Savings account : बैंक आकउंट में पैसा जमा करने की लिमिट, जानिये इनकम टैक्स के नियम
My job alaram - आजकल लगभग सबका बैंक में अपना खुद का अकाउंट होता है। यहां तक की पेरेंटस अपने बच्चों का भी बैंक में खाता खुलवा देते (Bank Account) है ताकि उनके भविष्य के लिए सेविंग्स की जा सके। आज का दौर महंगाई का दौर है। ऐसे में ये जरूरी हो गया है कि आप अपने बच्चों और खुद के लिए सेविंग सही समय से शुरू कर दें। अधिकतर लोगों का किसी न किसी बैंक में एक सेविंग अकाउंट (savings account) जरूर होता है।
सेविंग अकाउंट यानी बचत खाता का इस्तेमाल लोग कैश डिपॉजिट (cash deposit limit) करने के लिए और कई बार एक साथ बड़ी रकम निकालने के लिए भी करते हैं। लेकिन क्या आपको ये पता है कि इससे जुड़े कुछ नियम भी होते हैं और इनका पालन न करने पर आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। आज हम आपको उन्हीं नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे। तो आइए जान लें सेविंग खाते में पैसा जमा करने की क्या है लिमिट...
बचत खाते में पैसा जमा कराने के क्या है नियम?
अगर आप नही जानते है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आयकर विभाग (income tax department) के नियमानुसार बैंक के सेविंग अकाउंट में कैश जमा कराने की एक तय लिमिट होती है। इस लिमिट के अनुसार आप एक दिन में अधिकतम 1 लाख रुपये तक कैश जमा कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि आप एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा जमा करते हैं तो आईटी डिपार्टमेंट (IT Department) को सूचित करना होगा। लेकिन करेंट अकाउंट के मामले में ऐसा नही है। अगर आपका करेंट अकाउंट है तो यह लिमिट 50 लाख रुपये तक है।
तो अगर इससे ज्यादा का लेन-देन या जमा निकासी होती है तो वित्तीय संस्थानों (financial institutions) के लिए यह नियम है कि वे इन सीमाओं से ज्यादा के लेन-देन की रिपोर्ट आयकर विभाग यानी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दें।
क्या है सेक्शन 269ST-
आयकर एक्ट के सेक्शन 269ST के तहत किसी खास वित्त वर्ष यानी फाइनेंशियल ईयर में यदि किसी व्यक्ति के अकाउंट में कोई 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा का कैश जमा करवाता (cash deposit rules) है तो इस पर पेनल्टी लगेगी। हालांकि यह पेनल्टी बैंक (penalty on cash withdrawl) से पैसा निकालने पर नहीं लगाई जाती है। आपको बता दें किTDS कटौती खास सीमा से ज्यादा की निकासी पर लागू होती है।
जानिए सेक्शन 194A के बारे में...
इस सेक्शन के तहत अगर आप अपने बचत खाते से 1 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा एक फाइनेंशियल ईयर (Financial year) में निकालते हैं तो इस पर 2 फीसदी का टीडीएस (TDS cut) कटेगा। जिन्होंने पिछले तीन साल से ITR फाइल नहीं किया है, उन पर 2 फीसदी का TDS कटेगा वो भी महज 20 लाख रुपये से ज्यादा के विड्रॉल पर और अगर, ऐसे लोगों ने 1 करोड़ रुपये एक फाइनेंशियल ईयर में निकाले हैं तो उन पर 5 फीसदी का TDS लगेगा।