My job alarm

Success Story : किसान के बेटे ने बिना कोचिंग क्रेक किया यूपीएससी एग्जाम, पहले IPS फिर बने IAS

UPSC success story : यूपीएससी को देश की सबसे मुशकिल परीक्षा माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए लोगों को जी जान लगाकर मेहनत करनी पड़ती है। इस परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी के लिए अधिकतर बच्चे कोचिंगों का सहारा लेते हैं। लेकिन कई विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो गंभीर परिस्थितिया होने के बावजूद भी इस परीक्षा को अपने मेहनत के दम पर पास कारते हैं। 

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Success Story : किसान के बेटे ने बिना कोचिंग क्रेक किया यूपीएससी एग्जाम, पहले IPS फिर बने IAS 

My job alarm - (success story): देश में कई ऐसे लोग होते हैं जो अपने बुलंद जज्बे की मदद से अपना मन चाहा लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं। इन्हीं में से एक आईएएस बुद्धि अखिल है। आईएएस बुद्धि अखिल (IAS Buddhi Akhil) ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर देश कीउ सबसे मुशकिल परीक्षा को पास किया। यूपीएससी को पास करने के लिए इन्होंने कड़ी मेहनत की वहीं आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद भी इनको परीक्षा को पास किया। बुद्धि अखिल ने बिना किसी कोचिंग के परीक्षा की तैयारी की। आइए विस्तार से जानते हैं इनके बारे में।

दो बार क्रेक की यूपीएससी की परीक्षा-


बुद्धि अखिल ने सबसे पहले 2021 में यूपीएससी को पास किया था। इनमें उनकी रैंक 566वीं रैंक आई थी। जिसके बाद कमिशन में उन्हें दिल्ली पुलिस में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर नियुक्त कर दिया था। लेकिन बुद्धि अखिल (IAS Buddhi Akhil success story) का सपना IPS नहीं बल्कि IAS बनने का था। अपने सपना का ख्याल करते हुए उन्होंने परीक्षा की दौबारा से तैयारी करनी शुरू की और कड़ी मेहनत कर इन्होंने 2023 में एक बार फिर यूपीएससी क्रेक की इस बार बुद्धि अखिल का रैंक 321 था। 321वीं रैंक (IAS Buddhi Akhil rank) हासिल कर बुद्धि अखिल IAS के पद के लिए नियुक्त हो गए। 

बिना कोचिंग क्रेक किया एग्जाम-


लेकिन, बुद्धि अखिल (IAS Buddhi Akhil ki safalta ki khani) के हिस्से में अभी और इंतजार लिखा था। 2022 का यूपीएससी रिजल्ट आया, तो अखिल बहुत मामूली अंतर से मेरिट लिस्ट में जगह बनाने से चूक गए। दूसरी तरफ, उन्हें दिल्ली पुलिस में अपनी ट्रेनिंग भी ज्वॉइन करनी थी। इसके बावजूद, अखिल ने हार नहीं मानी और एक बार फिर से परीक्षा की तैयारी में जुट गए। एसीपी की ट्रेनिंग से जो भी वक्त बचता, अखिल उसी में इंटरव्यू की तैयारी करने बैठ जाते। अखिल की मेहनत रंग लाई। 16 अप्रैल को जब यूपीएससी का रिजल्ट (IAS Buddhi Akhil UPSC Result) घोषित हुआ, तो उनकी रैंक पिछले बार से कहीं ज्यादा बेहतर थी।

बिना कोचिंग के बने आईएएस अधिकारी-


बुद्धि अखिल का शुरुआत से ही सपना आईएएस बनने का था। वर्ष 2018 में इन्होंने काकतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से आपनी सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री (IAS Buddhi Akhil marksheet) को प्राप्त करते ही यूपीएससी की तैयारी करनी शुरू कर दी। परीक्षा की तैयारी करने के लिए बुद्धि अखिल ने किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। इन्होंने अपने घर में रहकर ही ऑनलाइन मौजूद कंटेंट से अपने नोट्स को बनाया और एक उचित टाइम टेबल स्लेक्ट करके सेल्फ स्टडी (IAS Buddhi Akhil Strategy) की। जिसके बाद वो पहली बार 2019 में यूपीएससी की परीक्षा में बैठे। इन्होंने अपने पांच प्रयास में परीक्षा को पास किया और कड़ी मेहनत कर आईएएस बने। 

लगातार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार-


जैसे ही यूपीएससी की परीक्षा का रिजल्ट आया है तो ऐसे में कई कहानियां सामने आ रही हैं। इन्हीं में से एक कहानी सब-इंस्पेक्टर शांथप्पा के. (Shanthappa K. Success story) की भी है। शांथप्पा का सेलेक्शन कर्नाटक पुलिस के सब इंस्पेक्टर के तौर पर हुआ था। लेकिन शांथप्पा का सपना था सिविल सेवा में जाने का था। शांथप्पा (Shanthappa K. UPSC rank) ने यूपीएससी की परीक्षा को लगातार सात साल तक दिया है। ऐसी गंभीर परिस्थिति के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और 16 अप्रैल को यूपीएससी रिजल्ट में उन्हें आठवें प्रयास में सफलता प्राप्त की।

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