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IAS Success Story : दर्जी के बेटे ने पढ़ाई के लिए कभी बेचे थे अखबार, दोस्तों से किताबें उधार लेकर किया IAS बनने का सपना पूरा

IAS Ki Success Story :  मेहनत रंग हर हाल में लाती है, जरूरत है इसे लगातार करते रहने की। विकट हालात से लड़कर आईएएस बनने का सपना पूरा करने वाले एक शख्स को अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए अखबार तक बेचने पड़े थे। कोचिंग के लिए रुपये न होने पर दोस्त से किताबें लेकर सेल्फ स्टडी की और आइएएस की कुर्सी तक पहुंचकर दम लिया। आज वे अनेक लोगों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।

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IAS Success Story : दर्जी के बेटे ने पढ़ाई के लिए कभी बेचे थे अखबार, दोस्तों से किताबें उधार लेकर किया IAS बनने का सपना पूरा

My job alarm (ब्यूरो)। मेहनत के दम पर हर मुकाम हासिल किया जा सकता है, बस इसके लिए संकल्प पक्का होना चाहिए। विपरीत हालात में खुद को मजबूती से खड़ा रखने वाले एक दिन सफलता के शिखर को छू ही लेते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है दर्जी के बेटे निरीश राजपूत (IAS Nirish Rajput Ki Success Story) ने। अपने सपने को पूरा करने के लिए ये दिन-रात हालात से तो लड़े ही, साथ ही घोर आर्थिक संकट में भी हिम्मत और हौसला बनाए रखा। अंत में आइएएस बनकर मिसाल कायम कर डाली। आइये जानते हैं इनकी सफलता की कहानी इस खबर में।

सरकारी स्कूल से पढ़ाई करते समय देखा था आईएएस बनने का सपना


निरीश राजपूत (IAS Nirish Rajput) मध्य प्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले हैं। इनके पिता सिलाई का काम करते थे। निरीश ने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल से की और ग्रेजुएट की पढ़ाई ग्वालियर के एक साधारण सरकारी कॉलेज से पूरी की। निरीश के ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में अच्छे नंबर आए। ये बचपन से ही काफी होशियार थे। स्कूली शिक्षा के दौरान आइएएस बनने का सपना देखा था। 

फैकल्टी पद की मिली थी पेशकश, बाद में हुए थे निराश


इनकी इंटेलीजेंसी को देखते हुए उनके एक दोस्त ने उन्हें अपने संस्थान में फैकल्टी के पद की पेशकश की, जो UPSC परीक्षाओं के लिए उम्मीदवारों को तैयारी करवाता था। उसने आश्वासन दिया कि वह उसे IAS की पढ़ाई के लिए अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध कराएगा। दो साल बीत गए, निरीश ने पूरे दिल से अपने दोस्त के लिए काम किया, लेकिन बाद में फैकल्टी के पद से निरिश को हटा दिया गया।

कोचिंग के नहीं थे पैसे तो दोस्त से स्टडी मटेरियल मांगकर की पढ़ाई


IAS कोचिंग संस्थान के फैकल्टी के पद से हटाए जाने के बाद निरीश (IAS Nirish Rajput Ki Safalta Ki Kahani) काफी आहत हुए। दो साल तक उन्होंने IAS Officer बनने के अपने सपने को संजोने में कोई प्रगति नहीं की। हालांकि, दो साल बाद उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए पक्का संकल्प कर लिया और दिल्ली जाकर कुछ काम करते हुए तैयारी करने का फैसला किया। 

यहां पर मिला सेल्फ स्टडी के लिए सही माहौल


हालांकि पैसों की कमी के कारण यहां वह कोचिंग (UPSC Exam Coaching) नहीं ले पाए लेकिन तैयारी के लिए उचित माहौल जरूर मिला। उनके एक दोस्त ने उन्हें स्टडी मटेरियल (UPSC Study Material) दिया। दिल्ली में निरीश ने अपना खर्च निकालने के लिए अखबार बेचते हुए छोटी-मोटी नौकरी करनी पड़ी। वहां पर रहकर UPSC एग्जाम के लिए कड़ी मेहनत जारी रखी और सेल्फ स्टडी के दम पर सफलता हासिल की।

18 घंटे करते थे पढ़ाई


UPSC का एग्जाम क्लियर (UPSC Ki Taiyari Kaise kren) करने के लिए निरीश दिन में लगभग 18 घंटे पढ़ाई करते थे। इसके बावजूद वे UPSC का एग्जाम पास करने में लगातार तीन बार असफल रहे। अंत में उनके आत्म विश्वास और सफल होने के दृढ़ संकल्प ने उन्हें आगे बढ़ाया और उन्होंने अपने चौथे प्रयास में 370वें रैंक के साथ परीक्षा पास कर डाली। इस तरह से हालात से वे जीत ही गए।
 

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