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RBI Report: 500 के नोट की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी, RBI की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

RBI Report:  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कितने नोट छापेगा ये न्यूनतम आरक्षित प्रणाली के आधार पर तय होता है। ये सिस्टम देश में 1957 से काम कर रहा है। इस सिस्टम के तहत आरबीआई को 200 करोड़ रुपये की संपत्ति अपने पास रखनी होती है। 200 करोड़ रुपये जिसमें 115 करोड़ रुपये का स्वर्ण भंडार और 85 करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा शामिल है। इतनी धनराशि प्राप्त करने के बाद अब केंद्रीय बैंक (RBI) अर्थव्यवस्था की आवश्यकता के अनुसार अनिश्चित काल तक मुद्रा छापने के लिए स्वतंत्र है। 
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RBI Report:  500 के नोट की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी, RBI की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

My job alarm -  RBI Report on 500 Rupee Note: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में 500 रुपये के नोट को लेकर अहम जानकारी दी है।  भारत में चलन में मौजूद करेंसी नोटों में सबसे ज्‍यादा हिस्‍सेदारी 500 रुपये के नोट की है।

केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि 500 रुपये मूल्य के नोट की हिस्सेदारी 2024 तक बढ़कर 86.5 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 77  प्रतिशत थी। इसका मतलब यह हुआ कि देश में 500 रुपये के नोटों का इस्‍तेमाल सबसे ज्‍यादा हो रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की  सालाना रिपोर्ट में इस उछाल के लिए पिछले साल मई में दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने को मुख्य वजह बताया गया है। RBI के इस फैसले की वजह से 2 हजार रुपये वैल्यू के नोट की हिस्सेदारी एक साल पहले की समान अवधि के 10.8 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 0.2 प्रतिशत रह गई है।

 

देश में 500 रुपये के सबसे ज्यादा 5.16 लाख नोट मौजूद

रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक मात्रा के हिसाब से 500 रुपये के सबसे ज्यादा 5.16 लाख नोट मौजूद थे।  वहीं 10 रुपये के नोट 2.49 लाख नोट चलन में थे। वित्त वर्ष 2023-24 में चलन में मौजूद बैंक नोटों के मूल्य और मात्रा में क्रमशः 3.9 प्रतिशत और 7.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह बढ़ोतरी क्रमशः 7.8 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत रही थी. कीमत के लिहाज से चलन में मौजूद बैंक नोटों की संख्या में बढ़ोतरी हाल के सालों में सबसे कम है।

 

आरबीआई ने करेंसी नोटों की छपाई पर खर्चे किए 5100 करोड़

 

आरबीआई की रिपोर्ट में बताया है कि  वित्त वर्ष 2023-24 में RBI ने नोटों की छपाई पर 5101 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि एक साल पहले की समान अवधि में नोटों की छपाई पर 4682 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।रिजर्व बैंक ने लोगों के बीच करेंसी के इस्तेमाल को लेकर एक सर्वेक्षण भी किया. इसमें 22 हजार से ज्यादा लोगों ने संकेत दिए कि डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के तरीके पॉपुलर होने के बावजूद कैश अब भी 'प्रचलित' है.

 

नकली नोटों की संख्या पर भी पड़ा असर। 

केंद्रीय बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वापसी का नकली नोटों की पहचान पर भी असर पड़ा है. इस दौरान 2000 रुपये के 26000 से अधिक नकली नोट पकड़े गए जबकि एक साल पहले 9806 नकली नोट चिह्नित किए गए थे। हालांकि 500 रुपये के पकड़े गए नकली नोटों की संख्या एक साल पहले के 91110 से घटकर 85711 रह गई। 

 

इस कारण बंद किया 2000 रुपये का नोट 

दो हजार रुपये के नोट वापस लेने के बारे में ये रिपोर्ट कहती है कि 2016 में नोटबंदी (Demonetization) के बाद शुरू किए गए इस मूल्य वर्ग के लगभग 89 प्रतिशत नोट चार साल से ज्यादा समय से चलन में थे. उन्हें बदलने की जरूरत थी और इसके अलावा उन नोट का लेनदेन में आमतौर पर इस्तेमाल नहीं होता था। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद 2 हजार रुपये के 97.96 फीसदी नोट ही वापस आए हैं। करीब 7 हजार 261 करोड़ रुपये के नोट अभी भी लोगों के पास है। यहां बता दें कि 19 मई 2023 से 2 हजार रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद 2 हजार रुपये के नोट चलन में हैं और अभी तक जारी किए जा चुके सभी नोट रिजर्व बैंक को वापस नहीं मिले है।

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