Success Story : मजदूर मां को अफसर ने लगाई फटकार तो दिव्यांग बेटे ने ली प्रतिज्ञा , फिर ऐसे क्रैक किया UPSC
UPSC Topper Hemant Success Story: कई बार जीवन की चुनौतियां हमारी दिशा बदल देती हैं, जैसे हेमंत की कहानी। एक साधारण परिवार से आने वाले हेमंत ने अपनी मां की मजदूरी को लेकर एक अधिकारी से बहस की और उसी क्षण ठान लिया (Success story in Hindi) कि वह भी एक अधिकारी बनेंगे। यूपीएससी की कठिनाइयों को पार करते हुए उन्होंने 884वीं रैंक हासिल की और साबित किया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो संसाधनों की कमी भी बाधा नहीं बन सकती। उनकी यह यात्रा सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार (UPSC exam tips) करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आइए नीचे विस्तार से नजर डालते है उनकी फर्श से अर्श तक की इस कहानी पर-

My job alarm (ब्यूरो)। कई बार कुछ घटनाएं हमारे जीवन की दिशा को पूरी तरह बदल देती हैं। ऐसी ही एक घटना राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के हेमंत के साथ घटी। एक दिन, जब उनकी मां मनरेगा मजदूर के रूप में काम कर रही थीं, तब उन्हें एक अधिकारी (motivational story in hindi) से पैसे के लिए बहस करनी पड़ी। उस पल ने हेमंत के कोमल हृदय को इतना झकझोर दिया कि उन्होंने भी अधिकारी बनने की ठान ली। उनका उद्देश्य था कि भविष्य में किसी को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े। यह प्रतिज्ञा सिर्फ कुछ क्षणों की नहीं थी, हाल ही में हेमंत ने यूपीएससी परीक्षा (UPSC civil services Exam) पास कर दिखाया कि उनकी इच्छा अडिग थी।
साधारण से असाधारण तक का सफर
जहां अधिकांश लोग मानते हैं कि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पास करने के लिए बेहतर संसाधनों की आवश्यकता होती है, वहीं हेमंत ने इस धारणा को गलत साबित कर दिया। वह एक साधारण परिवार से आते हैं, जहां उनकी मां मनरेगा मजदूर हैं और पिता स्थानीय पुजारी। हेमंत ने यूपीएससी (UPSC toppers strategy) में 884वीं रैंक हासिल की। पहले प्रयास में उन्हें निराशा मिली, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने अपनी पूरी मेहनत लगा दी और सफलता हासिल की। यूपीएससी सीएसई (UPSC CSE Exam) 2023 में उन्होंने लिखित परीक्षा में 792 और साक्षात्कार में 120 अंक प्राप्त किए, जिससे कुल 912 अंक बने।
कलेक्टर बनने का सपना
हेमंत को कलेक्टर बनने की प्रेरणा उस समय मिली जब उन्होंने अपनी मां की दिहाड़ी मजदूरी को लेकर एक अधिकारी से बहस की। उसी क्षण उन्होंने यूपीएससी की तैयारी (UPSC Exam strategy) करने का मन बना लिया। कॉलेज में उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाया। पहले प्रयास में वे प्रीलिम्स पास करने में सफल रहे, लेकिन मुख्य परीक्षा में पासिंग मार्क्स की कमी के कारण हिस्सा नहीं ले सके।
अंग्रेजी की चुनौती
यूपीएससी की तैयारी हेमंत के लिए आसान नहीं थी। उनकी अंग्रेजी कमजोर थी, जिससे उन्हें कई असफलताओं का सामना करना पड़ा। यहां तक कि एक डिप्लोमा भी अधूरा रह गया। लेकिन दोस्तों के प्रोत्साहन से उन्होंने जोबनेर की एसकेएन एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन (SKN Agriculture University) की डिग्री प्राप्त की। इस अनुभव ने उन्हें और मजबूत बना दिया।
कोचिंग का विकल्प नहीं
जब यूपीएससी के नतीजे (UPSC coaching tips) आए, तो हेमंत के पिता को उनकी सफलता पर विश्वास नहीं हो रहा था, जबकि उनकी मां खुशी के आंसू बहा रही थीं। हेमंत ने हमेशा अपनी मां को दुःख में देखा था, लेकिन यह पहली बार था जब उन्होंने उन्हें खुशी के आंसू में देखा। हेमंत बताते हैं कि उनके पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन उन्होंने डिजिटल मीडिया का सहारा लेकर अपनी तैयारी की और यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
प्रेरणा की कहानी
हेमंत की कहानी यह दिखाती है कि अगर मन में ठान लिया जाए, तो संसाधनों की कमी भी सफलता के मार्ग में बाधा (UPSC exam tips 2024) नहीं बन सकती। उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने यह साबित किया कि कठिनाइयों से कभी हार नहीं माननी चाहिए। हेमंत का सफर उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।