RBI ने बताया- ट्रांजैक्शन फेल होने पर कितने टाइम में बैंक को वापस करना होगा पैसा
failed transaction rbi guidelines : जब हम ऑनलाइन पैसे भेजते हैं, तो कई बार ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है, लेकिन पैसे कट जाते हैं। इस स्थिति में बैंक को तय समय के भीतर आपका पैसा रिफंड करना होता है। अगर फिर भी आपके खाते में पैसे रिफंड नहीं होते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। दरअसल, बैंक द्वारा निर्धारित समय पर रिफंड नहीं करने पर जुर्माना लगता है। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि बैंक कितने दिनों में भीतर आपका पैसा रिफंड करता है और क्या बैंक पर कोई पेनाल्टी लगती है...
My Job alarm - (RBI Transaction Rules) आज के डिजिटल युग में, ऑनलाइन लेन-देन हमारी दैनिक जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। चाहे आप किसी को पैसे भेज रहे हों, बिल का भुगतान कर रहे हों, या किसी उत्पाद के लिए भुगतान कर रहे हों, सभी जगह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन कभी-कभी, हम देखते हैं कि ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है, जबकि हमारे खाते से पैसे debit हो जाते हैं। इस स्थिति में हम चिंता में पड़ जाते हैं क्योंकि यह हमारी मेहनत की कमाई है। इस खबर में आज हम जानेंगे, कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए और आरबीआई के नियमों (rbi rules for failed transaction) के अनुसार हमें क्या अधिकार मिलते हैं।
ट्रांजैक्शन फेल होने पर क्या करें?
जब ट्रांजैक्शन फेल (failed transaction) होता है और पैसे खाते से कट जाते हैं, तो पहले हमें धैर्य रखना चाहिए। अक्सर, ऐसे मामलों में पैसा कुछ समय बाद वापस आ जाता है। हालांकि, यदि तय समय सीमा के भीतर पैसे वापस नहीं आते हैं, तो हमें कार्रवाई करनी पड़ सकती है। कई लोग यह सुझाव देते हैं कि "आपका पैसा रिफंड आ जाएगा", लेकिन अगर बैंक की ओर से निर्धारित समय तक रिफंड नहीं मिलता है तो क्या होगा? यह जानना जरूरी है।
RBI के अनुसार जुर्माना
अगर बैंक तय समय तक रिफंड (failed transaction refund) नहीं करता है, तो वह जुर्माने के लिए उत्तरदायी हो सकता है। आपको पता होना चाहिए कि अगर बैंक समय से रिफंड नहीं करता है, तो उस पर प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपये की पेनाल्टी लगती है। यह नियम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लागू किया गया है।
आरबीआई का TAT Harmonisation नियम
2019 में आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें ग्राहकों को TAT यानी टर्न अराउंड टाइम के अनुसार मुआवजा देने का निर्देश दिया गया था। सरल भाषा में कहें तो, यदि बैंक की ओर से फेल ट्रांजैक्शन के मामले में तय समय सीमा के अंदर डेबिट हुआ पैसा वापस नहीं किया जाता है, तो बैंक को जुर्माना देना होगा।
इस नियम का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को उनके पैसे की सुरक्षा और ट्रांजैक्शन की पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। आरबीआई के इस नियम (RBI penalty for failed transactions) के अनुसार, यदि बैंक जितने दिनों तक रिफंड में देरी करता है, उस अवधि के हिसाब से जुर्माना बढ़ता जाएगा।
पेनाल्टी की स्थितियाँ
Bank आपको केवल उन स्थितियों में पेनाल्टी (penalty for failed transactions) देगा जब ट्रांजैक्शन फेल होने के पीछे ऐसा कोई कारण हो जिस पर आपका नियंत्रण नहीं था। यह नियम केवल तभी लागू होता है जब बैंक के सिस्टम में कोई तकनीकी समस्या हो या सर्वर डाउन हो।
रिफंड के लिए समय सीमा
ATM ट्रांजैक्शन -
यदि आपने एटीएम में पैसे निकाले और पैसे कट गए, लेकिन एटीएम (ATM) से पैसा नहीं निकला, तो इस स्थिति में बैंक को 5 दिनों के भीतर कटे हुए पैसे को रिफंड करना होगा। यदि 5 दिन के भीतर रिफंड नहीं किया गया, तो आपको जुर्माने का दावा करने का अधिकार है।
कार्ड टू कार्ड ट्रांसफर:
यदि आपने कार्ड से कार्ड पर पैसे ट्रांसफर किए हैं और पैसे आपके खाते से कट गए हैं लेकिन लाभार्थी के खाते में नहीं आए हैं, तो इस स्थिति में बैंक को T+1 यानी ट्रांजैक्शन के दिन के साथ अगले दिन में कुल 2 दिनों के भीतर रिफंड करना होता है।
बैंक से संपर्क कैसे करें?
यदि आपके पैसे समय पर वापस नहीं आए हैं, तो आपको बैंक (Bank News) से संपर्क करना चाहिए। आप बैंक से कस्टमर केयर नंबर, ऑनलाइन शिकायत या फिर शाखा में जाकर अपनी समस्या का समाधान करवा सकते हैं।