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RBI ने सर्कुलेशन से हटाए 5 रुपये के सिक्के, वजह जानकर हो जाएंगे दंग

RBI -  मौजूदा समय में, भारत में 1 से 20 रुपये तक के सिक्के प्रचलित हैं, और 5 रुपये के सिक्के के दो प्रकार हैं: एक पीतल का और दूसरा मोटे धातु का। इस बीच हाल ही में पांच रुपये के सिक्के को लेकर आरबीआई (Reserve Bank Of India) की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है... जिसे जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है-

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 RBI ने सर्कुलेशन से हटाए 5 रुपये के सिक्के, वजह जानकर हो जाएंगे दंग

My job alarm - (RBI) भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत की मौद्रिक नीतियों का संचालन करता है, जिसमें करेंसी (currency) और सिक्कों की छपाई शामिल है। हाल के दिनों में 5 रुपये के सिक्के को लेकर चल रहे समाचारों में चिंता जताई जा रही है कि इसे चलन से हटाया जा सकता है।

मौजूदा समय में, भारत में 1 से 20 रुपये तक के सिक्के प्रचलित हैं, और 5 रुपये के सिक्के के दो प्रकार हैं: एक पीतल का और दूसरा मोटे धातु का। हालांकि, मोटे धातु के सिक्कों (rough metal coins) का उपयोग कम होता जा रहा है क्योंकि सरकार और RBI ने इनके उत्पादन को बंद कर दिया है। इसलिए, यह संभावना है कि 5 रुपये के सिक्के का चलन (circulation of coins) कम हो सकता है, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है।

सिक्के बंद होने के पीछे कारण-

मोटे 5 रुपये के सिक्के के बंद होने का प्रमुख कारण इसकी उत्पादन लागत है। इन सिक्कों की धातु से रेज़र ब्लेड (metal razor blades) जैसे उत्पाद बनाए जा सकते थे। एक 5 रुपये का सिक्का 4-5 ब्लेड बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था, जिनकी कुल कीमत 10 रुपये तक पहुंच जाती थी। इससे स्पष्ट होता है कि सिक्के की धातु का मूल्य उसके नकली मूल्य से अधिक था। इसके अलावा, इन सिक्कों की बांग्लादेश में अवैध तस्करी (These coins are illegally smuggled into Bangladesh) भी एक बड़ा कारण रही है। बांग्लादेश (Bangladesh) में, इन सिक्कों को गलाकर रेज़र ब्लेड में परिवर्तित किया जाता था, जहां एक सिक्के से छह ब्लेड बनाए जा सकते थे और प्रति ब्लेड 2 रुपये मिलते थे। इस तस्करी ने भारत में इन सिक्कों का प्रचलन कम कर दिया था।

नए 5 रुपये के सिक्के-

इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार और आरबीआई ने 5 रुपये के सिक्के का डिजाइन और मेटल में बदलाव किया (RBI changed the design and metal of 5 rupee coin)। नए सिक्के पतले बनाए गए और उनमें सस्ती धातुओं के मिक्स का किया गया। इसके कारण इन सिक्कों को गलाकर ब्लेड बनाना असंभव हो गया। केंद्र सरकार (Central Government) और RBI ने समय रहते इस मुद्दे को सुलझाकर न केवल तस्करी पर लगाम लगाई, बल्कि जनता के लिए नए और बेहतर सिक्के भी उपलब्ध कराए हैं। फिलहाल, बाजार में केवल ब्रास के 5 रुपये के सिक्के ही देखने को मिलते हैं।

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