देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने ग्राहकों को दिया तगड़ा झटका, इतनी बढ़ गई ब्याज दरें
My job alarm - (MCLR increase updates) बैंकों की ब्याज दरों में बढ़ोतरी और कमी होने का कारण रेपो रेट होता है। इसके कम ज्यादा होने पर ही ब्याज दरें निर्भर करती है। हाल ही में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। अब लोगों के लिए लोन लेना काफी महंगा पड़ने वाला है। जी हां, देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI updates) ने अपनी कर्ज की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट में 5 बेसिक प्वाइंट का इजाफा किया है। बैंक ने 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के लोन की दर को बढ़ा दिया है। इसके कार, होम लोन और पर्सनल लोन महंगा हो जाएगा। अब होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन (loan interest rates hike) लेना उतना भी आसान नही होगा।
दूसरी बार हुई MCLR में बढ़ोतरी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एसबीआई ने हाल ही में दूसरी बार MCLR में बढ़ोतरी की (MCLR Rate) है। हालांकि, बैंक ने ओवरनाइट यानि कि रातो रात ही , एक महीने, दो साल और तीन साल की अवधि के लिए एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया है। इन अवधियों में ब्याज की दरें पहले जैसे ही होंगी।
पहले जान लें क्या है MCLR?
अगर आप नही जानते है कि ये MCLR आखिर होता क्या है तो आपको बता दें कि ये वह न्यूनतम ब्याज दर होती (minimum interest rates of bank on loan) है, जिस पर बैंक उधार यानी लोन देते हैं। सबसे जरूरी बात तो ये कि इस ब्याज दर से कम पर कोई भी बैंक किसी भी व्यक्ति को होम लोन, पर्सनल लोन या फिर कार लोन नहीं दे सकता है। साल 2016 में आरबीआई ने बेस रेट सिस्टम की जगह पर इस सिस्टम को लाया गया। हालांकि, जिन लोगों ने 2016 से पहले लोन लिया था वह आज भी BPLR के अधीन है।
इसमें समझने वाली बात ये है कि अगर बैंक MCLR रेट में बढ़ोतरी करता है। तो खुद ब खुद लोन की ईएमआई बढ़ जाती है। इसके अलावा MCLR का संबंध बैंकों की रेपो रेट (Repo rate) से भी होता है। इसलिए, अगर MCLR रेट में कुछ बदलाव होता (changes in MCLR effects interest rates) है तो उसका असर सीधे लोन होम लोन की ब्याज दर पड़ सकता है।
क्या होंगी अब नई ब्याज दरें
जानकारी के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक की ओर से MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी 3 अवधियों वाली ब्याज दरों में हुई (MCLR rates hike) हैं, जिनमें 3 महीने के लोन पर ब्याज दर 8.50 से 8.55 फीसदी और 6 महीने के लोन पर ब्याद दर 8.85 से 8.90 फीसदी कर दी गई है। वहीं, एक साल के लोन पर ब्याज दर को 8.95 फीसदी से बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया गया (interest rates on one year ) है।
ये हैं नई और पुरानी ब्याज दरें (New and old interest rates)
अवधि | पहले की ब्याज दर (%) | अब ब्याज दर (%) |
ओवरनाइट | 8.20 | 8.20 |
ONE MONTH | 8.20 | 8.20 |
TREE MONTH | 8.50 | 8.55 |
SIX MONTH | 8.85 | 8.90 |
ONE YEAR | 8.95 | 9.0 |
TWO YEAR | 9.05 | 9.05 |
THREE YEAR | 9.10 | 9.10 |
इससे पहले HDFC बैंक ने भी बढ़ाया था MCLR
केवल एसबीआई ही नही, HDFC बैंक ने भी सितंबर महीने में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। बैंक ने MCLR में वृद्धि की (HDFC Bank MCLR rates) थी। जो कि ओवरनाइट, एक महीने और 3 महीने की अवधि वाले लोन पर लागू है।