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Saving Account में इससे ज्यादा का लेनदेन पड सकता हैं भारी, जान लें आयकर विभाग का नियम

Saving Account Rules: बैंक में सेविंग अकाउंट लगभग हर व्यक्ति खुलवा लेता हैं। लेकिन कुछ लोगों को अपने खाते में पैसा जमा करने की लिमिट के बारे में नहीं पता होता। बता दें कि बैंकों के नियमों के अनुसार अगर आप तय सीमा से ज्यादा सेविंग अकाउंट में लेन देन करते हैं तो आपको इसका जवाब आयकर विभाग को देना होता हैं। आप इनकम टैक्स की नजरों से किसी भी तरह नहीं छुप सकते हैं आइए जानते हैं इसके बारे में पुरी डिटेल...
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Saving Account में इससे ज्यादा का लेनदेन पड सकता हैं भारी, जान लें आयकर विभाग का नियम

My job alarm - (Saving Account Limit) अगर आप किसी भी बैंक में खाताधारक हैं तो अपनी कमाई में से सेविग्सं खाते में जमा करके जरूर रखते होगें। लेकिन बैंक के सेविंग अकाउंट में पैसा जमा कराने की एक सीमा होती हैं अगर आप इस सीमा से ज्यादा पैसे का लेन देन करते हैं तो आपके खाते पर झट से इनकम विभाग की नजर पड सकती हैं। इस बात से कई लोग (How To Manage Saving Account) अभी तक अनजान हैं। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि सेविंग अकाउंट को लेकर आयकर विभाग का क्या नियम हैं और अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपको क्या नुक्सान भुगतने पड सकते हैं-


इससे ज्यादा लेनदेन पर देनी होगी जानकारी -
अगर आप अपने खाते से रोजाना अपनी जरूरतों के लिए लेन देन करते हैं तो उस पर आपको कोई रोक टोक नहीं हैं। लेकिन बैंक के नियमों के अनुसार लेन देन पर कुछ लिमिट लगाई गई हैं। इसी कडी में (income tax notice) फाइनेंशियल एक्सपर्ट के अनुसार एक फाइनेंशियल ईयर में सेविंग अकाउंट में कुल जमा राशि 10 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर वह इस सीमा से ज्यादा होती है तो फिर इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी पड़ेगी। वहीं, आयकर अधिनियम की धारा 269एसटी के अनुसार खाताधारक एक दिन में 2 लाख रुपये का लेनदेन कर सकता है। उससे ज्यादा के लेनदेन करने पर उसे बैंक को कारण बताना पड़ेगा।

 

आयकर विभाग को बैंक भी देता हैं ये जानकारी -
आरबीआई के नियमों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति एक दिन में 50,000 रुपये या उससे ज्यादा राशि जमा करते हैं तो उसे इसकी जानकारी बैंक को देनी पड़ती है। इसके अलावा खाताधारक को (income tax savings account notice) अपने पैन की डिटेल्स भी देनी होती है। अगर खाताधारक के पास पैन नहीं होता है तो उसे फॉर्म 60 या 61 सबमिट करना होता है। वहीं, 10 लाख रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन को उच्च-मूल्य वाला लेनदेन माना जाता है। इस तरह के लेनदेन की जानकारी बैंक आयकर विभाग को देती है। जिससे कि आपके (cash deposit) घर पर कभी आयकर विभाग की जांच का नोटिस आ सकता हैं। 


नोटिस आए तो क्या करें?
अक्सर ऐसा देखने को मिलता हैं कि कईं लोग कुछ कारणों से बहुत बडी ट्रांजेक्शन कर देते हैं और ऐसा सोचते हैं कि ये (income tax savings account rule) आयकर विभाग से छुपाया जा सकता हैं। लेकिन अगर ऐसी स्थिति में आपके घर पर आयकर विभाग का नोटिस आ जाए तो क्या आप जानते हैं कि आपको क्या करना हैं? बता दें कि आपको ऐसे नोटिस का जवाब देते समय आपको उससे जुडे डॉक्युमेंटस की भी जानकारी देनी होगी। इन डॉक्यूमेंट्स में स्टेटमेंट, निवेश रिकॉर्ड, या एसेट आदि शामिल होते हैं। एक्सपर्ट के (savings account) अनुसार अगर आपको नोटिस का जवाब देने या डॉक्यूमेंट को लेकर कोई परेशानी होती है तो आप वित्तीय सलाहकार से परामर्श कर सकते हैं।
 

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