Success Story : बचपन में उठ गया पिता का साया, तंग हालातों में जीवन गुजारकर भी दिव्या ने IAS का बड़ा मुकाम पाया
IAS Divya Tanwar : इंसान में अगर कुछ हासिल करने की ललक और सच्चा जज्बा पैदा हो जाए तो वो सभी मुश्किलों का सामना करके भी कामयाबी हासिल कर लेता है। ऐसा ही उदाहरण IAS अफसर दिव्या तंवर ने (IAS Success Story ) भी पेश किया है। दिव्या तंवर ने महज 21 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में UPSC क्रैक करके मिसाल कायम की। आइये विस्तार से जानते हैं कि दिव्या तंवर ने किन कठिनाईयों का सामना करके इतनी बड़ी सफलता पाई।
My job alarm (ब्यूरो)। जुनून में बहुत बड़ी ताकत होती है। यदि किसी युवक में कुछ पाने का जुनून पैदा हो जाए तो वो उस चीज को जरूर हासिल कर लेता है। ऐसा ही जुनून IAS अफसर दिव्या तंवर में उस वक्त पैदा हुआ था जब वो स्कूल में पढ़ती थी। दिव्या तंवर के स्कूली टाइम में (UPSC) उनके स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें एसडीएम ने अतिथि के तौर पर शिरकत की थी।
कार्यक्रम के दौरान स्कूल प्रशासन की ओर से एसडीएम की जो खातिरदारी की गई उसे देखकर दिव्या तंवर ने मन ही मन ठान लिया कि उसे भी इसी तरह बड़ा (UPSC Success Story) अफसर बनना है। आखिरकार दिव्या तंवर लगातार दो बार UPSC का एक्जाम क्लीयर करके IAS अफसर बन गई और उनका सपना साकार हो गया।
बचपन में हो गई थी पिता की मौत
बताया जा रहा है कि दिव्या तंवर जब बहुत छोटी थी तभी उनके पिता का स्वर्गवास हो गया था और उनके सिर से बाप का साया उठ गया था। पिता की मौत हो जाने के कारण उनका जीवन बहुत तंग हालातों में गुजरा। जानकारी के अनुसार IAS दिव्या तंवर जब वह स्कूल में पढ़ाई कर रही थी उसी दौरान एक बार उनके स्कूल में एक कार्यक्रम में एसडीएम अतिथि के तौर पर आए। एसडीएम की आवभगत होती देखकर दिव्या ने भी ठान लिया कि उन्हें भी ऐसा कोई बड़ा पद हासिल करना है, जिससे उनकी मां अपनी बेटी पर गर्व कर सके।
पहले प्रयास में IPS बनी और दूसरे प्रयास में IAS
बता दें कि साल 2021 में दिव्या तंवर ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी और उन्होंने पहले ही प्रयास में परीक्षा को पास (Passed UPSC exam in first attempt) भी कर लिया था। उनको पहले प्रयास में 438वीं रैंक मिली थी। उस दौरान उनकी उम्र मात्र 21 वर्ष थी। परीक्षा पास करने के बाद वह आईपीएस अधिकारी (IPS officer) बन गई। लेकिन अभी उनका सपना पूरा नहीं हुआ था । क्योंकि वो आईएएस अफसर (IAS officer) बनना चाहती थी। इसलिए उन्होंने अगले साल फिर परीक्षा परीक्षा क्रैक करके105 वीं रैंक हासिल की। उन्होंने तैयारी के दौरान किसी भी कोचिंग आदि का सहारा नहीं लिया और यूपीएससी एग्जाम अपने दम पर ही क्रैक किया।
एसडीएम का रुतबा देखकर जागी मन में लालसा
दिव्या तंवर के कहे अनुसार उसके स्कूल के दिनों में एक कार्यक्रम में एसडीएम ने अतिथि के तौर पर शिरकत की थी। तब एसडीएम का रुतबा (SDM status) देखकर और उनका भाषण सुनकर उनके मन में भी कुछ बड़ा करने की लालसा (desire to do something big) पैदा हुई। छठी क्लास में ही नवोदय स्कूल में उनका चयन (Selection in Navodaya School) हो गया था। उसके बाद जब उन्होंने कॉलेज में एडमिशन लिया तो यूपीएससी के बारे में जानकारी हासिल की, जिसके बाद उन्होंने इसका सिलेबस देखा। सभी चीजों की जानकारी लेने के बाद उन्होंने परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी।
इंटरनेट के माध्यम से की परीक्षा की तैयारी
दिव्या के अनुसार उस समय उनके दिमाग पर बहुत ज्यादा दबाव था लेकिन उन्होंने सभी मुश्किल हालातों (difficult situation) का सामना करते हुए तैयारी जारी रखी। दिमाग में कभी नकारात्मक विचार (negative thoughts) नहीं आने दिए। तैयारी के दौरान मां और भाई बहन सभी ने पूरा सहयोग किया। दिव्या ने इंटरनेट के माध्यम से UPSC परीक्षा की तैयारी की और एनसीईआरटी की किताबों (NCERT books) का सहारा भी लिया। उन्होंने टॉपर्स के इंटरव्यू भी देखे। दिव्या का मानना है कि मेहनत कभी बर्बाद नहीं जाती एक दिन उसका फल अवश्य मिलता है।