My job alarm

Success story : पैसे न होने पर भी नहीं मानी हार, ऐसे खड़ी कर दी 100 करोड़ की कंपनी

Success story in hindi : जब किसी के पास स्टार्टअप शुरू करने के लिए पैसों की कमी होती है तो अक्सर लोग हार मानकर पीछे हट जाते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पैसों के अभाव में भी कहीं न कहीं से रास्ता निकालकर अपनी मेहनत, आइडिया (business idea )और सही फैसलों और जुनून से सफलता पाकर खुद को साबित कर देते हैं। ऐसे ही एक शख्स की कहानी आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने कई कठिनाइयों के बावजूद सफलता का मुकाम पाया है। उन्होंने बिना किसी बड़े निवेश के, बस अपने सपने और मेहनत पर भरोसा करके एक ऐसा बिजनेस खड़ा किया, जो आज करोड़ों में है।

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Success story : पैसे नहीं होने के बाद भी नहीं मानी हार, शुरू किया बिजनेस और खड़ी कर दी 100 करोड़ की कंपनी 

My job alarm - (business tips): अपने संघर्ष से सफलता की ऊंचाइयों को छूने वाले विरले ही होते हैं। हालात से हार मान लेना कमजाेरी है, वहीं विपरीत परिस्थितियों से लड़कर आगे बढ़ना हौसले का पर्याय है। जब चंदन कुमार झा (success story of Chandan kumar jha) ने अपना स्टार्टअप शुरू करने का सोचा, तो उनके पास न तो निवेश था, न ही किसी तरह की बड़ी आर्थिक मदद।

लेकिन उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और स्मार्ट फैसलों से ये साबित कर दिया कि सफलता केवल पैसों पर निर्भर नहीं होती। अपनी छोटी शुरुआत से उन्होंने एक ऐसा बिजनेस (new success story) खड़ा किया, जो आज करोड़ों का है। चंदन कुमार की यह कहानी हमें सिखाती है कि सपने बड़े हों तो रास्ते खुद-ब-खुद बन जाते हैं।

खोले रोजगार के नए अवसर-

चंदन कुमार झा (chandan kumar jha ki success story) की कहानी एक प्रेरणा है, जो किसी भी व्यक्ति को अपने सपनों को पूरा करने का हौसला देती है। बिहार के सीतामढ़ी जिले से निकलकर, उन्होंने एक कंपनी खड़ी करने का ठान ली, फिर उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और साहसिक फैसलों के बलबूते पर 100 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी। इस यात्रा में न केवल चंदन ने अपने सपनों को हकीकत में बदला, बल्कि उन्होंने सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दिया और अपने गृह राज्य बिहार में विकास के नए अवसर भी खोले।

शुरुआती जीवन और शिक्षा का दौर-

चंदन कुमार का जन्म बिहार के छोटे से गांव में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई भी यहां के एक सामान्य स्कूल से पूरी हुई। हालांकि, उनकी नानी और परिवार के अन्य सदस्यों ने उन्हें हमेशा अच्छा करने, अच्छे सपने देखने और उसे हासिल करने की प्रेरणा (success mantra) दी। चंदन को शुरू से ही यह महसूस हुआ कि पढ़ाई में ही जीवन की सच्ची कुंजी है। उन्होंने अपनी नानी की प्रेरणा से सीतामढ़ी में कड़ी मेहनत से दसवीं तक पढ़ाई की थी।

विदेश में संजोया था एंटरप्रेन्योर बनने का सपना -

इसके बाद, 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली गए और फिर बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, चंदन ने अपनी शिक्षा को और भी ऊंचा किया और कड़ी मेहनत व लगर से इंग्लैंड से ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कनाडा के बैंकोवर में MBA किया, जहां से उनके एंटरप्रेन्योर बनने के सपने को बल मिला।

स्वदेश लौटकर शुरू किया बिजनेस-

जब चंदन के पास दो मास्टर डिग्री और अच्छी नौकरी के प्रस्ताव थे, तब उनके मन में कुछ और ही था। उन्हें लगा कि वह विदेश में नौकरी करके तो बहुत अच्छा कमा सकते हैं, लेकिन उनका असली सपना अपने देश में कुछ बड़ा करने का था। विदेश में रहते हुए ही चंदन (chandan kumar jha ki safalta ki kahani) ने ठान लिया कि वह अपने गृह राज्य बिहार में लौटेंगे और यहां एक ऐसा बिजनेस खड़ा करेंगे, जो न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाए, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार दे सके। 

