Property selling Rules : करोड़ों रुपये देने के बाद भी यहां नहीं खरीद सकते एक इंच जमीन, जानिये क्या कहता है कानून
Property selling Rules In India : आमतौर पर अधिकतर लोग अपनी जमा पूंजी के सुरक्षित निवेश के लिए जमीन खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में वह गांव, शहर या दूसरे राज्यों में अचल संपत्ति खरीदने की ओर चलता है, लेकिन आपको बता दें कि भारत में कई राज्य ऐसे हैं, जहां आप करोड़ों रुपये की पूंजी जेब में रखकर एक इंच जगह भी नहीं ले सकते। यहां के निवासियों को ही यह सुविधा है। ऐसा कानून में प्रावधान (Rules For selling Property) होने के चलते है। आइये जानते हैं उन सभी राज्यों व कानून संबंधी नियमों के बारे में।
My job alarm (ब्यूरो)। देश में कई राज्य ऐसे हैं जहां दूसरे प्रदेशों के लोग जमीन नहीं खरीद सकते। हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्य के लोगों को पहाड़ी क्षेत्रों में संपत्ति खरीदने (Rules for selling property) की अनुमति नहीं है। ये पाबंदी 1972 के भूमि कानून की धारा-118 के प्रभाव में आने के बाद लागू हुई थी। इसी तरह अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मेघालय में भी नियम तय किए गए हैं। ये नियम (Rules for buying and selling property) इन प्रदेशों को विशेषाधिकारों के तहत मिले हैं। आइये जानते हैं इन राज्यों में कृषि योग्य व रिहायशी जमीन को लेकर क्या नियम हैं।
हिमाचल में जमीन खरीदने के नियम
हिमाचल प्रदेश में संपत्ति लेने व देने के लिए किरायेदारी व भूमि सुधार अधिनियम की धारा-118 को लागू किया गया है। इस नियम के मुताबिक दूसरे राज्य का निवासी या खेती न करने वाला हिमाचल प्रदेश में कृषि भूमि नहीं खरीद सकता। बाहरी राज्य के लोगों को वसीयत के जरिये भी यहां के लोग जमीन नहीं बेच सकते।
इसके बावजूद धारा-118 में ऐसी प्रक्रियाएं हैं, जो किसी बाहरी राज्य के व्यक्ति को आधिकारिक सहमति के अनुरोध के बाद हिमाचल प्रदेश में (Himachal Pradesh buying and selling property Rule) कृषि भूमि और संपत्ति दोनों खरीदने की मंजूरी देती है। इसके लिए बाहरी राज्य के व्यक्ति को भूमि खरीद के लिए एक आवेदन जमा करना होगा। इसमें भूमि को खरीदने के उद्देश्य को बताना होगा। राज्य सरकार आवेदक की ओर से दी गई सभी जानकारियों की जांच व पुष्टि करने के बाद जमीन के हस्तांतरण को लेकर फैसला लेती है।
सिक्किम में जमीन खरीदने के नियम -
सिक्किम में सिर्फ सिक्किम के लोग ही जमीन खरीद कर सकते हैं। सिक्किम (Sikkim Property Rule) को यह विशेषाधिकार संविधान के अनुच्छेद-371 एफ के तहत है। इस अनुच्छेद के अनुसार बाहरी लोग सिक्किम में कृषि भूमि या संपत्ति की खरीद नहीं कर सकते। इस राज्य में अचल संपत्ति खरीदने की छूट (Property selling Rules in Sikkim) की बात करें तो यह अनुमति केवल सिक्किम के स्थानीय जनजातीय क्षेत्रों के आदिवासी लोगों को है। वे कृषि भूमि और संपत्ति खरीद सकते हैं। बाहरी लोगों के लिए संपत्ति की खरीद फरोख्त की बात करें तो औद्योगिक भवन निर्माण के लिए ही बाहरी लोग कृषि भूमि खरीद सकते हैं।
अरुणाचल में कई साल पहले ही तय हो गया था यह नियम
अरुणाचल प्रदेश में भी बाहरी राज्य के लोगों को रिहायशी संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है। हालांकि सरकारी अनुमति के बाद कृषि भूमि का हस्तांतरण किया जा सकता है। यह नियम अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Property) के राज्य बनने के साथ ही तय हो गया था। इस प्रदेश को 1963 में राज्य बनने के साथ ही विशेषाधिकार के तौर पर अनुच्छेद-371 ए मिला था।
इस नियम के अनुसार राज्य में (Property selling Rules in Arunaachal Pradesh) बाहरी लोगों को जमीन खरीदने की अनुमति नहीं है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग समुदाय से जुड़ी भूमि का बाहरी लोगों को हस्तांतरण धारा-46 के जरिये प्रतिबंधित है। हां, इतना जरूर है कि ऐसी जमीन को वसीयत के जरिये पड़ोसियों और उसी पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाले लोगों को दिया जा सकता है।
शिलांग में संपत्ति खरीद की छूट नहीं
शिलांग मेघालय की राजधानी है। यहां पर हर कोई जमीन (Shillong Me Property Bechne Ke Niyam) नहीं ले सकता है। शिलांग में बाहरी लोगों को प्रोपर्टी खरीदने की छूट नहीं है। यहां के नियम-कानून ऐसे हैं जिनके अनुसार आसपास के राज्यों यानी पूर्वोत्तर के निवासी भी एक-दूसरे के राज्य में जमीन नहीं खरीद (Property selling Rules) सकते। इसके अलावा मिजोरम, मेघालय और मणिपुर में भी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से जुड़े कई नियम-कानून हैं।