लोन लेने वालों को RBI ने नहीं दी राहत, जानिये EMI घटाने के 4 सही तरीके
My job alarm - Reduce EMI: आरबीआई से मिले अपडेट के अनुसार भले ही रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 10वीं बार भी कोई बदलाव नहीं किया हो लेकिन अब होम लोन की EMI घटाने के कुछ तरीके आपके सामने आ गए हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर (How to Reduce EMI) शक्तिकांत दास तीन दिन चली मौद्रिक नीति समिति (PMC) की बैठक के बाद जब बुधवार सुबह जनता से मुखातिब हुए तो हर आदमी की उम्मीदों भरी निगाह उनकी तरफ थी।
लेकिन फिर से लोगों को निरासा का सामना करना पडा जिसके चलते गवर्नर ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। लेकिन अब आपको इस बात के बारे में घबराने की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि हम आपको अपने लोन की ईएमआई घटाने के 4 सरल उपाय बता रहे हैं।
अगर रिपोर्ट पर नजर डालें तो इसके अनुसार गवर्नर दास ने महंगाई का हवाला देते हुए एक बार फिर रेपो रेट को 6.50 फीसदी (Reduce personal loan EMI) पर बनाए रखने की मजबूरी बताई। आपको बता दें कि बीते ढाई सालों से लोन की ब्याज दरें नीचे नहीं आई हैं। जिसके चलते आप अधिक ईएमआई पर ही किस्तें चुका रहे हैं। ऐसे में लोगों की महंगाई के चलते कमर टुट गई हैं। लेकिन ये 4 बेहतर और आसान ऑप्शन की मदद से ईएमआई को कम किया जा सकता हैं।
दूसरे बैंक में ट्रांसफर कराएं लोन-
होम लोन या किसी पर्सनल फाइनेंस की ईएमआई घटाने का आसान तरीका ये है कि आप अपने लोन को दूसरे बैंक में (how to transfer loan) ट्रांसफर करा सकते हैं। अगर आप किसी प्राइवेट बैंक से लोन लेकर ज्यादा ब्याज भुगत रहे हैं तो इसे किसी सरकारी बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं या फिर किसी भी ऐसे बैंक में जो आपको कम ब्याज दर की पेशकश कर रहा हो। इस प्रोसेस में आपको बैंक द्वारा खुद ही ब्याज कम रखने की पेशकश कर दी जाती हैं। इससे आप अपनी ईएमआई को घटा सकते हैं।
प्रीपेमेंट है बढि़या ऑप्शन-
अब हम आपको ईएमआई घटाने का दूसरा सबसे आसान और प्रभावी तरीका बताने जा रहे हैं। जी हां, प्रीपेमेंट (Prepayment) एक ऐसा ऑपशन हैं जिसकी मदद से आप लोन से काफी हद तक मुक्त हो सकते हैं। उदाहरण के लिए आप दिवाली पर मिले बोनस या अन्य किसी तरीके से आई रकम का इस्तेमाल लोन के प्रीपेमेंट के लिए कर सकते हैं। आपको बता दें कि ईएमआई के अतिरिक्त किया गया कोई भी भुगतान आपके प्रिंसिपल अमाउंट को (Prepayment Reduce EMI) कम करता है।
चूंकि, ब्याज प्रिंसिपल अमाउंट पर लिया जाता है लिहाजा प्रीपेमेंट के बाद आपकी ईएमआई अपने आप कम हो जाती है। अगर आप 50 लाख के लोन के शुरुआती कुछ साल में 5 लाख का प्रीपेमेंट करते हैं तो पूरे टेन्योर में कम से कम 12-14 लाख रुपये तक का ब्याज बचा सकते हैं.
फिक्स्ड से फ्लोटिंग रेट पर जाएं-
अगर आपने लोन लिया हैं और वो फिक्सड ब्याज दर पर चल रहा हैं तो आपके पास ये आसान तरीका हैं कि फ्लोटिंग रेट पर ट्रांसफर करा सकते हैं। फ्लोटिंग रेट का मतलब है कि जब भी रेपो रेट में गिरावट आएगी तो आपके लोन की ब्याज दर भी इसी अनुपात में कम हो जाएगी।
अगर आपका लोन फिक्स्ड ब्याज दर पर चल रहा है तो इसे फ्लोटिंग रेट पर ट्रांसफर करा सकते हैं। फ्लोटिंग रेट का (Reduce auto loan EMI) मतलब है कि जब भी रेपो रेट में गिरावट आएगी तो आपके लोन की ब्याज दर भी इसी अनुपात में कम हो जाएगी। अभी रेपो रेट काफी ज्यादा चल रहा है, लेकिन आने वाले समय में आरबीआई इसमें कटौती जरूर करेगा और आपकी ब्याज दर कम होने से ईएमआई भी अपने आम कम हो जाएगी.
लोन का टेन्योर बढ़ा लें-
अगर आप अपने लोन का टेन्योर (how to extend loan tenure) बढा लेते हैं तो आप पर ईएमआई का बोझ नहीं आएगा। मसलन, आपने 20 साल के लिए लोन लिया था तो उसे बढ़ाकर 25 साल कर सकते हैं. इससे आपकी ईएमआई काफी कम हो जाएगी और फौरी तौर पर आपके ऊपर पड़ने वाला बोझ भी कम हो जाएगा. हालांकिा, यह बात ध्यान में जरूर रखना कि टेन्योर बढ़ने से ब्याज में रूप में चुकाई जाने वाली कुल रकम भी बढ़ जाएगी. लिहाजा आगे जब कभी आपके पास पैसा हो तो प्रीपेमेंट जरूर करते जाना.