RBI के नियम से 50 लाख के होम लोन पर बचा सकते हैं 33 लाख रुपये
RBI Home Loan rules : होम लोन लेकर लोग अपने खुद के घर का सपना पूरा करते है। ये एक आसान जरिया है जो कि आपको आपके घर बनाने के सपने को साकार करने में मदद करता है। आज हम आपको भारत के केंद्रीय बैंक के उस नियम के बारे में बताने वाले है जिससें कि आप 50 लाख के होम लोन पर 33 लाख रुपये की बचत कर सकते है। आइए जान लें कैसे...
My job alarm - हर एक बैंक अपने ग्राहकों को लोन की सुविधा उपलब्ध कराता है। लोन के जरिए व्यक्ति अपनी आर्थिक जरूरतों (financial needs) का निपटान करता है। लोन ही है जिससे कि आज कल लाखों लोग अपना घर बनाने का सपना पूरा करते है। इसके लिए होम लोन (home loan) जैसी सुविधा प्रदान की जा रही है।
अगर आप भी अपने इसी उद्देश्य के चलते होम लोन लेने वाले है तो पहले आपको ये खबर जरूर पढ़नी चाहिए क्योंकि ये आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर आपने भी बैंक से होम लोन ले रखा है या फिर लेना है तो तब आपके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI latest rule) का ये लेटेस्ट नियम जान लेना काफी जरूरी है, क्योंकि ये नियम आपके 50 लाख रुपये तक के होम लोन (home loan new rules) पर 33 लाख रुपये की बचत करवा सकता है। आइए विस्तार से जान लें कैसे...
इस साल में हुई आरबीआई की बैठक के दौरान रेपो रेट (repo rate) को बरकरार रखा गया है। अभी फिलहाल ये काफी वक्त से 6.5 प्रतिशत पर स्थिर बना हुआ है। बता दें कि इसका सबसे बुरा असर होम लोन लेने वालों पर ही पड़ा है। उनके लोन पर ब्याज दरें लगातार बढ़ने की वजह से ईएमआई (home loan emi) का बोझ बढ़ा है। कई बार बैंक ग्राहकों को राहत देने के लिए होम लोन की ईएमआई नहीं बढ़ाते हैं, उसके बदले में लोन के रीपेमेंट की अवधि (home loan repayment tenure) बढ़ा देते हैं। बस यहीं पर होता है आपका लंबा नुकसान…
सस्ती EMI करवा सकती है बड़ा नुकसान!
आपने कभी लोन लिया है तो आप ये बात जानते होंगे कि बैंक जब आपकी ईएमआई (Bank EMI) नहीं बढ़ाते, तो वो उसकी जगह आपका टेन्योर बढ़ा देते हैं। तब आपको लंबे समय तक ईएमआई देनी होती है। यानी आपका लोन अमाउंट तो ज्यो का त्यो रहता है लेकिन आपको ब्याज (interest rate of home loan) अब पहले की अपेक्षा ज्यादा वक्त तक चुकाना होता है। इस तरह आपका नुकसान बढ़ता जाता है। आम तौर पर लोग 20 साल की अवधि का होम लोन लेते हैं, लेकिन ईएमआई (loan EMI) कम रखने के चक्कर में लोग इसे 30 या 40 साल के टेन्योर में कन्वर्ट करा लेते हैं।
तो अब आपको बता दें कि ऐसे में अगर आप 40 साल के लिए होम लोन लेते हैं, तब 7 प्रतिशत की सामान्य ब्याज दर के हिसाब से इसकी ईएमआई लगभग 600 रुपये प्रति लाख आती है। वहीं अगर आप इस लोन को अगर 30 साल में कन्वर्ट कर लेते हैं, तब ईएमआई की कॉस्ट (home loan EMI) मामूली तौर पर बढ़कर 665 रुपये प्रति लाख हो जाती, लेकिन आपका टेन्योर पूरा 10 साल कम हो जाता है।
ये है RBI का लेटेस्ट रूल
