Success Story : असफलताओं से नहीं मानी हार, आखिर में ऐसे पाई सफलता और बना डाली करोड़ों की कंपनी
My job alarm - (Success story) बहुत से लोग होते है जिन्होंने जिंदगी की हर लड़ाई में असफलता पाने के बाद कामयाबी पाई है। उन्हीं लोगों में से एक हैं विकास डी नाहर। जिन्होंने सफल बिजनेस खड़ा करने से पहले 20 बार असफलता का सामना किया हैं, लेकिन इन्होंने कभी असफलाओं से हार नहीं मानी और संघर्ष करते रहें। इन्होंने कभी जीत की जिद नहीं छोड़ी जिसके चलते आज ये एक बड़ी कंपनी के मालिक (success story of vikas d nahar) हैं। इन्होंने अपनी मेहनत के दम पर मात्र 10 हजार से शुरू हुई कंपनी को 500 करोड़ रुपये की बना दिया।
विकास की सफलता की यात्रा-
विकास किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। किसान परिवार से आने वाले विकास को हमेशा से बिजनेस में रुचि थी। विकास ने बैंगलोर यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन की। उसके उन्होंने जैन ग्रुप में सीनियर इम्पोर्ट मैनेजर के रूप में काम शुरू किया। काम शुरू करने के पश्चात विकास ने एमबीए (vikas d nahar ki success story) की, लेकिन इस दौरान विकास ने अपनी नौकरी छोड़ दी। उन्होंने सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। जैसे ही उनकी एमबीए कंपलिट हुए उसके बाद वह सात्विक स्पेशलिटी फूड्स में मैनेजिंग डायरेक्टर बन गए। यहां काम करने के साथ ही उनको काफी एक्सपीरियंस मिला और इस एक्सपीरियंस का फायदा उन्हें हैप्पिलो (vikas ki safalta ki kahani) शुरू करने में हुआ।
2016 में शुरू की हैप्पिलो कंपनी-
विकास ने 2015 में सात्विक स्पेशलिटी फूड्स को छोड़ दिया था। एक साल के एक्सपीरियंस के बाद उन्होंने फिर 2016 में हैप्पिलो की स्थापना की। आपको बता दें कि हैप्पिलो हेल्दी स्नैक्स बनाती है। आज के समय में (kaisi khdi kri Vikas Nahar ne khud ki company) हैप्पिलो 40 तरह के ड्राई फ्रूट्स बेचती है। इसके अलावा भी हैप्पिलो कंपनी 60 तरह के मसाले और 100 तरह की चॉकलेट की भी बिक्री करती है। आज के समय में हैप्पिलो का टर्नओवर (Turnover of Happylo) करोड़ों में हैं। इससे बाजार में भी इस कंपनी का अच्छा दबदबा है।
मात्र इतने रुपये से की थी बिजनेस की शुरूआत-
हालांकि इतना बड़ा बिजनेस खड़ा करने के लिए शुरुआत में विकास (Vikas Nahar success story) को काफी संघर्ष करना पड़ा। विकास ने शुरूआत में सिर्फ 10,000 रुपये से बिजनेस (Vikas Nahar ne kaise ki bussiness ki suruwat)) शुरू किया था। उस समय उनके पास सिर्फ दो कर्मचारी थे। दो कर्मचारी के साथ इस बिजनेस की शुरूआत के पश्चात आज हैप्पिलो (co founder and ceo of happilo) के प्रोडक्ट्स कई ई-कॉमर्स साइट्स और देशभर के रिटेल स्टोर्स पर उपलब्ध हैं। आज के समय में कंपनी का वैल्यूएशन 10,000 रुपये से बढ़कर लगभग 500 करोड़ रुपये हो गया है।
ये हैं सफलता की असली कुंजी-
विकास का मानना है कि असफलता से ही सफलता (vikas d nahar ki kahani) हाथ लगती है। उनका कहना है कि असफलता से सीखना और आगे बढ़ना ही सफलता की असली कुंजी है। इनकी कहानी ऐसे लोगों के लिए काफी प्रेरणादायक है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। विकास का मानना है कि अगर आप में दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत करने की लगन हो तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं। इनकी कहानी हमें बताते है कि असफलता से घबराना नहीं चाहिए बल्कि इसे एक सीख की तरह लेना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए।