My job alarm

Property Rates : दिल्ली-एनसीआर से आगे निकले ये शहर, गोली की रफ्तार से बढ़ रहे प्रोपर्टी के रेट

Property Rates : वैसे तो पूरे देश में ही प्रॉपर्टी की कीमतें में बढ़ रही हैं. लेकिन अब दो साल से टियर 2 और 3 जैसे छोटे शहरों ने मेट्रो शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है. Delhi-NCR में प्रॉपर्टी के मामले में राज करने वाले गुड़गांव-नोएडा को भी इन्‍होंने धूल चटा दी है. इन छोटे शहरों में गोली की रफ्तार से प्रॉपर्टी के दाम बढ़ रहे हैं...

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Property Rates : दिल्ली-एनसीआर से आगे निकले ये शहर, गोली की रफ्तार से बढ़ रहे प्रोपर्टी के रेट

My Job alarm (Property Rates) : बड़े शहरों को छोड़कर लोगों का छोटे शहरों की ओर मूवमेंट करने का ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ रहा है. दरअसल मौजूदा समय में जब बड़े शहरों की भीड़भाड़ और महंगाई ने जीवन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है, तो छोटे शहरों ने न केवल उम्‍मीद दिखाई है, बल्कि Delhi-NCR में प्रॉपर्टी के मामले में राज करने वाले गुड़गांव-नोएडा को भी इन्‍होंने धूल चटा दी है. इन छोटे शहरों में गोली की रफ्तार से प्रॉपर्टी के दाम बढ़ रहे हैं, फिर चाहे फ्लैट हो, प्‍लॉट हो या विला.

आपको बता दें कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में सिर्फ सामान्‍य रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी (Residential and commercial property) ही नहीं बढ़ी बल्कि लग्‍जरी लाइफस्‍टाइल भी पहुंच चुकी है. नई तकनीक और इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के चलते इन शहरों में रियल एस्‍टेट डेवलपर्स (Real Estate Developers) भी नए-नए प्रोजेक्‍ट्स लांच करने में तेजी दिखा रहे हैं.

 

इन छोटे शहरों ने भरी ऊंची उड़ान
कभी शांत और धीमी रफ्तार माने जाने वाले ये शहर आज तेजी से बड़े विकास केंद्र बनते जा रहे हैं. इन छोटे शहरों में फरीदाबाद, लखनऊ, वृन्दावन, लुधियाना, चंडीगढ़, इंदौर, देहरादून, हल्द्वानी, अजमेर, जयपुर जैसे शहर शामिल हैं. देखा जा रहा है कि भारत के टियर 2 और टियर 3 शहर पिछले दस वर्षों में तेजी से विकसित हुए हैं लेकिन कोरोना के बाद से इनमें जो बूम आया है, वह दिल्‍ली-एनसीआर में हो रही तरक्‍की से भी आगे निकल गया है. 

 

कंपनियां भी कर रहीं छोटे शहरों का रुख
सिर्फ ग्राहक ही नहीं बढ़ते रोजगार और कारोबारी अवसर के चलते कंपनियां भी इन शहरों का रुख कर रही हैं. यहां ऑपरेशन की लागत कम है और काबिल लोगों की भरमार है. फरीदाबाद, जयपुर, कोयंबटूर और इंदौर जैसे शहरों में आईटी पार्क, औद्योगिक क्षेत्र और स्पेशल इकॉनमिक जोन का विकास तेजी से हो रहा है, जो इन शहरों की बढ़ती अहमियत को दिखाता है. सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन और AMRUT जैसी योजनाओं ने इन शहरों में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है.

 

मेट्रो शहरों वाली सुविधाएं हैं मौजूद-
बड़े मेट्रो शहरों की तरह इन छोटे शहरों में भी अब सभी सुविधाएं मौजूद हैं. फिर चाहे मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, खेल और मनोरंजन की जगहें, बेहतरीन स्कूल और अस्पताल हो या कुछ और, सभी चीजें यहां उपलब्ध हैं. साथ ही बड़े शहरों से कनेक्टिविटी भी बेहतर हो रही है. जिसके चलते लोग यहां एक बेहतर और सेहतमंद जिंदगी जीने की उम्‍मीद कर रहे हैं.

 

कम खर्च, शांतिपूर्ण जीवन का सपना हो रहा साकार-

कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग कहते हैं, ‘छोटे शहरों में जमीन और मकानों की बढ़ती मांग के चलते डेवलपर्स (Developers) बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं. नतीजतन, इन शहरों में नए-नए मॉल, ऑफिस स्पेस और रिहायशी कॉलोनियों का विकास हो रहा है, जो इनका पूरा शहरी परिदृश्य बदल रहा है.’

तिरस्‍या एस्‍टेट के सीईओ वंश कटारिया का कहना है कि जैसे-जैसे बड़े शहर महंगे होते जा रहे हैं, टियर 2 और 3 शहर बेहतर विकल्प के रूप में उभर रहे हैं. ये शहर बिना ज्यादा खर्च किए अच्छी और बेहतर जीवनशैली प्रदान करते हैं.

जबकि रॉयल एस्‍टेट ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष कंसल कहते हैं कि चंडीगढ़, मोहाली, लुधियाना जैसे शहरों में कम निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल रहा है. इससे न केवल बिल्डर्स और प्रमोटर्स को लाभ हो रहा है, बल्कि ग्राहकों को भी गुणवत्तापूर्ण संपत्तियां (Quality Assets) मिल रही हैं.

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