Savings account : बैंक अकाउंट से पैसे निकालने पर देना होगा टैक्स, जानिये बचाने का तरीका
My job alaram - बैंक की सेवाओं (bank services) का इस्तेमाल तो हम आए दिन करते रहते है। लोग आजकल जेब में कैश रखने की बजाय अपने खाते में जरूर पैसा रखते है और जरूरत पड़ने पर उसे बैंक से निकलवा लेते है। अगर आप भी एटीएम के जरिए या बैंक से कैश निकलवाने (cash withdrawal rules) जा रहे है तो उससे पहले आपको कुछ जरूरी बातों के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आपको इसमें काफी सावधानियां बरतने की जरूरत है। अगर आप कहीं से भी पैसे निकालते हैं तो आपको चार्ज का बोझ उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
अगर आप चार्ज नहीं चाहते हैं तो आपको नियम पता होने चाहिए। इसके लिए आपको एटीएम या फिर बैंक से पैसे निकलवाने की सीमा के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे कि बैंक (savings account) से पैसे निकालने की क्या सीमा (cash withdrawal limit) है और आपको इसके लिए कितना चार्ज देना पड़ सकता है।
ATM ट्रांजेक्शन पर कितना लगेगा चार्ज?
अगर आप नही जानते है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब भी आप एटीएम से कैश निकलवाते (atm cash withdrawal charges) है तो उस पर भी बैंक की ओर से चार्ज वसूला जाता है। 1 जनवरी से एटीएम ट्रांजेक्शन पर शुल्क बढ़ा दिया गया है। पहले सीमा से अधिक प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 20 रुपये का शुल्क लगता था। अब यह राशि बढ़कर 21 रुपये हो गई है। जिस बैंक में हमारा खाता है, उसके एटीएम (ATM rules) से हम प्रति माह 5 बार निशुल्क पैसे निकाल सकते हैं। अन्य बैंकों के ATM से हर महीने 3 बार मुफ्त में पैसे निकाले जा सकते हैं। लेकिन हम देश के मेट्रो शहरों में स्थित बैंक के अपने ATM से महीने में सिर्फ 3 बार ही मुफ्त में पैसे निकाल सकते हैं। तो अगर आप भी इन लगने वाले चार्जिस से बचना चाहते है तो इसके लिए ये जरूरी है कि आपको इन सब नियमों को याद रखना चाहिए। इससे आपकी काफी बचत होने वाली है।
इन-इन पर कटेगा TDS
बहुत से लोगों का ये वहम होता है कि अगर वे बैंक (savings account) से सीधा कैश निकासी करते है तो उन्हे कोई भी चार्ज नही देना पड़ेगा लेकिन ऐसा नही है। लोग इन्ही नियमों से अंजान होने के चलते चार्जिस के जाल में फंस जाते है। दरअसल बैंक ऐसी कोई मुफ्त सेवा नहीं देते हैं। हर एक ट्रांजेक्शन पर चार्ज (ATM transaction charges) लगता है। बैंक से सीधे पैसे निकालने के मामले में जो लोग नियमित रूप से आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते हैं, उन्हें कुछ खास लाभ मिलते हैं।
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 194एन के अनुसार, अगर किसी वित्तीय वर्ष में खाते से 20 लाख रुपये से अधिक की निकासी होती है तो सभी लेन-देन पर टीडीएस (tax deduction at source) कटता है। यह नियम सिर्फ उन लोगों पर लागू होता है जिन्होंने लगातार 3 साल तक अपना आईटीआर दाखिल (ITR Filling) नहीं किया है। जो लोग ITR दाखिल नहीं करते हैं। उन्हें बैंक, सहकारी बैंक और डाकघरों से 20 लाख रुपये से अधिक की पैसे निकालने पर TDS देना होगा।
जानकारी के अनुसार नियमित ITR दाखिल करने वालों को एक वित्तीय वर्ष (financial year) के दौरान 1 करोड़ रुपये तक की नकद निकासी करने पर भी TDS देने की कोई जरूरत नहीं होती है। अगर एक वित्तीय वर्ष के दौरान निकाली गई राशि 1 करोड़ रुपये से अधिक है, तो 2 फीसदी TDS लगता है। जिन लोगों ने पिछले तीन वर्षों से ITR दाखिल नहीं किया है, उन्हें खाते से 20 लाख रुपये से अधिक की राशि निकालने पर 2 फीसदी TDS देना होगा। 1 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर 5 फीसदी TDS देना होगा।