कड़ी मेहनत से अपने छोटे से कारोबार को करोड़ों के बिजनेस में (Success Tips) बदला है। करीब 45 साल पहले शुरू किए गए लाइटों के कारोबार को आज उन्होंने पूरे देश में फैलाया है। आइये जानते हैं उनकी सफलता की कहानी इस खबर में।

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Success Story : कभी घर-घर जाकर बेची थी लाइटें, आज करोड़ों का है कारोबार

My job alarm - (Business Tips) जीवन में सफलता पाने के लिए कभी-कभी असफलताओं का सामना भी करना पड़ता है। असफलता से निराश होकर बैठने वाले पीछे रह जाते हैं, जबकि हौसले के साथ आगे कदम बढ़ाने वाले मंजिल पा ही लेते हैं। संघर्ष के रास्ते पर चलकर कामयाबी हासिल (Dayashankar Gupta Success Story) करने वाले इसका महत्व भी जानते हैं। कुछ इसी तरह से जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखने वाले दयाशंकर गुप्ता हैं, जो अनेक चुनौतियों को पार करके आज लोगों के लिए मिसाल बने हुए हैं और सफलता के शिखर पर हैं।


करोड़ों में है सालाना टर्नओवर


उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद शहर कांच की लाइटों के लिए फेमस है। कभी लाइटों को तैयार करके बेचने वाले दयाशंकर ने खुद का बड़ा कारोबार बना लिया। शुरू में दयाशंकर खुद ऑर्डर (Dayashankar LED lights) लेने जाते और लाइटें तैयार करके लोगों के पास जा जाकर बेचते थे। धीरे-धीरे इन्होंने अपने कारोबार को बढ़ाया। दयाशंकर ने 1980 में कांच की लाइट का कारोबार शुरू किया था।  आज इनकी इनकम और सालाना टर्नओवर (Dayashankar gupta ki networth) करोड़ों में है।


पूरे भारत में होती हैं लाइटें सप्लाई


दयाशंकर ने शुरू में कांच की लाइट के आइटम बनाने शुरू (business idea news) किए थे। बाद में एलईडी लाइट बनानी शुरू की। पहले वह खुद लाइटों को तैयार करते थे लेकिन आज उनके पास कई कारीगर एलईडी लाइट तैयार करते हैं। उनकी ये लाइटें पूरे भारत में ऑर्डर पर तैयार करके भेजी जाती हैं। फिरोजाबाद में एलईडी लाइट का कारोबार (LED light business)करने वाले व्यापारी दयाशंकर गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे और संघर्ष किया। इंटर की परीक्षा पास करने के बाद उनकी रुचि कांच के आइटमों को तैयार करने में हो गई और यही रुचि आज कारोबार में बदल गई है।

कंपनी का रूप देने की है योजना


जब दयाशंकर ने लाइटें बनाने का काम शुरु किया था अकेले ही थे। वे कांच की लाइट बनाकर घर-घर जाकर बेचते थे। इन आइटमों को तैयार करने के लिए ऑर्डर लेने भी खुद ही जाना पड़ता था। फिर धीरे धीरे काम बढ़ता गया तो कुछ लोगों को अपने साथ लिया। समय बदला और लोग एलईडी लाइटों (business idea)की डिमांड करने लगे। समय की डिमांड को भांपते हुए दयाशंकर  ने कांच की लाइटें बनाना बंद कर दी और उन्होंने एलईडी लाइट का काम शुरु कर दिया। यह कारोबार खूब चल निकला। आज एलईडी लाइटों को तैयार करने के लिए उनके पास कई कारीगर हैं। ये इसे कंपनी का रूप देने की योजना बना रहे हैं।


यह कहना है दयाशंकर गुप्ता का


एलईडी लाइट कारोबारी दयाशंकर गुप्ता का कहना है कि वे एलईडी बल्ब, स्ट्रीट लाइट, ट्यूब लाइट आदि तैयार करके पूरे भारत में सप्लाई करते हैं। अगर कोई व्यापार शुरू (khud ka business kaise kren)करना चाहता है तो उसकी वे पूरी मदद करते हैं तथा सस्ती लाइटें देकर उसका सहयोग भी करते हैं। पिछले दस साल में दयाशंकर की नेटवर्थ में काफी इजाफा हुआ है।

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