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रेपो रेट को लेकर RBI ने जारी किया बड़ा अपडेट, क्या अब सस्ता मिलेगा लोन

RBI News : आज आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक (RBI MPC meeting results) का आखिरी दिन है। आज भारत के केंद्रीय बैंक के गर्वनर द्वारा इस मीटिंग के नतीजों का ऐलान किया जाना है। हाल ही में इसे लेकर अपडेट सामने आ रहा है। क्या रेपो रेट में इस बार बदलाव किया गया है या फिर पहले की तरह इसे फिर से स्थिर रखने का निर्णय लिया गया है।  अगर आप भी इस सवाल के जवाब के इंतजार में है कि अब लोन सस्ता मिलेगा या नही, तो आइए नीचे खबर में जान लें आरबीआई का पूरा अपडेट...
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रेपो रेट को लेकर RBI ने जारी किया बड़ा अपडेट, क्या अब सस्ता मिलेगा लोन

My Job Alarm - (RBI Monetary Policy meeting 2024) महंगाई के इस दौर में हर चीज इतनी महंगी होती जा रही है कि आम आदमी ने तो अब सपने देखने भी बंद कर दिए है।  लोन लेकर घर बनाना जितना आसान था, वो भी अब मुश्किल होता जा रहा है। रेपो रेट में अगर कटौती होती है तो लोन सस्ता मिल सकता है। ऐसे में लोन लेने वालों की नजर इस मौद्रिक नीति समिति की बैठक (MPC meeting 2024) के नतीजों पर है। लेकिन शायद इस बार भी लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरने वाला है। 


जानकारी के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI News) ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक का ऐलान करते हुए रेपो रेट में लगातार 11वीं बार भी कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने रेपो रेट Repo Rate को 6.5 पर स्थिर रखा है। आरबीआई के इस कदम से लंबे समय से सस्ते लोन और ईएमआई (Loan EMI) घटने का इंतजार कर रहे लोगों को झटका लगा है। अब EMI घटने के लिए फरवरी तक इंतजार करना होगा। आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी (RBI monetary policy) के 6 में 4 सदस्य रेपो रेट में बदलाव के पक्ष में नहीं थे। 


क्या है खुदरा मुद्रास्फीति दर


ये तो आप जानते ही होंगे कि एमपीसी मौद्रिक नीति (mpc monetary policy) के बारे में निर्णय करने वाली सर्वोच्च इकाई है जिसके प्रमुख रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास हैं। इस समिति में गवर्नर समेत कुल 6 सदस्य हैं। रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 से ही रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। सरकार ने आरबीआई (RBI) को यह सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे।


बैंकों में लिक्विडिटी को लेकर किया ये फैसला


रिजर्व बैंक (Reserve bank of India) ने बैंकों में लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए CRR में 0.50% की कटौती की है। आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो यानी नकद आरक्षी अनुपात को 4.5% से घटाकर 4% कर दिया है। केंद्रीय बैंक के इस फैसले से बैंकिंग सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ की लिक्विडिटी बढ़ेगी। आरबीआई के इस फैसले से बैंक के पास कर्ज देने के लिए ज्यादा पैसा होगा। इसका इस्तेमाल वो आसानी से लोन देने में करेंगे। 


महंगाई से राहत के क्रूा है आसार


अगर आप भी महंगाई से परेशान है तो बढ़ी महंगाई से राहत का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास ने अपनी मौद्रिक पॉलिसी का ऐलान (Monetary policy announcement) करते हुए कहा कि जनवरी से मार्च में महंगाई घटने का अनुमान है। हालांकि, आरबीआई ने महंगाई के अनुमान को बढ़ा दिया है। 


क्या है महंगाई का gdp ग्रोथ पर प्रभाव 


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर (Governor of Reserve Bank of India) ने कहा ​कि आसमान छूती महंगाई से देश की जीडीपी ग्रोथ पर बुरा असर हुआ है। इसके चलते दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ अनुमान से काफी कम रहा। आरबीआई गवर्नर (RBI governer) ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुस्ती से जीडीपी की रफ्तार धीमी हुई। 


वित्त वर्ष 2025 के लिए क्या है जीडीपी अनुमान


भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve bank of India) ने चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी का अनुमान 7.2% से घटाकर 6.6% रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी का अनुमान 6.9% कर दिया है।


बैंकिंग सेक्टर में लिक्विडिटी 


गर्वनर दास ने कहा कि फेस्टिव सीजन और ग्रामीण मांग में सुधार दिखा है। यह इंडियन इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने आगे कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर में लिक्विडिटी (Liquidity in banking sector) की कोई कमी नहीं है। 


फाइनेंशियल सेक्टर की मजबूत स्थिति 


इसके अलावा, RBI गर्वनर दास ने कहा कि बैंकिंग और फाइनें​शियल सेक्टर (Banking and financial sector) मजबूत स्थिति में हैं। बैंक से लोन की मांग बनी हुई है। उन्होंने बैंकों को निर्देश (RBI instructions to banks) दिया कि DBT स्कीम का फायदा अकाउंट होल्डर को बिना किसी परेशानी के उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 
 

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