My job alarm

IAS Success Story: घर चलाने के लिए बेची चाय, बिना कोचिंग के पढ़ाई कर ऐसे पहुंचे IAS की कुर्सी तक

UPSC Success Story: यूपीएससी जैसे कठिन एग्जाम के लिए जहां लाखों लोग महंगी कोचिंग लेते हैं, वहीं मंगेश खिलारी ने सेल्फ स्टडी कर अपनी कड़ी मेहनत से न केवल इस परीक्षा को पास किया बल्कि आईएएस की कुर्सी तक पहुंचकर लोगों के लिए मिसाल भी बन गए। किसी समय में मंगेश खिलेरी ने घर का खर्च चलाने के लिए चाय तक बेचनी पड़ी थी। इसके साथ ही वह सेल्फ स्टडी करते रहे और मुकाम पाकर ही दम लिया।
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IAS Success Story: घर चलाने के लिए बेची चाय, बिना कोचिंग के पढ़ाई कर ऐसे पहुंचे IAS की कुर्सी तक

My job alarm- (Success story) होनहार बिरवान के होत चिकने पात यानी होशियारी के लक्षण बचपन में ही दिख जाते हैं। ऐसे ही गुणों व लक्षणों के धनी IAS मंगेश खिलेरी ने इस कहावत को सच साबित करके दिखाया है। दरअसल, मंगेश (IAS Mangesh khilari) बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थे, लेकिन गरीबी ने भी इनको पूरी तरह घेरा हुआ था। इनका सपना आईएएस अफसर बनने का था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण से महंगी कोचिंग नहीं ले सकते थे। इसलिए मंगेश ने सेल्फ स्टडी को आधार बनाया और मुकाम पाया है। आज वे IAS की कुर्सी को सुशोभित कर रहे हैं।

 

हालात को हराकर जीते मंगेश खिलारी (IAS Success Story)
अपने परिवार को गरीबी में देखकर एक समय पर मंगेश चाय बेचकर गुजारा करते थे। आज वह IAS अफसर बन चुके हैं। तीसरे अटेम्प्ट में यूपीएससी की परीक्षा पास कर उन्होंने यह सफलता का शिखर छुआ है। उनकी सफलता का परिणाम यह हुआ कि उन्होंने यूपीएससी में 396वां रैंक मिला। मंगेश (IAS Mangesh khilari ki success story) के जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार ईमानदारी व सच्ची लगन से मेहनत करते गए।


माता-पिता ने किया प्रेरित -
मंगेश के माता-पिता उसे सदैव मेहनत के लिए प्रेरित करते रहते थे। इससे मंगेश का हौसला बढ़ता गया। उसने गरीबी को अपनी पढ़ाई में आड़े नहीं आने दिया। मंगेश का परिवार शहर में एक छोटी सी चाय का दुकान चलाता था और इसी से उनके परिवार का भरण पोषण होता था। गरीब होने के बावजूद भी मंगेश (IAS Mangesh ki safalta ki kahani) के माता-पिता ने उनकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी और मंगेश ने भी मेहनत से फलसफा लिख डाला। 

 

लाइब्रेरी में की पढ़ाई -
गरीबी के कारण मंगेश को पढ़ाई के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पुस्तकें खरीदने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी । मंगेश एक पुस्तकालय में पढ़ते थे और पढ़ने के लिए वह निशुल्क अध्ययन सामग्री का इस्तेमाल (IAS Study material) करते थे। घर में लाइट की भी पूरी व्यवस्था नहीं थी, इसलिए वह दीपक की रोशनी में पढ़ाई करते थे। बिना कोचिंग के ही सेल्फ स्टडी के दम पर यूपीएससी (UPSC ki taiyari kaise kren) की परीक्षा पास की।

 

यहां से मिली प्रेरणा -
मंगेश को पढ़ाई करते-करते एक बार एक आईएएस (IAS kaise bne) अधिकारी के बारे में पता चला, जिनकी पृष्ठभूमि भी मंगेश के जैसी ही थी। यहीं से मंगेश को प्रेरणा मिली कि वह भी कुछ ऐसा ही कर सकता है। इसके बाद उन्होंने UPSC की कोचिंग लेने के बजाय (UPSC coaching fees) सेल्फ स्टडी को आधार बनाया और दिन रात मेहनत करते रहे। इसके साथ परिवार की चाय की दुकान पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाते व साथ-साथ दुकान पर पढ़ाई करते रहते थे। आखिर मंगेश ने सफलता अर्जित कर ही ली।

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