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Check Bounce होने पर जल्दी से सुधार लें ये गलती, वरना जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान

Check Bounce Hone Par Kya Hota Hai : डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के इस जमाने में लोग पेमेंट करने के लिए चेक का यूज भी करते हैं। चेक से पेमेंट करना एक भरोसेमंद जरिया माना जाता है। जिसकी मदद से आप सिक्योरिटी के साथ पेमेंट कर सकते हैं। लेकिन आपको बता दें कि कई बार चेक से पेमेंट करते वक्त आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए वरना आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चेक से पेमेंट करते समय अगर आपने यह गलती कर दी तो जुर्माने के साथ-साथ सजा भी हो सकती है।

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Check Bounce होने पर जल्दी से सुधार लें ये गलती, वरना जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान

My Job Alarm - (Check Bounce): अक्सर देखा जाता है कि किसी न किसी वजह से लोगों का चेक बाउंस हो जाता है। जिसकी वजह से उनको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चेक बाउंस (Check Bounce Hone Par kitni sja hoti hai) होना एक तरीके से कानूनी अपराध है। जिसके चलते जुर्माने के साथ साथ सजा का भी प्रावधान है ऐसे में आपको चेक भरते समय सावधानी बरतनी चाहिए। आज हम इस खबर में जानेंगे कि चेक बाउंस होने के बाद इस गलती को सुधारने के क्या तरीके हैं और ऐसा नहीं करने पर किन मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। 

चेक बाउंस को लेकर ये हैं कानूनी प्रावधान

आपको बता दें कि बाउंस हुए चेक को Dishonored Cheque के नाम से भी कहा जाता है। चेक बाउंस (check bounce) होना कोई मामूली बात नहीं है, कानून के तहत इसे लेकर कई प्रावधान बनाए गए हैं। अधिनियम की धारा 138 (Negotiable Instruments Act 138) के तहत ये एक दंडनीय अपराध माना गया है। जिसके लिए न केवल जुर्माना बल्कि जेल की भी सजा भी हो सकती है। 

जानिये किस वजह से होता है चेक बाउंस


चेक बाउंस होने की कई वजह हो सकती हैं। इन कारणों में से मोटे तौर पर बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होना है। अगर आपके अकाउंट में चेक जितने रुपये का है उतना बैलेंस नहीं है तो आपका चेक बाउंस (check bounce hony par kya hota hai) हो सकता है। इसके साथ ही में सिग्नेचर मैच नहीं होना भी चेक बाउंस (penalty on check bounce) होने की ही कारण है। ऐसे में आपको चेक भरते समय कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए। आपको कभी भी चेक को भरते समय शब्दों में गलती नहीं करनी चाहिए। वहीं ओवर राइटिंग करना, बैंक खाता बंद हो जाना, जाली चेक होना या कंपनी की मुहर नहीं लगाना भी चेक बाउंस होने की वजह हो सकती है। 

चेक में गलती हो जाने पर करें ये काम 


चेक बाउंस होने को लेकर ग्राहकों के भी कुछ अधिकार होते हैं। जब भी आपका चेक बाउंस हो जाता है तो आपको उससे कई तरीके के सुधार करने पड़ जाता है। वहीं बैंक भी आपको इन सुधार को करने का मौका दे रहा है। आपको बता दें कि अगर ऐसे में आप अपनी गलती को नहीं सुधारते हैं तो आपको चेक बाउंस (what is the punishment on check bounce) हो सकता है। और आपको कई तरीके की कानूनी प्रक्रियाओं का भी सामना करना पड़ सकता है जोकि आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। 

तीन महीने के अंदर देना होता है दूसरा चेक


ऐसे में आपको बता दें कि जब भी आपका चेक बाउंस (Check Bounce Hone Par jurmana) हो जाता है तो आपको इस बारे में आपको आपका बैंक सूचना देता है। सूचना आने के बाद आपके पास तीन महीने का समय होता है। इस अवधि मे आप उस बाउंस हुए चेक को बदलकर दूसरा चेक देना होता है। अगर आपका दूसरा चेक भी बाउंस (how to correct the mistake on check bounce) हो जाता है तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। वहीं आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।

भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना


आपको बता दें कि चेक बाउंस को लेकर सरकार ने कुछ प्रावधान बनाएं है जिसके तहत आपसे बैंक जुर्माना वसूल सकता है। इस जुर्माने की राशि भी अलग-अलग हो सकती है। चेक के बाउंस (Fine On Check Bounce) होने के तुरंत बाद ही कानूनी प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती है। सबसे पहले बैंक को आपको नोटिस भेजना पड़ता है। अगर 15 दिन के अंदर भी देनदार की ओर से कोई जवाब नहीं आता तो लेनदेन कानूनी प्रक्रिया का सहारा ले सकता है।

बार-बार चेक बाउंस होने पर होती है सजा


बार-बार चेक बाउंस होना सही नहीं होता। जब दूसरा चेक भी बाउंस हो जाता है तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। जब बाउंस हुए चेक का भुगतान नहीं किया जाता है तो ऐसे में चेक (what to do after check bounce) देने वाले व्यक्ति को 2 साल तक की जेल हो सकती है या फिर जुर्माने का भी भुगतान करना पड़ सकता है, या फिर दोनों ही सजा दी जा सकती है। ऐसे में आपको चेक को भरते समय ध्यान देना चाहिए। 

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