बैंक चेक को लेकर RBI ने बनाए नए नियम, आम जनता को होगा फायदा
RBI - मौजूदा समय में चेक क्लियर होने में 1 से 4 दिन का समय लगता है. इस बीच आरबीआई (Reserve Bank Of India) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वो चेक क्लियर करने की समय सीमा को घटाएं. ऐसे में आइए नीचे खबर में ये जान लेते है आरबीआई के इस फैसले से आम जनता को क्या फायदा होने जा रहा है....
My job alarm - चेक का निपटान अब कुछ ही घंटों में हो जाएगा। दरअसल, आरबीआई (Reserve Bank of India) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वो चेक क्लियर करने की समय सीमा को घटाएं. बता दें कि, वर्तमान में चेक क्लियर होने में 1 से 2 दिन का समय लगता है. अब केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने इसे घटाकर कुछ घंटो में करने का निर्देश दे दिया है. आरबीआई के इस फैसले से आम लोगों और करोड़ों कोरबारियों को फायदा मिलेगा.
RBI ने दिया ये आदेश-
आरबीआई (Reserve Bank Of India) की अगुआई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने चेक के निपटान को कुछ घंटों में पूरा करने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव रखा है, गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने द्विमासिक नीति बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि चेक को कुछ घंटों में स्कैन, प्रस्तुत और पास किया जाएगा और यह काम कारोबारी घंटों के दौरान निरंतर आधार पर किया जाएगा. केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने कहा है कि इस संबंध में डिटेल दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.
इस कदम का उद्देश्य चेक क्लियरेंस की दक्षता में सुधार करना और प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करना है. आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि उपाय का उद्देश्य ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना है. दास ने कहा CTS को बैच प्रोसेसिंग के मौजूदा दृष्टिकोण से ‘ऑन-रियलाइज़ेशन-सेटलमेंट’ के साथ निरंतर क्लियरेंस में बदलने का प्रस्ताव है.
पांच प्वाइंट में समझ लें इसके फायदे-
- नए सिस्टम से चेक को स्कैन किया जा सकेगा, प्रस्तुत किया जा सकेगा और वर्तमान बैच प्रोसेसिंग मेथड के बजाय पूरे कारोबारी घंटों में लगातार क्लियर किया जा सकेगा.
- ‘ऑन-रियलाइज़ेशन-सेटलमेंट’ के साथ निरंतर चेक क्लियरिंग में बदलाव को चेक प्रोसेसिंग की दक्षता में सुधार करने और प्रक्रिया में शामिल सभी प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
- मौजूदा चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) दो वर्किंग डेज तक के क्लियरिंग साइकल के साथ काम करता है, जिसे T+1 के रूप में जाना जाता है.
- गवर्नर दास ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस पहल का उद्देश्य तेज़ चेक क्लियरेंस की पेशकश करके कस्टमर एक्सपीरिएंस को बढ़ाना है.
- नई चेक क्लियरिंग प्रक्रिया पर डिटेल दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.