My job alarm

Business Idea : उधार लेकर शुरू किया बिजनेस, फिर देखते ही देखते बनी करोड़ों की मालकिन

Business Idea in Hindi : कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है, यह कथन बिजनेस करने वालों पर काफी ज्यादा लागू होता है। इसी कथन को सफलता का मंत्र मानकर एक महिला ने अपनी नौकरी छोड़ी और बिजनेस में कदम रखा। इस फील्ड में संघर्ष के बाद वे सफलता के शिखर पर पहुंची तो अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत तो बन ही गई, साथ ही आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम करते हुए हर साल करोड़ों रुपये भी कमा रही हैं। 

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Business Idea : उधार लेकर शुरू किया बिजनेस, फिर देखते ही देखते बनी करोड़ों की मालकिन 

My job alarm (ब्यूरो)। करियर और कारोबार में आगे बढ़ने के लिए मेहनत के साथ-साथ अदब हौसले की भी जरूरत होती है। मन में पक्का इरादा हो तो मंजिल मिल ही जाती है। अन्नपूर्णा कल्लूरी (Success Story of Annapurna Kalluri) भी मेहनत और हौसले की प्रतिमूर्ति हैं। नौकरी को छोड़कर मिलेट्स का बिजनेस किया तो कारोबार बढ़ता चला गया। हालांकि इसे शुरू करने से लेकर शिखर तक पहुंचाने में उन्हें कड़ी मेहनत करने के साथ ही विकट हालात का सामना भी करना पड़ा।

बचपन से था बिजनेस की ओर रुझान 


अन्‍नपूर्णा कल्लूरी ने बेशक MBA की पढ़ाई करने के बाद नौकरी की, लेकिन बचपन से ही बिजनेस करने का सपना पाल रखा था। उनकी सोच थी कि एकबारगी अगर पढ़ाई के बाद सीधा बिजनेस (Milets Business) न किया जाए तो कुछ दिन तक नौकरी करके बिजनेस के लिए पैसा और अनुभव जुटाना ठीक रहेगा। इसके बाद बिजनेस (Business Idea)  तो करना ही था। कल्लूरी ने एमबीए के बाद एक बड़ी टेक्‍नोलॉजी कंपनी की हार्डवेयर मार्केटिंग टीम में अपनी पहली नौकरी शुरू की। इसके बाद जल्द ही उन्होंने स्टार्टअप आइडिया तलाशने शुरू कर दिए। 


पिता के कारोबार से मिला अनुभव

बिजनेस आइडिया  आते ही कल्लूरी ने श्री हरिथा एग्रो फूड प्रोडक्ट्स की नींव रखी। अन्‍नपूर्णा कल्लूरी (Annapurna Kalluri) उद्यमियों के परिवार से हैं। उनके पिता की हैदराबाद, तेलंगाना में एक इंजीनियरिंग फैब्रिकेशन यूनिट है। बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए अपने पिता को बिजनेस आइडियाज (Business Idea news) पर काम करते हुए देखते हुए बड़ी हुईं। पिता के कारोबार से अन्नापूर्ण को पूरा फायदा व अनुभव मिला। अन्‍नपूर्णा 8वीं कक्षा से ही एक फूड आंत्रप्रेन्योर बनना चाहती थीं। उनकी कंपनी 'अवस्या' ब्रांड के तहत मिलेट से बने उत्पाद बेचती है। इसके अलावा सरकारी संस्थानों को बाजरे का आटा भी सप्लाई करती है। उनकी कंपनी अन्य ब्रांड्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग भी करती है।

नौकरी छोड़ शुरू किया खुद का बिजनेस - 

साल 2006 में अन्‍नपूर्णा ने अपनी नौकरी छोड़ दी और मिलेट व्यवसाय शुरू करने से पहले अपने उद्यमशीलता कौशल को मजबूत करने के लिए SAP सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन में एक कोर्स किया। इसका फायदा उनको आज भी बिजनेस में मिल रहा है। अन्नपूर्णा कल्लूरी (Annapurna Kalluri) अब अगले चार वर्षों में 25 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य लेकर चल रहा है। अन्‍नपूर्णा हैदराबाद में एक नया कारखाना स्थापित कर रही हैं। यहां बाजरे के एनर्जी बाइट्स, नाश्ते के मिश्रण, फ्लेक्स, आटे और अन्य उत्पादों की मौजूदा रेंज के अलावा बाजरे के नूडल्स और पास्ता का भी बनाया जाएगा।

कर्जा लेकर शुरू किया था बिजनेस

अब अन्नापूर्णा जल्द ही हैदराबाद में नया प्लांट (Millets Plants) लगाएंगी।  इस नए प्लांट में हर उत्पाद के दो-दो टन का उत्पादन करने की दैनिक क्षमता होगी। अन्नपूर्णा की इस सफलता के पीछे कड़ी मेहनत तो है ही, उन्हें आर्थिक समस्याओं से भी जूझना पड़ा था। अन्‍नपूर्णा ने वेंचर शुरू करने के लिए 26 लाख रुपये का कर्ज लिया था। इसे मुश्किल से मंजूरी मिली थी, क्योंकि बैंकों ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र (Food Processing Sector) में कई असफलताएं देखी थीं। अन्‍नपूर्णा को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय से 7.5 लाख रुपये की सब्सिडी भी मिली थी। लगातार की गई मेहनत के दम पर कारोबार चल निकला तो कर्ज भी चुकता कर दिया।

इसलिए चुना मिलेट का कारोबार


अन्‍नपूर्णा कल्‍लूरी पहले फल और सब्जियों के साथ काम करना चाहती थीं। लेकिन, उनके पिता ने मिलेट का सुझाव दिया, जो स्थानीय जलवायु के लिए अधिक अनुकूल है। इसलिए उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी (multinational company) की नौकरी छोड़कर मिलेट का बिजनेस (Millets Ka Business kaise kren) शुरू किया।  श्री हरिथा एग्रो फूड 'अवस्या' ब्रांड के तहत मिलेट से बने नाश्ते के मिश्रण, फ्लेक्स और अन्य उत्पाद बेचती है। 

कोरोना के बाद कंपनी ने की कई गुना तरक्की


कोरोना महामारी (corona epidemic) के कारण 2021 में इनकी कंपनी में सालाना राजस्व में 20 लाख रुपये की गिरावट आई। जैसे ही यह समय बीता तो कंपनी ने कई गुना तरक्की की। अब कंपनी सभी बाजरा, जौ, गेहूं, मेथी और अन्य खाद्य पदार्थों के फ्लेक्स बनाती है। पुराने प्लांट में रोजाना एक टन नाश्ता और स्नैक्स के साथ 600 किलोग्राम इंस्टेंट मिक्स बनाया जाता है। 

जानिये क्या है मिलेट्स का कारोबार 


मिलेट्स यानी श्री अन्न। भारत दुनिया में श्री अन्न यानी मिलेट्स (Millets kya hota h) का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत में श्री अन्न  की तीन किस्में अर्थात् बाजरा (Pearl Millet), ज्वार (Sorghum) और कुट्टू का आटा (Bulkwheat) अधिकतर उगाया जाता है। इससे बने प्रोडक्ट मिलेट्स प्रोडक्ट कहलाते हैं। इनका बिजनेस मिलेट कारोबार में आता है।

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