IAS Success Story : छठी क्लास में फेल होने पर लिया सबक, फिर बिना कोचिंग ही UPSC में किया टॉप
UPSC Success Story : यूपीएससी देश में सबसे कठिन एग्जाम है। इसकी तैयारी के लिए युवा कठिन मेहनत करने के साथ-साथ महंगी कोचिंग भी लेते हैं। कई शख्स ऐसे भी होते हैं तो सेल्फ स्टडी के दम पर बिना कोचिंग लिए ही इस सबसे कठिन परीक्षा को क्रेक कर देते हैं। ऐसी ही उपलब्धि हासिल की है आइएएस रुक्मणी ने। वे छठी कक्षा में फेल हो गई थी तो उन्होंने इससे सबक लिया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
My job alarm (ब्यूरो)। असफलता को सफलता का आधार बनाने वाली आईएएस अफसर रुक्मणी आज युवा वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं। कई लोग जहां असफल होने पर निराश होकर बैठ जाते हैं, वहीं हौसला रखने वाले मंजिल पा ही लेते हैं। आईएएस रुक्मणी ने भी कुछ इसी तरह की मिसाल कायम की है। वे छठी में फेल होने के बाद भी सेल्फ स्टडी के दम पर आईएएस की कुर्सी पाने में सफल (UPSC Success Story) रहीं। आइये जानते हैं इनकी सफलता की कहानी।
रुक्मणी रियार का ऑल इंडिया में आया दूसरा रैंक
पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली रुक्मणी रियार की कहानी आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणादायी है। रुक्मणी छठी कक्षा में फेल हो गई थी। उन्होंने फेल होने के कारणों को जाना और संकल्प किया कि कभी ऐसा मौका दोबारा नहीं आने देना है। हर क्लास या एग्जाम में अधिक से अधिक नंबरों से पास होना है।
उन्होंने हार नहीं मानी और उसके बाद हर क्लास में लगन से पढ़ाई की तथा अच्छे मार्क्स भी लिए। उनकी सफलता का सफर यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 2 (IAS Rukmani Riar All India Rank) हासिल करने तक जारी रहा। उन्होंने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी से ये मुकाम हासिल किया और साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
छठी के बाद रही पढ़ाई में टॉप
छठी क्लास में फेल होने के बाद रुक्मणी (IAS Rukmani Riar Kon hain) ने खुद से ही ऐसा सबक लिया कि उसके बाद पढ़ाई में स्कूल और कॉलेज लेवल पर टॉप रहीं। रुक्मणी रियार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुरदासपुर से प्राप्त की। चौथी कक्षा में उन्होंने डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में दाखिला लिया। बारहवीं के बाद उन्होंने अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से सामाजिक विज्ञान में स्नातक किया और फिर मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट से सामाजिक विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की। अंत में यूपीएससी में इतिहास रच दिया।
यूपीएससी के लिए ऐसे बना इंटरेस्ट
सामाजिक विज्ञान में मास्टर डिग्री के बाद रुक्मणी ने (IAS Rukmani Riar Ki Safalta ki Kahani) योजना आयोग और अन्य गैर सरकारी संगठनों में इंटर्नशिप की। यहां उन्होंने कई अफसरों को ड्यूटी करते हुए देखा। इस दौरान उन्हें सिविल सेवा के प्रति गहरी रुचि जागी और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। इसमें सफलता प्राप्त करके ही दम लिया।
किताबों, अखबारों और मैगजीन से बनाया खुद को इंटेलीजेंट
रुक्मणी इस दौरान सेल्फ कॉन्फिडेंस से लैस हो चुकी थीं। बिना किसी कोचिंग (UPSC Exam Ki Taiyari Kaise kren) के खुद से पढ़ाई की। उन्होंने किताबों, अखबारों और मैगजीन को ज्ञान प्राप्त करने का आधार बनाया। उन्होंने नियमित रूप से मॉक टेस्ट दिए और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास किया। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2011 में यूपीएससी परीक्षा में दूसरा ऑल इंडिया रैंक हासिल किया।
युवा पीढ़ी के लिए बन गईं प्रेरणास्रोत
रुक्मणी की सफलता (UPSC Success Story of IAS Rukmani Riar) का राज उनकी लगन, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत है। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी कमजोरियों को ताकत में बदल दिया। उन्होंने साबित किया कि सफलता के लिए महंगे कोचिंग की जरूरत नहीं होती, बल्कि सही दिशा में की गई मेहनत ही काफी होती है। आज वे अन्य लोगों व युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं।
ऐसे दूर किया था फेल होने का तनाव
छठी क्लास में फेल हो गईं। असफलता मिलने के कारण परिवार और शिक्षकों के सामने जाने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थीं। कई परेशानियों के चलते तनाव बढ़ने लगा। लेकिन कुछ बड़ा करने का जुनून था, फेल होने के बाद भी खुद को हौसले व हिम्मत के दम पर तनाव व सभी परेशानियों से उभारा। रुक्मणी (IAS Rukmani Riar Ki Success Story) ने कभी यह नहीं सुना कि लोग क्या कहते हैं, बल्कि यह सोचा की सफलता के बाद जो कहेंगे वही सुनना है। इसके बाद मन लगाकर पढ़ाई की और आखिर में रुक्मणी रियार ने यूपीएससी एग्जाम में टॉप किया।