My job alarm

Savings account : बैंक अकाउंट में इस लिमिट से ज्यादा किया लेनदेन तो आ जाएंगे इनकम टैक्स की रडार पर

savings account Transaction limit : अगर आप भी अपने बैंक में सेविग खाते का इस्तमाल कर रहे है तो आपको लेन देन करने से पहले कुछ जरूरी नियमों के बारे में जानकारी होना बेहद आवश्यक है। अगर आप एक लिमिट से ज्यादा का लेन देन करते है तो आप इनकम टैक्स विभाग की नजरों में आ सकते है। 

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Savings account : बैंक अकाउंट में इस लिमिट से ज्यादा किया लेनदेन तो आ जाएंगे इनकम टैक्स की रडार पर

My job alarm : बैंक में खाता हर किसी का होता है और आज के समय में ये जरूरी भी है। ज्यादातर लोग बैंक में अपनी जमा पूंजी रख कर उसे सेफ रखते है ताकि भविष्य के लिए बचत की जा सके। इसके अलावा आज कल तो स्कूल में एडमिशन कराते ही बच्चों का बैंक में खाता खुलवाने (bank account) के लिए कहा जाता है। कोई भी सरकारी योजना का लाभ उठाना हो तो उसके लिए भी आपका बैंक में खाता होना अनिवार्य है।

जैसे कि आज डिजिटल ट्रांजेक्शन (digital transaction) का जमाना है तो इसके लिए भी पहले बैंक में तो खाता होना जरूरी ही है। हमारे देश में बैंक अकाउंट खुलवाने को लेकर कोई पाबंदी नहीं है, इस कारण से एक-एक व्‍यक्ति के पास दो या इससे ज्‍यादा बैंक अकाउंट हैं। सेविंग्‍स अकाउंट (saving account deposit rules) में आपका पैसा सुरक्षित भी रहता है और समय-समय पर बैंक इस जमा रकम पर ब्‍याज भी देता है। 


इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंक के  नियमानुसार 0 बैलेंस अकाउंट (0 balance account rules) को छोड़कर बाकी सभी में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है, वरना बैंक आपसे पेनल्‍टी वसूलता है। लेकिन सेविंग्‍स अकाउंट के मामले में ऐसा नही है। आइए आपको बताते हैं सेविंग्स अकाउंट के रूल्स के बारे में विस्तार से...


क्या है सेविंग अकाउंट में पैसा रखने की लिमिट?
वैसे तो बैंक के नियमानुसार अपने सेविंग अकाउंट में पैसा रखने की कोई लिमिट नही है। आप चाहे कितना भी पैसा अपने सेविंग खाते (savings account) में जमा करके रख सकते है। लेकिन आपको ये जरूर पता होना चाहिए कि आपका पैसा एक तय लिमिट के बाद इनकम टैक्स के दायरे में आ जाता है। केवल इतना ही नही, आपको उस कमाई का स्रोत बताना पड़ेगा। इसके अलावा बैंक ब्रांच में जाकर नकद पैसा जमा करने और नकद पैसा निकालने की सीमा (Cash deposit and withdrawal limits) निर्धारित है। लेकिन चेक के माध्यम से या ऑनलाइन माध्यम से आप 1 रुपए से लेकर हजार, लाख, करोड़  कितने भी रुपए सेविंग अकाउंट में जमा कर सकते हैं और एक निश्चित रकम निकाल सकते है। 
बैंक में कैश जमा कराने के नियम...
बैंक के नियम (bank rules) के अनुसार यदि आप अपने खाते में 50,000 रुपए या उससे ज्‍यादा नकद पैसा बैंक में जमा करते हैं तो आपको साथ में पैन नंबर (PAN Number) भी देना होगा। वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक दिन में आप 1 लाख रुपए तक ही नकद जमा कर सकते हैं। साथ ही अगर आप नियमित रूप से अपने खाते में नकदी जमा नहीं कराते हैं तो यह सीमा 2.50 लाख रुपए तक हो सकती है। 
इसके अलावा एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 10 लाख रुपए तक कैश अपने अकाउंट में जमा (cash deposit limit in saving account) कर सकता है। ये लिमिट टैक्सपेयर्स के लिए एक या एक से अधिक खातों को लेकर समग्र रूप से होती है। तो पैस जमा कराने और निकलवाने के नियम और तय लिमिट के बारे में आपको जानकारी होना बहद आवश्यक है। 


इस लिमिट से ज्यादा डिपॉजिट पर आयकर विभाग की नजर
लिमिट के अनुसार एक व्यक्ति एक वित्त वर्ष के दौरान केवल 10 लाख रुपए ही जमा कर सकता है। यदि ये रकम 10 लाख से ज्यादा होती है तो उस पर आयकर विभाग (income tax department) की पूरी नजर होती है। लिमिट से ज्यादा पैसा जमा कराने पर आयकर विभाग को इस इनकम का स्रोत बताना होता है। अगर वो व्‍यक्ति स्रोत के बारे में आयकर रिटर्न में संतोषजनक जानकारी नहीं दे पाया तो वो आयकर विभाग की रडार (Income Tax Department Radar) पर आ सकता है और उसके खिलाफ जांच हो सकती है। पकड़े जाने पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर व्‍यक्ति आय के स्रोत (income proof) के बारे में नहीं बताता है तो जमा राशि पर 60 फीसदी टैक्‍स, 25 फीसदी सरचार्ज, और 4 फीसदी सेस लग सकता है।


इन सारे नियमों के बारे में आपको जानकारी होना बेहद आवश्यक है। क्योंकि ऐसा नही है कि आप अपने खाते (savings account) में 10 लाख से ज्यादा का ट्रांजेक्शन नही कर सकते है। लेकिन आपको इसके लिए इनकम का प्रमाण (proof of income) चाहिए होगा। आयकर विभाग को इस पूरी इनकम के स्त्रोत के बारे में जानकारी देना बेहद आवश्यक है। इनकम का प्रमाण देने के बाद आप निश्चिंत होकर आप कैश जमा कर सकते हैं। हालांकि फायदे की नजर से देखा जाए तो इतना पैसा अपने सेविंग्‍स अकाउंट में रखने से बेहतर है कि आप उस रकम को एफडी (fixed deposit) में कन्‍वर्ट करवा दें या किसी अन्‍य जगह पर निवेश कर दें, जहां से आपको बेहतर रिटर्न मिल सके।

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