Success Story: 5 साल की उम्र सिर से उठ गया था माता पिता का साया, फिर 5 बार असफलता मिलने के बाद बनी IPS अधिकारी
Anshika Jain Success Story: कहते हैं, यदि आपके अंदर कुछ कर दिखाने की चाह हो, तो आप बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। आज हम आपको एक प्रेरणादायक कहानी (motivational story) बताएंगे, जिसमें एक लड़की ने महज 5 साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया। इस कठिन समय में, उनकी दादी ने न केवल उन्हें प्यार और समर्थन दिया, बल्कि शिक्षा का महत्व भी समझाया। उनकी दादी का सपना था कि उनकी पोती एक दिन IAS या IPS अधिकारी बने (IAS kaise bane) , और इसी संकल्प के साथ अंशिका ने अपनी पढ़ाई शुरू की। उन्होंने मेहनत की, चुनौतियों का सामना किया और UPSC परीक्षा को सफलता पूर्वक पास किया। आइए विस्तार से जानते है उनकी फर्श से अर्श तक की पूरी कहानी-
My job alarm (ब्यूरो)। "संघर्ष के बिना सफलता का कोई मतलब नहीं होता।" इस खबर में हम आपको एक ऐसी कहानी के बारें में बताएंगे (motivational story hindi) जो बताती है कि जीवन की कठिनाइयों का सामना कैसे किया जा सकता है। यह कहानी है अंशिका की, जिन्होंने अपने संघर्ष और लगन से यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) में सफलता हासिल की। उनके जीवन का सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह हर व्यक्ति को यह भी सिखाता है कि अगर ठान लिया जाए, तो कुछ भी संभव है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अंशिका का जन्म दिल्ली में हुआ, लेकिन जब वह महज पांच साल की थीं, तब उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। यह उनके जीवन का एक कठिन मोड़ था। उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी उनकी दादी और चाचा ने संभाली। उनकी दादी, जो एक शिक्षक थीं, उन्होंने अंशिका को शिक्षा का महत्व समझाया और उन्हें हमेशा प्रेरित किया कि वे एक दिन IAS या IPS (how to become IAS) अधिकारी बनें। इस सपने को साकार करने का संकल्प लेकर अंशिका ने अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया।
ऐसा रहा शिक्षा का सफर
अंशिका की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में हुई, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से बी.कॉम किया। कॉलेज के दिनों में उन्हें नौकरी के कई ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए एम.कॉम करने का निर्णय लिया। इसी दौरान उन्होंने UPSC परीक्षा (UPSC Exam strategy) की तैयारी शुरू की, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।
जारी रहा आगे बढ़ने का साहस
जब अंशिका अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित थीं, तब वर्ष 2019 में उनकी दादी का निधन हो गया। यह घटना उनके लिए एक बड़ा सदमा थी। लेकिन अंशिका ने अपनी दादी के सपने को जीवित रखने का संकल्प लिया और इस कठिन समय में भी अपनी पढ़ाई (success story hindi) जारी रखी। उन्होंने समझा कि उनकी दादी ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया है, और उन्हें उस प्रेरणा को अपने लक्ष्य में बदलना है।
संघर्ष का सामना
अंशिका ने UPSC परीक्षा (UPSC exam preparation) की तैयारी में कई बाधाओं का सामना किया। चार बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा। लेकिन हर बार वह हार मानने की बजाय नई ऊर्जा के साथ तैयारी में जुट जाती थीं। इससे ये साफ़ होता है की सफलता के रास्ते में असफलताएं केवल कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करती हैं। आखिरकार, अंशिका ने पांचवीं बार में वर्ष 2022 में UPSC परीक्षा (UPSC exam Tips) पास की। उन्होंने 306वीं रैंक प्राप्त की और आईपीएस (IPS) में चयनित होकर अपने सपने को साकार किया।
अंशिका की कहानी उन सभी के लिए एक उदाहरण है जो संसाधनों की कमी को अपनी असफलता का कारण मानते हैं। उन्होंने बिना किसी सहारे के, अपनी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया। उनकी सफलता यह साबित करती है कि अगर आप ठान लें और मेहनत करें, तो कोई भी सपना साकार हो सकता है।