होम लोन से संबंधित परेशानी को देखते हुए भारत के केंद्रीय बैंक (central bank of India) ने लोगों के हित में फैसला लेते हुए इससे जुड़ा एक नियम बनाया है। ये नया नियम 50 लाख रुपये के लोन अमाउंट पर ब्याज में आपकी 33 लाख रुपये तक बचत कर सकता है। दरअसल आरबीआई (RBI) ने बैंकों को दिशानिर्देश दिया है कि वह ईएमआई बढ़ाने से बचने के लिए खुद से लोन टेन्योर (loan tenure) बढ़ाने का फैसला नहीं लें।
बल्कि ग्राहकों को दोनों ऑप्शन दें, जिसमें वह चाहें तो ईएमआई बढ़वा सकते हैं।
बैंकों को अपने ग्राहकों को ब्याज बढ़ने से संभावित ईएमआई बढ़ने या टेन्योर बढ़ने का उनके फाइनेंस पर क्या असर होगा, इसकी जानकारी देनी होगी। इतना ही बैंकों को अपने ग्राहकों को एक फिक्स ब्याज दर पर लोन (Loan at fixed interest rate) को ट्रांसफर करने का ऑप्शन भी देना चाहिए। वहीं ब्याज दरों के फ्लोटिंग से फिक्स में कन्वर्ट करने के चार्जेस उन्हें पहले से बताने होंगे।
तरीके से बचेंगे 50 लाख के लोन पर पूरे 33 लाख रुपये
अगर आप भी लोन के बारे में सोच रहे है तो आपको इसके बारे में पूरा गणित (home loan calculation) समझ लेना चाहिए। अब बात करते हैं कैलकुलेशन कि कैसे 50 लाख रुपये के लोन पर जब आप ब्याज चुकाएंगे तो 33 लाख रुपये बचा लेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट (Principal amount of home loan) 50 लाख रखते हैं और ब्याज दर 7 प्रतिशत पर फिक्स करते हैं।
सबसे पहली बात तों कि अगर आप ये लोन 20 साल के लिए लेते हैं तब 50 लाख के लोन की मंथली ईएमआई (Monthly EMI of loan) बनेगी 38,765 रुपये। इस ईएमआई के हिसाब से आपका ब्याज जाएगा 43.04 लाख रुपये।
इसके अब मान लेते हैं कि आपने 3 साल की ईएमआई चुका दी है। यानी अब आपका लोन 17 साल का बचा है। इस स्थिति में आप 3 साल के अंदर करीब 10.12 लाख रुपये ब्याज के दे चुके हैं, जबकि आपका लोन अमाउंट बचा है 46.16 लाख रुपये (loan calculation) ।
अब मान लीजिए कि 3 साल बाद लोन की ब्याज दर बढ़कर 9.25 प्रतिशत हो जाती है, आप लोन का टेन्योर बढ़वाने की बजाय अपनी ईएमआई (increase loan EMI) बढ़वा लेते हैं। इस स्थिति में आपकी 17 साल के लिए ईएमआई बनेगी 44,978 रुपये। यानी अब आप 17 साल में ब्याज चुकाएंगे 45.58 लाख रुपये। तो ओवरऑल आप इस तरह 3 साल और 17 साल को मिलाकर मिलाकर आप 20 साल में कुल ब्याज देंगे 55.7 लाख रुपये।
अब अगर आप EMI की बजाय अपना लोन पीरियड बढ़वाते हैं, तब क्या होगा?
इसके गणित को आप ऐसे समझ सकते है कि लोन की ईएमआई (loan emi payment) नहीं बढ़ने पर बढ़े ब्याज के साथ आपका लोन टेन्योर हो जाएगा 321 महीने यानी 26 साल से ज्यादा का। अब 3 साल का ब्याज चुकाने के बाद आपको लोन पर कुल 78.4 लाख रुपये का ब्याज और चुकाना होगा।
जब आप ईएमआई नहीं बढ़वाते हैं और लोन टेन्योर (increase loan tenure) बढ़वा लेते हैं, तब आपको 50 लाख रुपये के लोन पर कुल 88.52 लाख रुपये का ब्याज देना होता है, जो ईएमआई बढ़वाने पर लगने वाले 55.7 लाख रुपये के ब्याज से पूरा 33 लाख रुपये ज्यादा बैठता है।