My job alarm

tenant landlord dispute : किराएदार नहीं दे रहा रेंट तो न करें बहस, ये काम कर लेंगे तो भागा-भागा आएगा पैसा देने

tenant landlord dispute :  मकान मालिक और किराएदार में अकसर किसी न किसी बात को लेकर नोंक झोंक होती रहती है। मकान मालिक और किराएदार का रिश्ता खट्‌टा-मिठा होता। वहीं कई बार नौबत झगड़े तक आ जाती है। झगड़े के कई कारण हो सकते हैं, कभी मकान मालिक अचानक घर खाली करने को बोल देता है तो कभी किराएदार किराया (tenant rent) नहीं चुकाता। हम बात करेंगे जब किराएदार किराया नहीं चुकाता है तो मालिक को क्या करना चाहिए। आइए आर्टिकल में जानते हैं। 
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tenant landlord : किराएदार नहीं दे रहा रेंट तो न करें बहस, ये काम कर लेंगे तो भागा-भागा आएगा पैसा देने

My job alarm (landlord rights) : मकान मालिक जिस हिसाब से किराएदार (tenant) को अपनी प्रोपर्टी में सुविधाएं मुहैया करा रहा होता है, उसी हिसाब से उनको किराया वसूलने का अधिकार होता है। कई बार किराएदार मकान में रहते तो हैं, लेकिन किराया समय पर नहीं देते, या किराया देने से मना ही कर देते हैं। 

ऐसे में बात झगड़े तक पहुंच जाती है। लेकिन इस स्थिति में भी आपको झगड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। आपको हम कुछ ऐसे ट्रिक्स बताएंगे कि किराएदार खुद (rent recovery) ही आपका किराया देने दौड़ा चला आएगा। आइए जानते हैं स्टेप वाइज-

 
किराया लेने का सबसे आसान तरीका


मकान मालिक (landlord) जब भी अपना मकान किराए पर देता है तो वह किराएदार से सिक्योरिटी (rent security) के तौर पर लगभग किराए के बराबर ही रुपये लेता है। बता दें कि यह सिक्योरिटी इसी लिए ली जाती है कि जब कोई घर में नुकसान हो तो तब उसमें से रुपये काट लें, वहीं कोई किराया देने में आनाकानी करें तो सिक्योरिटी राशि किराए के रूप में रख ली जाए। 


अगर आपका कोई किराया नहीं दे रहा है तो सिक्योरिटी राशि रखकर आप अपना मकान खाली करवा सकते हैं। सिक्योरिटी राशि ही किराया न चुकाने की स्थिति में रुपये वसूलने में मदद करती है। यह सिक्योरिटी राशि (rent security money) मकान में हुए नुकसान और किराए के भुगतान न होने पर मकान मालिक को वित्तिय सुरक्षा देती है। आप किराएदार को बोलकर सिक्योरिटी में से किराया काट सकते हैं। 

 

सिक्योरिटी राशि से न चलें काम तो ये है दूसरा विकल्प


किरायेदार तय समय पर किराया नहीं देता है, तो आप अपने पैसे की वसूली के लिए कानून का रास्ता अपना सकते हैं। आप किराएदार को नोटिस भेज (notice to tenant) सकते हैं। नोटिस में पूरी डिटेल दें कि कितने रुपये किराया बकाया है, भुगतान कब तक होना था, अब कब तक भुगतान कर दें। अगर किराया नहीं देता है तो एक्शन लिया जाएगा। इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट 1872 (Indian Contract Act) में दी गई सारी शर्तें आप इसमें डाल सकते हैं। 

 

नोटिस से न बने बात तो जानें तीसरा विकल्प


अगर आप का किराया सिक्योरिटी और नोटिस से भी नहीं निकल पा रहा है तो आप कोर्ट का रास्ता अपना सकते हैं। आप अदालत में केस (court case on tenant) कर सकते हैं। निचली अदालत में अपने सभी सबूत लेकर जाएं, आप के पास सारे कागजात होंगे तो फैसला आपके हक में ही आएगा। 

 

बेदखल करने का भी उपाय


इसके बाद भी किराएदार किराया नहीं देता है तो आप बेदखल करने की कार्रवाई अमल में ला सकते हैं। किराएदार को प्रोपर्टी खाली (property rights) कराने के कानून में अलग अलग राज्यों के हिसाब से प्रावधान है। आप उनको अपना सकते हैं। आप किसी अच्छे वकील से सलाह लेकर ये कार्रवाई पूरे कानूनी तरीके से कर सकते हैं।  

 

किराए पर मकान देने से पहले ये बात जान लें 


जब भी कोई मकान मालिक अपने मकान को किराए पर चढ़ाता है तो ऐसे में जरूरी है कि वो अपना प्रोपर रेंट एग्रीमेंट (rent agreement format) जरूर बनवा लें। ये बात में बहुत काम आ सकता है। इसी में होता है कि कितना किराया है, कब देना है। कितने दिन के लिए मकान किराए पर है। इसलिए ये कानूनी दस्तावेज अवश्य ही बनवा लें। इसके बाद ही अपना मकान किराए पर दें।

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