चंदन ने अपनी पूरी मेहनत के साथ भारतीय बाजार में कदम रखा और 'Sutner' नामक अपनी कंपनी की नींव रखी। शुरुआत में, उन्हें बहुत कम पैसे थे और उनका बजट भी काफी सीमित था, लेकिन उनके अंदर की अग्नि और संघर्ष ने उन्हें कभी भी हार मानने नहीं के लिए नहीं कहा।


मुश्किलों और संघर्ष का ऐसे किया सामना - 

कंपनी की शुरुआत बहुत मुश्किलों से भरी हुई थी। चंदन की फैक्ट्री में शुरुआती तीन सालों तक मूलभूत सुविधाएं भी नहीं थीं। इसके बावजूद अपने क्लाइंट्स से मिलते समय उन्हें मैकडॉनल्ड्स जैसी जगहों पर ले जाते थे। वे खुद ही पैकिंग, डिलीवरी, और क्लाइंट के ऑर्डर लेने जैसे काम (success ki kahani) करते थे। इसके अलावा, वे बेहद कम सैलरी पर काम कर रहे थे और खुद को आर्थिक तौर पर बहुत नियंत्रित रखते हुए अपनी कंपनी को खड़ा कर रहे थे। 


चंदन का मानना था कि पैशन और विजन ही किसी बिजनेस को सफल बनाता है, जिसे उन्होंने अपने वेंडर्स और क्लाइंट्स के सामने साबित किया। धीरे-धीरे उनका बिजनेस बढ़ा और उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलने के रास्ते पर कदम बढ़ाया।


बिहार में लौटे तब बदल गया दृष्टिकोण - 

जब चंदन ने बिहार वापस लौटने का निर्णय लिया, तो उन्हें यह महसूस हुआ कि बिहार में एक बड़ी मार्केट और अपार संभावनाएं हैं। हालांकि, कुछ समय पहले ही वह यह सोचते थे कि बिहार में एंटरप्रेन्योरशिप के लिए बहुत कम अवसर हैं, लेकिन 2019 में गोह के पूर्व विधायक मनोज शर्मा और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मिलने के बाद उनका दृष्टिकोण (safalta ki kahani) पूरी तरह बदल गया। 
उन्होंने महसूस किया कि बिहार में एक नई सरकार और बेहतर नीतियों के तहत निवेश करने के बड़े अवसर हैं। चंदन कुमार (success story of sutner company owner) ने महसूस किया कि बिहार में अपनी कंपनी की नींव रखने से न केवल उन्हें स्थानीय बाजार में एक अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी, बल्कि यहां की सरकार और नीति समर्थन भी उन्हें बिजनेस को बढ़ाने में मदद करेगा।

चंदन की सफलता का मंत्र आया काम -

चंदन कुमार झा की सफलता की कहानी यह बताती है कि सच्ची मेहनत, सही दिशा में सोच और सही समय पर सही फैसले (safalta ki story) लेने से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। उन्होंने यह साबित किया कि चाहे आप कहीं से भी हों, अगर आपके पास सही विजन और दृढ़ संकल्प हो, तो आप किसी भी चैलेंज को पार कर सकते हैं। आज उनकी कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में हैं।

कंपनी को पहुंचाया नई ऊंचाई तक-

आज, चंदन कुमार (Sutner company ka maalik) का नाम सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में एक उदाहरण बन चुका है। उन्होंने अपनी कंपनी 'Sutner' के जरिए न केवल खुद को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत और सकारात्मक दृष्टिकोण से समाज के अन्य लोगों को भी प्रेरित किया। 
चंदन का कहना (success ki shuruat) है कि बड़े सपने देखना जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है कि आप उन सपनों को साकार करने के लिए मेहनत करें। आज, चंदन कुमार झा का नाम उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो संघर्ष करते हैं और अपने सपनों को साकार करने के लिए कुछ भी करने को तैयार होते हैं। आज इनकी नेटवर्थ (chandan kumar jha ki networth) करोड़ों में होने का दावा किया जा रहा है।

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