Success Story : तीन बार प्रीलिम्स में फेल, चौथी बार में आया पैनिक अटैक, नहीं मानी हार और आखिरी अटेम्ट में किया UPSC क्रैक
Girisha Chaudhary UPSC Topper : हर साल लाखों युवा देश के सर्वोच्च अधिकारी बनने के लिए UPSC की परीक्षा देते हैं, लेकिन सबको कामयाबी नहीं मिल पाती। बार-बार फेल होने के बावजूद UPSC क्रैक करने के लिए आखिरी चांस तक डटे रहना बहुत मुश्किल काम होता है। मगर इस मुश्किल काम को भी हरियाणा की रहने वाली गिरीशा चौधरी ने पूरा करके कामयाबी की मिसाल पेश की है। गिरिशा चौधरी ने 2023 में UPSC की परीक्षा में 263वीं रैंक हासिल करके युवाओं के लिए प्रेरक बनने का काम किया है।
My job alarm (ब्यूरो)। UPSC की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल है। हर किसी का सपना होता है कि वो इस परीक्षा को पास करके देश का सबसे बड़ा अधिकारी बने। मगर UPSC में कामयाबी की कोई गारंटी नहीं है। लेकिन फिर भी कई लोग ऐसे होते हैं, जो आखिरी प्रयास तक डटे रहते हैं और मेहनत व सच्ची लगन से सभी मुश्किलों का सामना करते हुए UPSC क्रैक करके अपना सपना साकार कर देते हैं।
टॉपर्स में बनाई जगह
जी हां, ऐसा ही कारनामा हरियाणा के करनाल की बेटी गिरिशा चौधरी ने करके दिखाया है। गिरिशा (IAS Girisha Chaudhary)ने प्रीलिम्स में 5 बार फेल होने के बावजूद आखिरी प्रयास में UPSC की परीक्षा पास करके कामयाबी हासिल की। उन्होंने साल 2023 में UPSC की परीक्षा में 263वीं रैंक हासिल करके टॉपर्स में जगह बनाई।
पाकिस्तान से आकर दादा ने रिक्शा चलाकर पाला था परिवार
1947 में भारत-पाक विभाजन के दौरान गिरीशा के दादा पाकिस्तान से भारत आकर बसे थे। उन्होंने बड़ी मुश्किल से परिवार को पाला था। मजदूरी करने से लेकर रिक्शा चलाने और आइसक्रीम बेचने जैसे रोजगार किए। हालांकि बाद में वे बतौर पटवारी रिटायर हुए। गिरीशा (Girisha Chaudhary Ki safalta ki Kahani )के पापा को अच्छी जॉब मिली वे पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर थे। उनकी मां भी बैंक में नौकरी करती थीं। परिवार की इस ऊंचे पदों पर नौकरी वाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए गिरीशा ने जिंदगी में कुछ बड़ा करने की ठानी। हालांकि लक्ष्य को बाद में तय किया।
शुरू में पत्रकार को पेशा अपनाना चाहती थी गिरीशा
हरियाणा के करनाल में जन्मी गिरीशा (IAS Girisha Chaudhary)की शुरुआती पढ़ाई करनाल में ही हुई। वे स्कूल स्तर पर पढ़ाई में तो होशियार थी लेकिन कॉलेज लाइफ शुरू होने से पहले गिरीशा को UPSC का नाम भी पता नहीं था। 12वीं की पढ़ाई के दौरान गिरीशा को एक अनाथ आश्रम में जाने का मौका मिला। आश्रम में बेसहारा और असहाय बच्चों को देखकर गिरीशा ने पत्रकार बनने का सपना देखा, ताकि वह उनकी आवाज बन सके। हालांकि उन्होंने सामान्य कॉलेज से कंप्यूटर साइंस बीटेक में दाखिला ले लिया और बाद में फैसला बदलना पड़ा।
कंपनी में भी की थी जॉब
कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद गिरीशा को ईवाई कंपनी में जॉब मिली। यहां अच्छी सैलरी थी, इसके बावजूद गिरीशा को अपने अंदर की संतुष्टि नहीं मिली। जीवन में किसी चीज की कमी खटकने लगी। काफी सोचने के बाद उन्होंने UPSC क्रैक (UPSC Exam Syllabus) करने का फैसला किया। कई लोगों ने उनके इस फैसले को गलत बताया, मगर गिरीशा ने किसी की नहीं सुनी।
डेढ़ नंबर से छूटा था प्रीलिम्स एग्जाम, फिर मिला हौसला
नौकरी छोड़कर उन्होंने आगे बढ़ने का फैसला किया। इसके बाद गिरीशा ने UPSC की तैयारी (UPSC Ki Taiyari Kaise kren)शुरू की। 5-6 महीने की तैयारी के बाद उन्होंने 2018 में UPSC का पहला अटेम्प्ट दिया, मगर उनका प्रीलिम्स का पेपेर 20 नंबर से चूक गया। 2019 में गिरीशा ने फिर से पेपर दिया और इस बार वे महज 1.5 नंबर से फेल हो गईं। अब उसने हौसला जुटा लिया था कि ये एग्जाम क्रैक करना ही है।
तीसरी बार भी हुईं फेल
2020 में तीसरा अटेम्प्ट देने के दौरान पेपर के एक रात पहले वे सो नहीं सकीं। उन्हें एग्जाम को लेकर काफी बेचैनी भी थी। हालांकि गिरीशा को पूरा भरोसा था कि प्रीलिम्स पास करने के बाद मेंस वे आसानी से निकाल लेंगी। लगातार 3 बार प्रयास करने के बावजूद गिरीशा UPSC का पहला चरण भी पास नहीं कर सकीं।
पेपर से एक दिन पहले हुई एंग्जाइटी का शिकार
इसके बाद गिरीशा ने फैसला किया कि सब कुछ छोड़कर 2021 के प्रीलिम्स की तैयारी करनी है। पेपर से एक दिन पहले वे एंग्जाइटी का शिकार हो गईं और उनको पैनिक अटैक आ गया। पूरी रात बेसुध पड़े रहने के बाद सुबह गिरीशा ने अपने पिता को फोन किया और हिम्मत करके परीक्षा देने गईं। इस बार भी वे कामयाब नहीं हो सकीं। इसके बावजूद गिरीशा ने हिम्मत नहीं छोड़ी।
प्रीलिम्स पास हुआ तो फिर इंटरव्यू में अटकी
2022 में गिरीशा का 5वां प्रयास था, हालांकि उनका एंग्जायटी का उपचार चल रहा था। गिरीशा (Girisha Chaudhary UPSC Rank) को इस बार आत्मविश्वास के साथ-साथ एग्जाम को लेकर कुछ डर भी सता रहा था। मगर इस बार उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा पास कर डाली। इसके बाद उनका मेंस भी आसानी से क्लियर हो गया। इसके लिए वे 15 घंटे लाइब्रेरी में पढ़ाई करती थीं। इसके बाद इंटरव्यू में 11 नंबर कम आए और फाइनल लिस्ट में आने से गिरीशा फिर चूक गईं।
आखिरी प्रयास में रच दिया इतिहास
2023 में गिरीशा ने हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की परीक्षा दी और पहली बार में मेंस पास कर लिया। इससे उसका हौसला बढ़ा और UPSC एग्जाम में इसका सकारात्मक (UPSC Exam Tips) असर दिखा। गिरीशा का आखिरी अटेम्प्ट था, मगर 2023 की परीक्षा में गिरीशा ने प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू तीनों स्टेज पास कर लीं। 263 रैंक के साथ गिरीशा UPSC की टॉपर्स लिस्ट में आ गईं।