Business Idea : कर्जा उतारने के लिए पढ़ाई छोड़कर शुरू किया बिजनेस, आज 40 देशों में फैला है कारोबार, करोड़ों की है नेटवर्थ
Success Story : आर्थिक तंगी में कई लोग जहां हालात का रोना रोते हुए हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाते हैं, वहीं कुछ लोग हिम्मत जुटाकर कुछ नया करने का संकल्प लेकर आगे बढ़ जाते हैं। इस शख्स ने भी जब आर्थिक हालत माली हुई तो मन में कुछ अलग करने की ठानी और बिजनेस करके अपनी पूरी लाइफ ही बदल डाली। आइये रूबरू होते हैं इनकी सफलता की कहानी से।
My job alarm (ब्यूरो)। हिम्मत और हौसले से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। इस बात को सच साबित किया है करोड़ों का कारोबार करने वाले नितेश अग्रवाल (Success Story of Nitesh Agarwal) ने। कभी पढ़ाई का खर्च भी घर में न होने के चलते इन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी और कर्ज उतारने के लिए बिजनेस (Businessman Nitesh Agarwal) शुरू किया था। आज इनकी कमाई करोड़ों में है। यह सफलता नितेश ने हालात से लड़कर पाई है।
रुपये उधार लेकर शुरू किया था छोटा सा कारोबार
जब नितेश ने अपना कारोबार शुरू (Khud Ka Business Kaise Suru Kren) किया था तो कई परेशानी झेलनी पड़ी। आज उनका कपड़ों पर कढ़ाई (Kapdon Par Kadhayi Ka Business) की कला से जुड़ा बिजनेस दुनिया के करीब 40 देशों में फैला है और सालाना कमाई 7 करोड़ रुपये है। आर्थिक समस्याओं के चलते उन्हें साल 2000 में 10वीं की पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले नितेश ने अपना बिजनेस एक जानकार से पैसे उधार लेकर शुरू किया था। नितेश चिकनकारी साड़ियां, कुर्तियां, हाथ से बने जूते और अन्य सामान बेचते हैं।
डस्टबिन में मिली डायरी ने ऐसे दिलाई सफलता
बात वर्ष 2005 की है, नितेश को अपने घर के पास एक डस्टबिन में एक डायरेक्टरी मिली। इसमें कुछ एक्सपोर्टर्स के नाम थे। नितेश चिकनकारी कढ़ाई वाले कपड़ों के बाजार से अच्छी तरह वाकिफ थे। उन्होंने इस डायरेक्टरी में मिले कुछ एक्सपोर्टर को कॉल की। इसमें उन्होंने कहा कि वह लखनऊ के एक निर्माता हैं जो ऑर्डर पर काम करते हैं। एक शख्स ने कुछ सैंपल मांगे। वह एक दुकान से 30 हजार रुपये की उधारी पर 30 सैंपल लाए और उस एक्सपोर्टर (Exporters Of India) को मुंबई भेज दिए। उसने सिर्फ एक सैंपल रखा और बाकी वापस कर दिए। वह सैंपल एक सफेद सूती चिकनकारी साड़ी थी।
बिजनेस में आई बाधा तो ग्राहक से ही लेने पड़े थे रुपये उधार
उस दुकानदार ने उस सैंपल की 1,000 साड़ियां मांगी थीं। नितेश ने किसी तरह उस ऑर्डर को पूरा किया। दुकानदार ने प्रति साड़ी 375 रुपये के हिसाब से 3.75 लाख रुपये का भुगतान नितेश को कर दिया। इस ऑर्डर से नितेश को 20 हजार रुपये का फायदा हुआ था। इसके बाद उन्हें लगा कि वे कारोबार (Business Idea in Hindi) को बढ़ाकर सफल हो सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
अकेला होने के कारण वह या तो समय पर ऑर्डर पूरा नहीं कर पाते थे या क्लाइंट ऑर्डर को रिजेक्ट कर देते थे। काफी क्लाइंट पेमेंट में भी देरी करते थे। ऐसे में जल्द ही उनके पास पैसे खत्म हो गए। उस समय में उनके एक पुराने ग्राहक ने उन्हें 13 हजार रुपये उधार देकर मदद की। नितेश ने बिजनेस (Nitesh Agarwal Ka Business) को फिर से खड़ा करने का फैसला किया। इस बार उसने कुछ महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की सोची और आइडिया सफल हो गया।
दिल्ली से सिंगापुर तक ऐसे फैलाया कारोबार
अब नितेश कुछ महिलाओं को भी रोजगार (Employement News) देते हुए काम कर रहे थे। ऐसे में उन्हें ऑर्डर पूरे करने में दिक्कत नहीं आई। उन्हरोंने चिकनकारी कपड़ों का कुछ स्टॉक दिल्ली में (Delhi Me Cloth Market) बेचने का फैसला किया। वह दिल्ली आए और यहां उनकी मुलाकात कुछ लोगों से हुई। उनमें से एक शख्स सिंगापुर जा रहा था। वह शख्स नितेश को अपने साथ ले जाने के लिए तैयार हो गया। नितेश अपने साथ कुछ स्टॉक भी ले गए। वहां सारा सामान नहीं बिका और इससे वह फिर से घाटे में आ गए। हालांकि नितेश को यहां अपने कढ़ाई किए कपड़ों के लिए एक नया बाजार दिखाई दे गया था। अगली बार वह चिकनकारी कुर्तियों के साथ सिंगापुर (Singapore)पहुंचे। उस बाजार में यह सामान बिक गया। बस यहीं से उनकी विदेश में बिजनेस की यात्रा शुरू हो गई। फिर धीरे-धीरे दूसरे देशों में भी पैर जमा दिए।
अब कई महिलाओं व अन्य लोगों को दे रहे रोजगार
आज के दौर में नितेश करोड़ों का कारोबार तो कर ही रहे हैं, साथ ही करीब दो हजार महिलाओं सहित कई अन्य लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। विदेशों में इनके कारोबार की बात करें तो नितेश आज यूरोप, लैटिन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में चिकनकारी कढ़ाई वाले कपड़े बेच रहे हैं। उनका बिजनेस 40 देशों में फैला है। उनका अब हर साल का करीब 7 करोड़ रुपये (Nitesh Agarwal Ki Networth)का रेवेन्यू है। नितेश की आगे की योजना इस कारोबार को अन्य देशों में फैलाने की है।