RBI ने किसानों की कर दी मौज, अब तुरंत मिलेगा पैसा
My job alarm - डिजिटल ट्रांजेक्शन के युग में आज बैंक और बैंकिंग प्रणाली में भी काफी बदलाव किए जा रहे है। आए दिन आपको नई टेक्नोलॉजी से अवगत करा दिया जाता है। आजकल लोगों का रूझान ऑन्लाइन बैंकिंग (online banking systum) की तरफ काफी बढ़ गया है। लेकिन पुराने समय के लोग आज की इस तकनीकी भाषा को कुछ हद तक ही समझ पाते है। आजकल किसान भी वैसे तो काफी आधुनिक बनते जा रहे है।
किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने एक जरूरी ऐलान कर दिया है। सरकार के इस ऐलान के अनुसार कृषि कार्यों में तुरंत पैसे की जरूरत (Immediate need of money for agricultural work) को पूरा करने के लिए नया पोर्टल लॉन्च करने वाला है। ताकि, कृषि कार्यों से जुड़े किसान, कारोबारी जैसे मुर्गीपालन, डेयरी आदि का काम करने वाले लोगों को तुरंत पैसे की जरूरत को पूरा किया जा सके। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के छोटे व्यवसायों की वित्तीय जरूरत (Financial needs of small businesses in rural areas) को तुरंत पूरा करना है। इसीलिए आरबीआई नए मंच के जरिए पैसे के लिए आवेदन से जारी होने तक के समय को घटाकर केवल कुछ घंटे का करने पर जोर है।
इस पर जानकारी देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (reserve bank of India) यानि कि आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांद दास ने मुंबई में कार्यक्रम में कहा कि देश में छोटे व्यवसायी, कृषि कार्यों से जुड़े लोग और ग्रामीण लोनधारकों को लोन रकम ट्रांसफर करने में तेजी लाने के लिए यूनीफाइड लेंडिंग इंटरफेस (Unified Lending Interface (ULI)) लाने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ULI प्लेटफॉर्म विभिन्न सोर्स से जानकारी जुटाकर लोनधारकों (loan holders) की डिजिटल पहुंच पक्की करेगा।
अब तुरंत पूरी होंगी कृषि व्यवसाय की वित्तीय जरूरतें
भारत के केंद्रीय बैंक के गर्वनर का ये कहना है कि जल्द ही ULI को लॉन्च करने की योजना है। यह मंच लोनधारकों के लिए लोन एनालिसिस के लिए समय कम करेगा और डिजिटल जानकारी के जरिए प्रॉसेस को तेज करेगा। बता दें कि ये यूनीफाइड लेंडिंग इंटरफेस (Unified Lending Interface) विभिन्न क्षेत्रों खासकर कृषि कार्यों से जुड़े व्यवसाय और छोटी कंपनियों की लंबित वित्तीय मांग को पूरा करेगा। इससे किसानों को बहुत फायदा मिलने वाला है। किसानों को इसके बाद वित्तिय चिंता नही रहने वाली है।
बैंकिंग सेवाओं को डिजिटल बनाने का प्रयास
आजकल सब काम ही डिजिटल ही होते चले जा रहे है। बैंकिंग प्रणाली (banking systum) भी में इसमें पीछे नही रहने वाली है। पिछले साल ही केंद्रीय बैंक के जरिए बैंकिंग सेवाओं को डिजिटल बनाने के प्रयासों के तहत पायलट लॉन्च किया गया था, जिसने भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट मार्केट में से एक बना दिया है। इनमें डिजिटल वॉलेट, मोबाइल बैंकिंग के साथ-साथ यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) शामिल हैं, जो यूजर्स को मोबाइल के जरिए एक बैंक अकाउंट से दूसरे में रकम ट्रांसफर करने की सहूलियत मिलती है। इससे आप बिना बैंक जाए कितना ही ट्रांजेक्शन आसानी से घर बैठे ही कर सकते (money transaction rules) है।
UPI की तरह बदलाव लाएगा ULI
केंद्रीय बैंक के गर्वनर दास ने कहा कि जिस तरह से UPI ने पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को बदल कर रख दिया है, वैसे ही हम उम्मीद करते हैं कि यूनीफाइड लेंडिंग इंटरफेस (Unified Lending Interface) भारत में लोन क्षेत्र को बदलने में काफी बड़ी भूमिका निभा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि ULI आने से कृषि और ग्रामीण क्षेत्र की तुरंत वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में तेजी लाई जा सकेगी, जिससे सुदूर इलाकों में वित्तीय संकट (financial crisis to farmers) के चलते कारोबार चलाने की बाधाएं दूर की जा सकेगी।