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Retirement Planning: ये 5 गलतियां नहीं की तो मौज में कटेगा बुढ़ापा, पैसों की नहीं होगी दिक्कत

Retirement Planning : हर कोई चाहता है कि पूरी उम्र काम करने के बाद उसका बुढ़ापा बिलकुल आसानी से और सुखमय कटे। ऐसे में आज हम आपको 5 ऐसी बातों के बारे में आपको बताने वाले है जो कि अगर आप उनका ध्यान रखते है तो आपको आने वाले जीवन में किन्ही कठिनाईयों का सामना करने की आवश्यक्ता ही नही पड़ने वाली है। आइए जान लें कौन सी है ये गलतियां जो आपको भूलकर भी नही करनी है। 
 
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Retirement Planning:  ये 5 गलतियां नहीं की तो मौज में कटेगा बुढ़ापा, पैसों की नहीं होगी दिक्कत

My job alarm - आजकल के समय में महंगाई जंगल में लगी आग की तरह बढ़ती ही जा रही है। लोग इसी गंभरीता से भी ले रहे है और आगे के लिए बचत करने के लिए भी लगातार कोशिश कर रहे है। लेकिन अकसर लोग अपने भविष्य के लिए सही प्लानिंग करने में चूक जाते (saving tips) है।

कुछ ऐसी गलतियां है जो कि अगर जाने अनजाने में भी हो जाए तो आपको भारी पड़ सकती है। इसी के उदाहरण के लिए बता दें कि बहुत सारे युवा सोचते हैं कि ईपीएफ से सेविंग हो रही है, इसलिए वह अपने बुढ़ापे के लिए कुछ अलग प्लान नहीं लेते हैं। इसकी ब्याज दरें (interest rates of epf) सरकार की तरफ से निर्धारित होती हैं और बाजार में इससे अच्छे भी कुछ विकल्प मौजूद हैं, जैसे एनपीएस। तो ईपीएफ पर हद से ज्यादा निर्भर ना हों और अन्य विकल्पों पर भी ध्यान (Retirement Planning) दें।


60 साल को रिटायरमेंट की सही उम्र समझना
अगर फर्म या कंपनी के अनुसार देखा जाए तो रिटायरेंट की उम्र 60 साल (normal retirement age) है, लेकिन अगर रिटायरमेंट को कर्मचारी के दृष्टिकोण से देखा जाए तो ये उनके लिए भविष्य की प्लानिंग (plannig for future) के लिए जरूरी तत्व होना चाहिए लेकिन लोग इसे गंभीरता से नही लेते है।

वर्तमान में लोग काफी प्रेशर में काम कर रहे हैं। ऐसे में 60 साल तक काम करते रहना भी कठिन हो जाता है। तो अगर आप नौकरी लगने के तुरंत बाद रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू (retirement planning began just after joining) कर देते हैं तो जरूरी नहीं कि आप 60 साल में रिटायर हों, आप उससे पहले भी रिटायरेंट ले सकते हैं।


EPF पर हद से ज्यादा निर्भरता
सेविंग के मामले में कुछ लोग अपना ज्यादा दिमाग ही नही लगाते है। उन्हे ऐसा लगता है कि ईपीएफ से सेविंग (epfo saving scheme) हो रही है, इसलिए वह अपने बुढ़ापे के लिए कुछ अलग प्लान नहीं लेते करते हैं। इसकी ब्याज दरें सरकार की तरफ से निर्धारित होती हैं और बाजार में इससे अच्छे भी कुछ विकल्प मौजूद हैं, जैसे एनपीएस। तो ईपीएफ पर हद से ज्यादा निर्भर ना हों और अन्य विकल्पों पर भी ध्यान दें।


नौकरी चेंज करने पर EPF ट्रांसफर न कराना सबसे बड़ी भूल
बहुत बार ऐसा देखा जाता है कि जानकारी के अभाव में या किन्ही अन्य कारणों की वजह से लोग नौकरी बदलने के बाद लोग अपने ईपीएफ के पैसे पुरानी कंपनी से नई कंपनी में ट्रांसफर (Transfer of EPF money from old company to new company) नहीं करते हैं। इसकी वजह से उन्हें ब्याज का नुकसान झेलना पड़ता है। तो नौकरी बदलने के बाद पुरानी कंपनी के ईपीएफ का पैसा नई कंपनी में ट्रांसफर जरूर कर लें।


महंगाई को देखकर अनदेखा करना एक बड़ी गलती
अब सबसे बड़ी गलती तो लोग यहा करते है कि सेविंग तो शुरू कर देते है लेकिन आज के समय की महंगाई (inflation rate today) को देखते हुए आने  वाले समय में रूपयों की क्या वेल्यू रह जाएगी इसके बारे में कोई भी सोच विचार नही करता है। लोग रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त महंगाई को नजरअंदाज कर देते हैं और अभी के हिसाब से पैसे निवेश करने लगते (investment plannig) हैं। ऐसे में वह रिटायरमेंट पर जो पेंशन पाते हैं, वह काफी कम होती है, जिससे उनके खर्चे भी ठीक से पूरे नहीं हो पाते हैं।


बहुत लेट सेविंग शुरू करना
बहुत से युवा नौकरी लगने के बाद शुरुआत में यही सोचते हैं कि अभी से रिटायरेंट के लिए पैसे क्या ही बचाना, बाद में धीरे-धीरे पैसे बचा लेंगे। लेकिन आपको हम एक जरूरी बात बता दें कि आप जितनी जल्दी और जितना ज्यादा निवेश करना शुरू कर देंगे, आपको रिटायरेंट पर उतना ही अधिक पैसे (money after retirement) मिलेगा। अगर आपको रिटायरेंट तक एक तय पैसे ही चाहिए तो जल्दी निवेश शुरू करने पर आपको हर महीने कम पैसे निवेश करने होंगे और ज्यादा रिटर्न मिल जाएगा। इसी रूल को अपनाकर आप अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते है।

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