होम लोन को लेकर RBI का अहम फैसला, करोड़ों ग्राहकों को होगा बड़ा फायदा
RBI - होम लोन के चलते आम आदमी के लिए घर खरीदना आसान हो गया है। खासकर बड़े शहरों में लोग होम लोन लेकर आसानी से घर खरीद लेते हैं। खासकर नौकरी-पेशा लोगों को आसानी से होम लोन मिल जता है, लेकिन कई बार ग्राहक होम की किस्त (Home Loan EMI) समय पर नहीं चुका पाते हैं। खासकर नौकरी छूटने या फिर आर्थिक हालात खराब होने की स्थिति में किस्त भरने से चूक जाते हैं क्या आपको पता है होम लोन की किस्त (EMI) नहीं चुकाने पर क्या होता है? बैंक किस्त के लिए कितना इंतजार करता है और फिर क्या एक्शन लेता है?
My job alarm - RBI on Property Document : पहले तो ये जानते हैं इस बारे में RBI की गाइडलाइन क्या कहती है। रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार अगर कोई ग्राहक होम लोन की पहली किस्त नहीं चुकाता है तो बैंक या वित्तीय संस्थान उसे गंभीरता से नहीं लेता है। बैंक को लगता है कि किसी कारणवश एक किस्त में देरी हो रही है। लेकिन जब ग्राहक लगातार 2 किस्त नहीं भरता है, तो बैंक सबसे पहले एक रिमाइंडर भेजता है। इसके बाद भी लोन लेने वाला तीसरी EMI की किस्त भुगतान करने में असफल रहता है तो बैंक फिर लोन चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजता है। अगर कानूनी नोटिस के बाद लोन नहीं चुकाता है तो फिर बैंक ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित कर देता है और इसके बाद बैंक वसूली प्रक्रिया के बारे में सोचने लगता है। अब आते हैं होम लोन को लेकर RBI की ताजा गाइडलाइन पर। RBI का ये फैसला होम लोन लेने वालों को राहत देना वाला है।
होम लोन लेने वाले ग्राहकों को भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ी राहत दी है। अभी तक होम लोन चुकाने के बाद रजिस्ट्री के पेपर लेने के लिए आपको बैंकों के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन अब आरबीआई (Reserve Bank Of India) ने बैकों को निर्देश दिया है कि लोन चुकाने के 30 दिन के अंदर ग्राहकों को रजिस्ट्री के पेपर (Registry Papers to Customers) वापस किए जाएं। अगर बैंक ग्राहकों को रजिस्ट्री पेपर 30 दिन के अंदर वापस नहीं करती है तो बैंक को रोजाना पांच हजार रुपए का जुर्माना भरना होगा।
आरबीआई को मिली शिकायत
दरअसल आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक को इस बारे में शिकायतें मिल रही थीं कि ग्राहकों के द्वारा लोन (Loan) को पूरा चुका देने या सेटल करने के बाद भी बैंकों व एनबीएफसी (NBFC) आदि के द्वारा प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट (Property Documents) देने में देरी की जा रही है। कई मामलों में तो ग्राहकों और बैंकों के बीच मुकदमे की स्थिति भी सामने आई थी। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने फैसले में कहा कि अगर ग्राहक सभी किस्तें चुका देता है तो उसकी प्रोपर्टी के पेपर को समय से लौटा देना चाहिए।
रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है तो अब जब भी ग्राहक को लोन दिया जाए तो उसके सैंक्शन लेटर में सभी डॉक्यूमेंट (All documents in sanction letter) में वापस करने की तारीख और जगह का भी जिक्र लिया जाए। अगर कर्ज लेने वाले व्यक्ति की लोन की अवधि में मौत (loan period) हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी को कागजात वापस (return the papers to the heir) करने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना होगा। इसकी जानकारी बैंकों को अपनी वेबसाइट पर भी देनी होगी।