My job alarm

IPS Success Story : महज 14 साल की उम्र में हुइ शादी और 18 में बनी 2 बच्चो की मां, जानिए कैसे तय किया IPS बनने का सफर

Success Story of IPS : जरूरी नही है कि एक बार जीवन में चीजें छूटनें के बाद आप दोबारा उन्हे हासिल नही कर सकते है। कुछ पाने का जज्बा मन में हो तो क्या नही किया जा सकता है इसी बात की मिसाल है हमारी आज की ये कहानी। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला अफसर की कहानी के बारे में बताने वाले है जिसने कि उस समय अपना पथ चुना जब कोई ऐसा करने के बारे में सोचेगा भी शायद ही। छोटी उम्र में शादी हो जाने और जिम्मेदारियों का बोझ सिर पा आने के बावजूद इस महिला ने काल कर दिखाया और आज वो एक सफल आईपीएस अफसर है। 
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IPS Success Story : महज 14 साल की उम्र में हुइ शादी और 18 में बनी 2 बच्चो की मां, जानिए कैसे तय किया IPS बनने का सफर

My job alarm -  (motivational success story) आपने बहुत-सी सफलता की कहानियो के बारे में पढ़ा और सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला की सफलता की कहानी के बारे में बताने वाले है जिनके जीवन की शुरू आत के बारे में जान कर आप ये अंदाजा भी नही लगा सकते है कि आगे चलकर इन्होने आईपीएस (IPS story) बनने का सफर तय किया होगा। ये कहानी पढ़कर आप भी कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित हो जाएंगे। जी हां आज हम आपको एक ऐसी महिला आईपीएस की कहानी के बारे में बताने वाले है जिसकी महज 14 साल की उम्र में शादी कर दी गई और 18 की आयु में तो वो 2 बच्चों की मां बन चूकी (Inspirational success story in hindi) थी। अपने जीवन की इस उथल पुथल के बावजूद इस महिला ने जो ठाना वो कर के दिखाया। आइए नीचे खबर में जान लें इस महिला IPS अफसर का रोचक सफर...


सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और परिश्रम करना पड़ता है। जरूरी नही है कि हर किसी का सफर आसान ही होता है। इसे अपनी मेहनत और प्रयास से सफल बनाना पड़ता है। अपनी परिस्थितियों से हार मानकर हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाने से कुछ नही होता है। ऐसा ही एक उदाहरण आज हम आपके समक्ष पेश करने वाले है। आज हम आपको एक महिला आईपीएस ऑफिसर की कहानी (success story in hindi) से परिचित कराने वाले है। इस महिला आईपीएस ऑफिसर ने छोटी सी उम्र में ही घर गृहस्थी का बोझ ढ़ोया लेकिन फिर हार नही मानी और अपनी मेहनत से अपना मुकाम हासिल किया। आज हम बात कर रहे है आईपीएस ऑफिसर एन. अंबिका (success story of IPS officer N. Ambika) की। आपको बता दें कि एन. अंबिका का आईपीएस ऑफिसर बनने का सफर आसान नहीं रहा। 


ये तो आपने सुना ही होगा कि किसी भी हुनर को सीखने, पढ़ाई करने के लिए कोई उम्र मायने नहीं रखती। सीखने की कोई आयु सीमा नही होती है। पढ़ाई करना भी ऐसा ही एक हुनर है जो आपको हर ओर से रौशन करता है। ये कहानी आईपीएस बन चुकी एन अंबिका (IPS N Ambika story) की। अंबिका का सफर ज़िंदगी के उस मोड़ से शुरू हुआ, जहां पहुंचकर ज्यादातर लोगों को लगता है, अब कुछ नहीं कर सकते। 


कैसे शुरू किया सफर


एन. अंबिका ने पहले डिस्टेंस से अपनी 10वीं और 12वीं की और फिर ग्रेजुएशन की। बता दें कि  IPS अधिकारी बनने के लिए, भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करनी थी। जिसकी तैयारी के लिए वे घर से दूर गईं। लेकिन जब वो  सिविल सेवा परीक्षा में 3 बार असफल हुई तो उसके बाद उनके पति ने उनसे घर लौटने का अनुरोध किया। लेकिन एन. अंबिका ((IPS N Ambika ) ने उस स्थिति में हार नहीं मानी और आखिरी बार अपने पति से परीक्षा में बैठने की अनुमति मांगी। फिर साल 2008 में, अपने चौथे प्रयास में, एन। अंबिका ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (upsc civil services exam) पास की।


