My job alarm

RBI ने लोन नहीं भरने वालों को दी बड़ी राहत, सभी बैंकों को जारी किए सख्त निर्देश

RBI guidelines on loans :  आज के वक्त में काफी लोगों को लोन की जरूरत पड़ती है। यह लोन पर्सनल या व्हीकल या होम लोन या अन्य कोई लोन हो सकता है। लोन लेने के बाद उसे चुकाने के लिए किस्त (EMI) भी देनी पड़ती है। कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है कि आर्थिक हालात खराब हो जाते हैं और किस्त देने के लिए जेब खाली हो जाती है। इसके बाद परेशानी शुरू हो जाती है। इसी संबंध में RBI की ओर से महत्वपूर्ण गाइडलाइन जारी की गई है। इससे लोन नहीं भर पाने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।
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RBI ने लोन नहीं भरने वालों को दी बड़ी राहत, सभी बैंकों को जारी किए सख्त निर्देश

My job alarm (RBI guidelines on loans) : जब भी ग्राहक लोन पर डिफॉल्ट करता है, तो यहां तीन पक्ष होते हैं- ग्राहक, बैंक और रिकवरी एजेंट। बैंक रिकवरी एजेंट्स को हायर करते हैं कि वो ग्राहक से लोन बकाया वसूल करें। इन रिकवरी (home loan rates) एजेंट्स को लोन वसूल करने पर कमीशन मिलता है। ऐसे में इनके पास कमीशन पाने का यही तरीका होता है कि आपसे किसी भी तरह से वसूली करवा ली जाए। इसी के चलते हम आपको  हजारीबाग के एक किसान की कहानी बताने जा रहे हैं। 

हाल ही में एक किसान ने निजी फाइनेंस कंपनी से कर्ज लिया और ट्रैक्टर खरीद लिया। उन्होंने सोचा कि ट्रैक्टर से अच्छी कमाई करेगें और खुशहाली आएगी। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि लोन के पीछे रिकवरी एजेंट भी आ जाएगें। ऐसे एजेंट जो उन्हें लोन रिकवरी के लिए कोई भी तकलीफ (loan recovery) देने से बाज नहीं आएगें। क्योंकि उन्हें तो सिर्फ वसुली करने से मतलब होता हैं। इसी के चलते इस किसान के घर से लोन रिकवरी एजेंटों ने ट्रैक्टर जबरन ले जाने की चेष्टा की। इसी के चलते इस मामले को कोर्ट में ले जाया गया। इसी के चलते हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको इस बात की जानकारी जरूरी होनी चाहिए कि क्या लोन रिकवरी एजेंट वाकई उस ट्रैक्टर को ले जा सकते थे? आखिर बैंक द्वारा उस किसान को क्या हक दिए गए थे? आज हम आपको लोन रिकवरी का पूरा गणित बताएगें तो आइए जानते हैं इससे जुडा पुरा अपडेट...


जानिए RBI के गाइडलाइंस


असल में जब भी (RBI guidelines) ग्राहक समय से लोन न चुका पाने पर डिफॉल्ट की कैटेगरी में पाया जाता है, तो ऐसे मामले में तीन पक्ष जुड़े होते हैं, ग्राहक, बैंक और रिकवरी एजेंट। बैंक या इंश्योरेंस कंपनी लोन के भरपाई (home loan rule) के लिए रिकवरी एजेंट्स को हायर करते हैं, ताकि रिकवरी एजेंट्स ग्राहक से लोन बकाया वसूल कर सकें। इन रिकवरी एजेंट्स को लोन वसूल करने पर बैंक या इंश्योरेंस कंपनी कमीशन भी मिलता है। ऐसे में रिकवरी एजेंट्स के पास कमीशन पाने का यही तरीका होता है कि आपसे किसी भी तरह से वसूली कर लें।


RBI ने कहा कि कर्जदारों को किसी भी तरह से प्रताड़ित न किया जाए, उन्हें उकसाया न जाए, कर्जदारों को किसी भी तरह का अनुचित मैसेज न भेजा जाए। साथ ही कोई धमकी न दी जाए, अनजान नंबर से (rbi on home loan) फोन न किया जाए. यही नहीं वसूली एजेंट सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद किसी भी कर्जदार को किसी भी तरह का कॉल भी नहीं कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि पहली बार RBI ने इस मुद्दे पर दिशा निर्देश जारी किए हैं. इससे (RBI guidelines on recovery agents) पहले भी RBI कर्ज वसूली से जुड़ी गाइडलाइंस जारी करता रहा है लेकिन हाल ही में एक के बाद एक घटनाएं सामने आई हैं। इनको देखते हुए ये नई और बेहद सख्त गाइडलाइंस जारी की गई हैं।


क्या हैं कर्जदार के अधिकार -
आपको बता दें कि आखिर बैंक से कर्ज लेने के बाद कर्जदार के क्या हक होते हैं? सबसे पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि कोई वसूली एजेंट ज्यादती नहीं कर सकता। ऐसा होने पर आप पुलिस (loan recovery agents) की सहायता ले सकते हैं। कोई वसूली एजेंट किसी की संपत्ति को जब्त नहीं कर सकता है। एजेंट का काम केवल कर्जदार को भुगतान के लिए तैयार करना होता है। एजेंट किसी भी स्थिति में कर्जदार को शारीरिक, मानसिक या किसी और तरीके से परेशान नहीं कर सकता है।


अगर बैंक लोन रिकवरी एजेंट्स का सहारा ले रहे हैं तो ये ध्यान रखना होगा कि ये एजेंट्स आरबीआई की आचार (Harassment from Recovery Agents) संहिता के तहत ही अपना काम करें। इन एजेंट्स के पास आईडी कार्ड, ऑथराइजेशन लेटर और बैंक की ओर से जारी किए गए नोटिस की कॉपी हो। आरबीआई के नियमों के तहत ये एजेंट्स ग्राहकों का किसी भी तरह से शोषण नहीं कर सकते हैं।
 

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