My job alarm

Success Story : मां के साथ हुए हादसे के बाद डाक्टर ने कही ऐसी बात तो तनिष्क ने कंपनी ही बना डाली

Success Story : समय कभी रुकता नहीं है, इसीलिए यह बहुत उपयोगी व कीमती होता है। खासकर मरीजों के लिए समय की कीमत को समझते हुए तनिष्क ने ऐसे काम की शुरुआत की, जो आज एक कंपनी के रूप में आगे बढ़ रहा है। अपनी मां के साथ हुए एक हादसे ने तनिष्क को इस कार्य को करने के लिए मजबूती दी और कंपनी बना डाली। आइये जानते हैं तनिष्क की सफलता के बारे में। 
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Success Story : मां के साथ हुए हादसे के बाद डाक्टर ने कही ऐसी बात तो तनिष्क ने कंपनी ही बना डाली

My job alarm - (tanishq Upmanyu Success Story) कभी-कभी हादसे भी सफलता के द्वार खोल देते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले तनिष्क उपमन्यु के साथ भी। इनकी माता के साथ हादसा हुआ तो लाइफ में सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट आया। तनिष्क के लिए यही काफी दुखद था कि उनकी मां छत से गिर गई थी। मां के इलाज के दौरान उसे ऐसा आइडिया आया कि उसने इसे स्टार्टअप (How to Start Business) के रूप में फलीभूत कर दिया। आज तनिष्क छोटी सी उम्र में 10 करोड़ की Kaizel Tech कंपनी के फाउंडर हैं। 


डाक्टर की इस बात से आया आइडिया -
जब तनिष्क 13 साल के थे तो इनकी माता सेकंड फ्लोर से गिर गई थीं। तनिष्क अपने पिता के साथ मां को अस्पताल लेकर पहुंचा। डॉक्टर ने जाते ही कहा कि 10 मिनट लेट हो जाते तो इनकी जान जा सकती थी। बस यही बात तनिष्क ने कैच कर ली और सोचा कि अगर इतना समय किसी पीड़ित को मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। इसी आइडिये (business idea) पर तनिष्क ने काम करना शुरू कर दिया और कंपनी बना डाली।


प्राकृतिक आपदा में उपयोगी होगा यह मेडिकल ड्रोन -
अपनी मां के साथ हुए हादसे के करीब 6 साल बाद तनिष्क ने लाइफ इंटीग्रेटेड मेडिकल ड्रोन (Life Integrated Medical Drone) तैयार किया। इस समय वे सिर्फ 19 साल के ही थे। इस ड्रोन की खूबी यह है कि ये 100 किलोमीटर दूर जाकर मरीज का प्राथमिक उपचार कर सकता है। ब्लड प्रेशर, ईसीजी, वेंटिलेटर, चेकअप कर सकता है। ड्रोन में ही इन सबके लिए जरूरी उपकरण व सेंसर ऐड किए गए हैं। ये सब डॉक्टर की पहुंच में रहते हैं। यह ड्रोन वहां पर ज्यादा उपयोगी होगा जहां कोई प्राकृतिक आपदा (Business Idea in Hindi) आती है। जैसे लैंड स्लाइड, बाढ़ या इमरजेंसी हो तो मरीज को इस ड्रोन के जरिये आसानी से इलाज उपलब्ध हो सकेगा। 


अभी यहां कर रहे पढ़ाई -
बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं 19 वषीर्य तनिष्क उपमन्यु फिलहाल पंजाब के जालंधर में स्थित एलपीयू यूनिवर्सिटी में Btech CSE फर्स्ट ईयर में पढ़ रहे हैं। पिता धर्मेंद्र कुमार सेना में अफसर हैं, जब तनिष्क के पिता की सिक्किम के गंगटोक में पोस्टिंग थे, तब वहां पर तनिष्क की मां सुनीता पाठक के  साथ बड़ा हादसा हो गया था। वह सेकंड फ्लोर से गिर गई थी। उस हादसे ने तनिष्क को नया मोड़ दिया । 2 साल तक लगातार इस प्रोजेक्ट (Business Idea WIth Zero Investment) पर तनिष्क ने रिसर्च किया है।

 

नासा तक कमाया नाम -
150 से ज्यादा नेशनल अवार्ड जीत चुके तनिष्क ने 2023 में अपनी कंपनी को रजिस्टर्ड कराया। करीब डेढ़ करोड़ की फंडिंग भी हुई है, तनिष्क को अवार्ड्स के साथ-साथ 25 लाख इनामी राशि भी मिली है। इस पैसे से उनको अपने कारोबार में विस्तार करने में मदद मिली। तब बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर में अपना बिजनेस (cheap business idea)करने वाले युवाओं को मंच प्रदान करने के लिए हेथाकान 2024 ऑग्रेनाइज किया गया था। इसमें तनिष्क अपने प्रोजेक्ट को दिखाने आए थे। तनिष्क ने इस बारे में जानकारी दी कि पहले भी उन्होंने कई तरह के ड्रोन पर काम किया है। वे तीन बार नासा में जाकर अपने प्रोजेक्ट को लेकर वे खुद को रिप्रेजेंट कर चुके हैं।

 

8 लाख होगी ड्रोन की कीमत -
तनिष्क के अनुसार दो साल से वे इस आइडिया (business ideas) पर काम कर रहे हैं। पिछले साल ही यानी 2023 में कंपनी को रजिस्टर्ड कराया है। अभी इस कंपनी में कम ही लोग काम कर रहे हैं। एचडी स्कॉलर्स प्रोफेसर और आर्मी ऑफिसर इस कार्य से जुड़े हैं। मेडिकल ड्रोन फाइनल होगा, जिस पर करीब 8 लाख का खर्च आएगा। फिलहाल दो लाख की लागत से एक ड्रोन को तैयार किया गया है। धीरे-धीरे इस कार्य को भविष्य में और गति दी जाएगी।

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