लोन रिकवरी को लेकर RBI ने जारी की गाइडलाइन, लोन नहीं भर पाने वालों को बड़ी राहत
RBI - अगर आपने भी किसी तरह का लोन लिया है और आप उसे समय पर जमा नहीं कर पाए रहे हैं, जिसकी वजह से रिकवरी एजेंट परेशान कर रहा है, तो ऐसे में लोन रिकवरी को लेकर आरबीआई (Reserve Bank Of India) ने कुछ नियम बनाए हैं. जिससे जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है... तो चलिए आइए जान लेते है नीचे इस खबर में.
My job alarm - हर आदमी अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेता है. ऐसे में अगर आपने भी किसी तरह का लोन लिया है और समय पर जमा नहीं कर पाए हैं, जिसकी वजह से रिकवरी एजेंट परेशान कर रहा है, तो यहां पर उससे निपटने के तरीके बताए गए हैं. दरअसल, हर ग्राहक को अपने अधिकारों के बारे में जरूर पता होना चाहिए.
अगर आपने बैंक से लोन लिया है और आप उसे चुकाने में विफल हैं तो बैंक आपको इसकी रिकवरी के लिए संपर्क कर सकता है, लेकिन किसी भी ग्राहक से बदसलूकी करने का अधिकार किसी भी बैंक अधिकारी या रिकवरी एजेंट को नहीं हैं.
कब और कैसे शुरू होती लोन रिकवरी की प्रक्रिया?
लगातार लोन की दो EMI नहीं चुकाने की स्थिति में बैंक सबसे पहले आपको रिमाइंडर भेजता है. वहीं, होम लोन की लगातार तीन किस्तों का भुगतान नहीं करने पर बैंक आपको एक कानूनी नोटिस (notice) भेजता है. चेतावनी के बावजूद भी अगर आपने EMI पूरी नहीं दी तो बैंक की ओर से आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है. इसके बाद बैंक ग्राहक से लोन की रिकवरी के प्रयास शुरू करता है.
दो तरीकों से होती है लोन रिकवरी-
जब कोई व्यक्ति लोन चुकाने में असमर्थ हो जाता है, तो बैंक वसूली की प्रक्रिया शुरू करती है. इसके लिए दो तरीके होते हैं. इसमें पहला नॉन-ज्यूडिशियल रूट (Non-Judicial Route) और दूसरा ज्यूडिशियल प्रोसेस (judicial process) होता है. हालांकि, रिकवरी के दौरान आरबीआई (Reserve Bank Of India) के दिशानिर्देश यह कहते हैं कि ग्राहकों के कानूनी अधिकारों और दायित्वों का सम्मान किया जाए.
जान लें RBI की गाइडलाइंस-
- वसूली एजेंसी के विवरण के बारे में पहले ग्राहकों को सूचित किया जाना चाहिए.
- डिफॉल्टर से मिलते समय एजेंट को प्राधिकरण पत्र और बैंक के नोटिस की कॉपी भी साथ रखनी होगी.
- अगर लोन लेने वाले व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज की गई है, तो बैंकों को संबंधित मामले में रिकवरी एजेंट्स को तब तक भेजने की अनुमति नहीं है जब तक कि उक्त शिकायत का समाधान नहीं हो जाता है.
- बैंक को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वसूली प्रक्रिया के संबंध में उधारकर्ताओं की शिकायतों का उचित समाधान किया जाए
- ग्राहकों से लोन रिकवरी को लेकर कुछ नियम और कानून तय किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं.
कहां करें शिकायत?
लोन रिकवरी के गलत तरीकों जैसे- ग्राहक को धमकाना और प्रताड़ित करने को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने अपराध माना है. अगर कोई रिकवरी एजेंट लोन को लेकर अगर डराता, धमकाता है तो आप इसकी शिकायत बैंक के साथ-साथ थाने में भी करें. लोन की किस्त नहीं चुका पाना सिविल विवाद के दायरे में आता है. ऐसे में डिफॉल्टर (Defaulter) के साथ बैंक या उसका कोई रिकवरी एजेंट (recovery agent) मनमानी नहीं कर सकता है.
बैंक का ऑफिसर या रिकवरी एजेंट डिफॉल्टर को सुबह 7 बजे से लेकर शाम सात बजे के बीच में ही कॉल कर सकता है और घर पर आने का वक्त भी यही होगा. अगर बैंक प्रतिनिधि ये नियम तोड़ते हैं तो आप इसकी शिकायत कॉल करके करवा सकते हैं.