एन अंबिका ने ऐसे किया ये सफर तय


एन अंबिका के शुरूआती जीवन की अगर बात करें तो एन अंबिका तमिलनाडु से ((IPS N Ambika birth place) हैं। इसमें सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये है कि उनकी शादी जब हुई, तब उनकी उम्र केवल 14 साल ही थी। इनके पति पुलिस में कांस्टेबल थे। उनका जीवन आम सा ही रहा, 18 साल तक की उम्र तक वे 2 बेटियों की मां बन गई थीं। वैसे तो उनकी ज़िंदगी खुशी से बीत रही थी। लेकिन कब कहां क्या बात कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित कर जाए, इसका अंदाजा हम में से किसी को नहीं है। इस घअना की शुरूआत वहां से हुई जब 2 बच्चों की मां अंबिका कांस्टेबल पति के साथ ‌गणतंत्र दिवस पर गईं थी। वहां देखा, पति ने अधिकारियों को सैल्यूट किया। वो लम्हा उनके मन में ठहर सा गया। उस समय उनके मन में एक अलग सी उम्मीद ने जगह बना ((IPS N Ambika life story) ली। 


इसके बाद अंबिका ने अपने पति से ये सवाल किया कि उन्होंने जिन लोगों का सैल्यूट किया, वे कौन थे। पति ने बताया वे उसके सीनियर अधिकारी थे। वैसा ही सीनियर अधिकारी बनने का सपना अंबिका ने अपने मन में बसा लिया। बचपन में छूटी पढ़ाई फिर से शुरू की। गृहस्थ जीवन में रम चुकी 2 बच्चों की मां रेगुलर तो पढ़ने नहीं जा सकी। डिस्टेंस मोड से पढ़ाई शुरू की। 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन ((IPS N Ambika qualification) की।


अंबिका ने दोबारा शुरू की पढ़ाई 


जैसा कि हमने ऊपर बताया कि डिस्टेंस से अपनी पढ़ाई की एक बार फिर से शुरूआत करने वाली इस अधिकारी ने ग्रेजुएशन के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करनी चाही, लेकिन जहां रहती, वहां यूपीएससी एग्जाम की तैयारी (UPSC exam preparation) के लिए कोई कोचिंग वगैरह की सुविधा नहीं थी। कोचिंग के लिए चेन्नई जाने का फैसला किया। बच्चों को छोड़कर जाना, मां के लिए दुनिया का सबसे मुश्किल काम है। अंबिका (N. ambika story) के लिए भी था। पति ने यकीन दिलाया। साथ दिया, बच्चों को संभाला, तब वे जा पाईं। अपने पति के साथ के बिना ऐसा कुछ कर पाना बेहद मुश्किल सा काम ही लगता है। 


यूपीएससी की तैयारी


हर कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है, हमारी इस कहानी में हम आपको बताएंगे कि कैसे एन अंबिका  के पति ने उनके इस सफर में उनका सहयोग किया है। एन. अम्बिका के पति ने उनकी सफलता में उनका साथ देकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब वह परीक्षा की तैयारी कर रही थी तो उसने अपने बच्चों की देखभाल की। अपने पति के इस समर्थन के चलते ये अपना सपना सच कर सकीं। इसके बाद वे परीक्षा की तैयारी करने के लिए वह चेन्नई चली गईं। प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ती। उनका मानना है कि अखबार पढ़ना यूपीएससी की तैयारी (tips for prepartion of UPSC) का एक अनिवार्य हिस्सा है। उम्मीदवारों को परीक्षा के प्रत्येक खंड के लिए केवल एक ही स्रोत का उपयोग करने की सलाह दी है।


यूपीएससी की तैयारी करने वालों को एन. अम्बिका ने दी ये टिप्स


अपनी तैयारी से उन्होने भविष्य में यूपीएससी की तैयारी करने वालों को एक सलाह दी है कि प्रत्येक सेक्शन के लिए कई स्रोतों का उपयोग करने से उम्मीदवार भ्रमित हो सकते हैं और उनके रिवीजन का समय काफी सीमित हो सकता है। इतना ही नही,  एन. अम्बिका (N. Ambika UPSC tips) यह भी सुझाव देती हैं कि अधिक से अधिक प्रश्नों के उत्तर दें और मॉक टेस्ट सीरीज़ तो भूलकर भी स्किप न करें उनमें उपस्थित हों ताकि अच्छे उत्तर लिखने के बारे में एक स्पष्ट विचार बने जो अच्छी यूपीएससी रैंक (UPSC rank card) पाने में मदद करेगा।


ऐसे हुआ आईपीएस बनने का सपना पूरा 


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछली गलतियों से सीख लेते हुए एन. अंबिका (N. Ambika UPSC result) ने अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की। उसने अपनी हर कोशिश से कुछ न कुछ सीखा। अंबिका को सिविल सेवा परीक्षा के शुरुआती 3 प्रयास में केवल निराशा हाथ लगी थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसमें उनके पति का अहम योगदान रहा है। उन्होने भी नौकरी कर रही औरतों की तरह, नौकरी के साथ घर व बच्चे संभाले। 2008 में सभी की मेहनत रंग लाई। सिविल सेवा परीक्षा के चौथे प्रयास में अंबिका का आईपीएस (IPS officer N. Ambika) बनने का सपना पूरा हुआ।

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